सोशल मीडिया पर सोच समझ कर करें चुनावी पोस्‍ट, पुलिस का है 24 घंटे 'पहरा'

इस बार भी सोशल मीडिया चुनावी दंगल का एक बड़ा 'अखाड़ा' है. जहां किसी पार्टी या उसके उम्मीदवार का भ्रामक प्रचार या दुष्प्रचार गहरा असर दिखा सकता है.

इस बार भी सोशल मीडिया चुनावी दंगल का एक बड़ा 'अखाड़ा' है. जहां किसी पार्टी या उसके उम्मीदवार का भ्रामक प्रचार या दुष्प्रचार गहरा असर दिखा सकता है.

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Drigraj Madheshia
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सोशल मीडिया पर सोच समझ कर करें चुनावी पोस्‍ट, पुलिस का है 24 घंटे 'पहरा'

प्रतिकात्‍मक चित्र

इस बार भी सोशल मीडिया चुनावी दंगल का एक बड़ा 'अखाड़ा' है. जहां किसी पार्टी या उसके उम्मीदवार का भ्रामक प्रचार या दुष्प्रचार गहरा असर दिखा सकता है. सोशल मीडिया पर चुनावी उठा-पटक पर नजर रखने के लिए इस बार चुनाव आयोग सोशल मीडिया पहले से ज्यादा अलर्ट है.  चुनाव आयोग के निर्देश पर तमाम राज्यों में पुलिस की स्पेशल मॉनिटरिंग और रेस्पॉंस टीम बनाई गई हैं. ये स्पेशल टीम 24 घंटे ड्यूटी कर रही हैं. वे सोशल मीडिया के तमाम प्लेटफॉर्म के सर्वर से कनेक्ट हैं. उनके अधिकारियों से संपर्क बनाए हैं, ताकि किसी प्रकार की शिकायत मिलते ही एक्शन ले सकें. साथ ही दुष्प्रचार वाली सामग्री को सोशल मीडिया से हटाया जा सके.

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यदि कोई शख्स, खासकर किसी पार्टी के कार्यकर्ता या सोशल मीडिया टीम के सदस्य व्हाट्स एप, फेसबुक या Twitter पर बिना सोचे-समझे या भ्रामक प्रचार व दुष्प्रचार के लिए चुनावी पोस्ट करते हैं या उसे शेयर करते हैं तो वे कानूनी कार्रवाई के दायरे में आ सकते हैं. चुनावों में किसी पार्टी या नेता के खिलाफ आपत्तिजनक या भड़काऊ जानकारी न प्रसारित हो, इसके लिए निर्वाचन आयोग के निर्देश पर पुलिस कमर कस चुकी है.

ये अलग बात है कि भले ही वरिष्ठ पुलिस अधिकारी सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक सामग्री पर निगरानी रखने का दावा कर रही है, वहीं कुछ पुलिस अधिकारी बता रहे हैं कि निगरानी का सिर्फ दावा है, हकीकत में चुनावों में सोशल मीडिया के दुरुपयोग को रोकने के लिए रेस्पॉंस टीम बना दी गई है, जो तभी एक्शन लेगी, जब शिकायत आएगी. व्यवहारिक तौर पर सोशल मीडिया पर हर सामग्री की जांच और एक्शन लेना मुमकिन नहीं है. शिकायत के बिनाह पर आरोपियों के खिलाफ फौरन एक्शन मुमकिन होगा, ताकि सोशल मीडिया का गलत इस्तेमाल करने वालों में डर पैदा हो. इस संबंध में आईटी एक्ट के तहत कार्रवाई होगी, जिसमें सख्त सजा का प्रावधान है.

दिल्ली पुलिस के इंतजाम

साइबर सेल के एक अधिकारी ने बताया कि सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने वालों, राजनैतिक दलों या फिर उनसे जुड़े नेताओं पर भद्दी और अश्लील टिप्पणी करने वालों पर पुलिस कार्रवाई के लिए तैयार है. ऐसी कोई भी शिकायत मिलने पर पुलिस टीम फौरन एक्शन लेगी. चुनावों के मद्देनजर दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने एक स्पेशल रेस्पॉंस सेल का गठन किया है, जो 24 घंटे तैनात है. इसमें अलग-अलग शिफ्ट में जांच अधिकारी अपनी टीम के साथ तैनात हैं. ये सेल सोशल मीडिया के सभी सर्विस प्रोवाइडर से संपर्क में है. दिल्ली पुलिस के पास चुनावों में साइबर क्राइम से संबंधित कोई शिकायत आती है तो इस सेल के जरिए फौरन एक्शन लेना और आपत्तिजनक सामग्री को ब्लॉक या रिमूव करना संभव होगा.

डीसीपी नई दिल्ली व जनसंपर्क अधिकारी मधुर वर्मा कहते हैं कि दिल्ली पुलिस ने इस बार सोशल मीडिया संबंधी शिकायत पर एक्शन लेने के लिए स्पेशल टीम का गठन किया है, जो चुनावों में सोशल मीडिया संबंधी शिकायत पर तुरंत एक्शन लेगी.

निर्वाचन आयोग के मुताबिक, देश के अन्य प्रमुख राज्यों में चुनावों के मद्देनजर मीडिया मॉनिटरिंग सेल बनाए गए है, जो चुनाव के दौरान सोशल मीडिया का दुरुपयोग करने वालों को पहचान कर उनके खिलाफ आईटी एक्ट में केस दर्ज करके कार्रवाई करेंगे. पुलिस कुछ जगहों पर सोशल मीडिया के इस्तेमाल के प्रति लोगों को जागरुक करने के लिए वर्कशॉप भी कर रही हैं.

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म खुद भी एक्शन ले रहे हैं

फेसबुक ने चुनावी मौसम में कई अकाउंट्स और पेज को हटा दिया है जो बीजेपी और कांग्रेस से जुड़े हुए थे, प्लेटफॉर्म का गलत इस्तेमाल राजनीतिक फायदे या झूठी जानकारियां फैलाने के लिए न हो इसके लिए फेसबुक ने यह कदम उठाया है. फेसबुक ने बीजेपी के नमो ऐप से जुड़ी कंपनी के 15 अकाउंट्स को हटा दिया है. फेसबुक ने बताया है कि उसने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) द्वारा प्रमोट किए गए मोबाइल ऐप से जुड़ी एक भारतीय कंपनी के कुछ अकाउंट्स को भी बैन कर दिया है. कांग्रेस पार्टी के आईटी सेल से जुड़े कुल 687 पेज और अकाउंट हटा दिए हैं. इसके अलावा फेसबुक ने पाकिस्तान पर भी कार्रवाई करते हुए उसके 103 पेज,ग्रुप और अकाउंट्स को हटा दिया है.

Source : Avneesh Chaudhary

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