बीजेपी को 2 सीट से सत्‍ता के शीर्ष तक पहुंचाने वाले लालकृष्‍ण आडवाणी अब कभी नहीं कर पाएंगे ये काम

बीजेपी के दिग्गज नेता और मार्गदर्शक लालकृष्ण आडवाणी 1947 में आरएसएस की कराची शाखा के सचिव थे. 1967 में नगर निगम दिल्ली के चेयरमैन और 1970 में पहली बार राज्यसभा सदस्य चुने गए.

बीजेपी के दिग्गज नेता और मार्गदर्शक लालकृष्ण आडवाणी 1947 में आरएसएस की कराची शाखा के सचिव थे. 1967 में नगर निगम दिल्ली के चेयरमैन और 1970 में पहली बार राज्यसभा सदस्य चुने गए.

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Drigraj Madheshia
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बीजेपी को 2 सीट से सत्‍ता के शीर्ष तक पहुंचाने वाले लालकृष्‍ण आडवाणी अब कभी नहीं कर पाएंगे ये काम

लालकृष्‍ण आडवाणी

लोकसभा चुनाव 2019 का चुनाव इस बार बीजेपी अपने दो बड़े दिग्‍गजों के बिना लड़ रही है. मुरली मनोहर जोशी और लालकृष्‍ण आडवाणी. गांधी नगर से आडवाणी और कानपुर से मुरली मनोहर जोशी का पत्‍ता बीजेपी ने काट दिया है. गुजरात की गांधीनगर से पिछले 25 साल से लगातार लालकृष्ण आडवाणी बंपर वोटों के साथ चुनाव जीतते आ रहे थे. यदि वह इस बार फिर से गांधीनगर सीट से जीतकर आते तो वह एक ही सीट से लगतार 6 बार जीतने वाले सांसद बन जाते जो अपने आप में एक रिकॉर्ड होता.

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बीजेपी के दिग्गज नेता और मार्गदर्शक लालकृष्ण आडवाणी 1947 में आरएसएस की कराची शाखा के सचिव थे. 1967 में नगर निगम दिल्ली के चेयरमैन और 1970 में पहली बार राज्यसभा सदस्य चुने गए. वह चार बार राज्य सभा और 7 बार लोकसभा सदस्य चुने जा चुके हैं. इसके अलावा उन्होंने राज्य सभा में विपक्ष के नेता, लोकसभा में विपक्ष के नेता, उप प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जैसी बड़ी जिम्मेदारियां संभाली हैं. बीजेपी को राष्ट्रीय राजनीति में आगे ले जाने में लालकृष्ण आडवाणी का बड़ा योगदान है.

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चूंकि लालकृष्ण आडवाणी अब 91 वर्ष के हो चुके हैं और वह अभी सबसे उम्रदराज सांसद हैं. ऐसे में यदि वह एक बार और लोकसभा चुनाव लड़ते और जीतकर आते तो अब तक के सबसे ज्यादा उम्र के सांसद होने का रिकॉर्ड उनके नाम होता. इससे पहले जनता दल यूनाइटेड के नेता राम सुंदर दास जो कि हाजीपुर लोकसभी सीट से सांसद से उन्हें सबसे उम्र दराज सांसद होने का खिताब हासिल था. वह आखिरी बार 88 वर्ष की उम्र में चुनाव लड़े थे और 93 वर्ष के होने तक सांसद रहे थे.

बीजेपी के दिग्गज नेता एलके आडवाणी और डॉ मुरली मनोहर जोशी और पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गी अटल बिहारी बाजपेयी को बीजेपी के टॉप-3 नेता माना जाता था. लेकिन 2014 के लोकसभा चुनाव में 75 साल वाली पार्टी की नीति के कारण आडवाणी और जोशी दोनों की सरकारी संस्था में मंत्री जैसी जिम्मेदारी नहीं मिली. बल्कि उनके लिए एक मार्गदर्शक मंडल बनाकर उन्हें मार्गदर्शक बना दिया गया.

गांधीनगर के बादशाहः पिछले चुनाव परिणाम 

सन  प्रत्‍याशी दल वोट मिले वोट शेयर
1991 लाल कृष्ण आडवाणी  BJP 356,902 25%
जी आई पटेल INC 231,223 16%
1998लालकृष्ण आडवाणी BJP 541,340 30%
पी के दत्ता INC 264,639 14%
1999  लाल कृष्ण आडवाणी BJP 453,229 24%
टी एन शेसन INC 264,285 14%
2004एल के अडवाणी BJP 516,120 24%
गभाजी मांगजी ठाकुर  INC298,982 14%
2009 लालकृष्ण आडवाणी BJP434,044 27%
पटेल सुरेशकुमार चतुर्दास INC312,29720%
2014 लालकृष्ण आडवाणी BJP 773,539 44%
कीर्तिभाई ईश्वरभाई पटेल INC 290,418  16%

Source : DRIGRAJ MADHESHIA

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