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विधायकों को शामिल करते समय आत्मावलोकन की जरूरत : गोवा भाजपा नेता

पिछले वर्ष कांग्रेस के दो विधायकों सुभाष शिरोडकर और दयानंद सोप्ते को पार्टी में शामिल करने पर भाजपा के पूर्व मुख्यमंत्री लक्ष्मीकांत पारसेकर, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और प्रदेश अध्यक्ष राजेंद्र अरलेकर ने विरोध जताया था.

Updated on: 28 Mar 2019, 06:22 PM

नई दिल्ली:

दूसरी राजनीतिक पार्टियों के विधायकों को भाजपा में शामिल करने को लेकर गोवा भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने असंतोष जाहिर किया है. पिछले वर्ष कांग्रेस के दो विधायकों सुभाष शिरोडकर और दयानंद सोप्ते को पार्टी में शामिल करने पर भाजपा के पूर्व मुख्यमंत्री लक्ष्मीकांत पारसेकर, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और प्रदेश अध्यक्ष राजेंद्र अरलेकर ने विरोध जताया था. इन नेताओं ने गुरुवार को भी पार्टी में एमजीपी के दो विधायकों के शामिल किए जाने के हालिया निर्णय पर निराशा जाहिर की है.

आरलेकर ने गुरुवार को मीडिया से कहा, "मेरा मानना है कि अन्य पार्टियों से विधायकों को शामिल करना सही नहीं है. हम एक पार्टी के तौर पर सही नहीं सोच रहे हैं. हमें आत्मावलोकन करने की जरूरत है." बुधवार तड़के 1.45 बजे महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी के तीन विधायकों में से दो ने पार्टी छोड़ दी और अपने संगठन का भाजपा में विलय कर दिया.

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इनमें से एक विधायक को कुछ घंटों में ही कैबिनेट मंत्री बनाया गया, जबकि एक अन्य विधायक पर्यटन मंत्री मनोहर अजगांवकर को उप मुख्यमंत्री बनाया गया. पिछले वर्ष दो कांग्रेस नेताओं को पार्टी में शामिल करने पर पारसेकर ने इसका विरोध किया था और प्रदेश अध्यक्ष विनय तेंदुलकर व राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह पर भाजपा के अपने नेतृत्व की कीमत पर बाहरी नेताओं को शामिल करने का आरोप लगाया था.

इसबार भी आरलेकर ने ऐसी ही आवाज उठाई है. उन्होंने कहा, "इस तरह के निर्णय हमारे लोगों के लिए अच्छे नहीं हैं. यह पार्टी के भविष्य के लिए अच्छा नहीं है."

पूर्व विधानसभा अध्यक्ष ने यह भी कहा कि पार्टी के अंदर असंतुष्टि व्यक्त करने के लिए एक मंच है और वह पार्टी में गैर-भाजपा नेताओं को शामिल करने पर वहां आवाज उठाएंगे.