मध्‍य प्रदेश के पहले चरण में कमलनाथ की राजनीतिक विरासत दांव पर

मध्य प्रदेश की 29 सीटों पर चार चरणों में मतदान संपन्‍न होंगे. राज्‍य के पहले चरण में 29 अप्रैल को 6 सीटों पर वोट डाले जाएंगे.

मध्य प्रदेश की 29 सीटों पर चार चरणों में मतदान संपन्‍न होंगे. राज्‍य के पहले चरण में 29 अप्रैल को 6 सीटों पर वोट डाले जाएंगे.

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Drigraj Madheshia
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मध्‍य प्रदेश के पहले चरण में कमलनाथ की राजनीतिक विरासत दांव पर

अपने बेटे के साथ कमलनाथ

मध्य प्रदेश की 29 सीटों पर चार चरणों में मतदान संपन्‍न होंगे. राज्‍य के पहले चरण में 29 अप्रैल को 6 सीटों पर वोट डाले जाएंगे. इनमें सीधी, शहडोल, जबलपुर, मंडला, बालाघाट और छिंदवाड़ा के लिए वोट डाले जाएंगे. इनमें से मंडला और बालाघाट में बीजेपी जबकि छिंदवाड़ा में कांग्रेस का पलड़ा भारी है. जबलपुर, सीधी और शहडोल में लड़ाई कांटे की है.

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राज्‍य में चुनाव का पहला चरण 29 अप्रैल से शुरू हो रहा है. देखें किस सीट पर कौन ठोक रहा ताल

लोकसभा चुनाव का चौथा चरण (29 अप्रैल)
6 सीटों पर मतदान: सीधी, शहडोल, जबलपुर, मंडला, बालाघाट और छिंदवाड़ा.

लोकसभा क्षेत्रबीजेपीकांग्रेस2014 का परिणाम
सीधीरीति पाठकअजय सिंह राहुलबीजेपी
शहडोलहिमाद्री सिंहप्रमिला सिंहबीजेपी
जबलपुरराकेश सिंहविवेक तन्खाबीजेपी
मंडलाफग्गन सिंह कुलस्तेकमल मारावीबीजेपी
बालाघाटढाल सिंह बिसनमधु भगतबीजेपी
छिंदवाड़ानतन शाहनकुल नाथ कांग्रेस

सीधी का हाल

पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में सीधी लोकसभा क्षेत्र की 8 विधानसभा 8 सीटों में से 7 पर बीजेपी और 1 पर कांग्रेस का कब्जा है. सीधी की जनता ने दोनों ही पार्टियों को बराबर मौका दी है. लेकिन पिछले 2 चुनावों में इस सीट पर बीजेपी को ही जीत मिली है. कांग्रेस ने इस सीट पर जीत 2007 के उपचुनाव में हासिल की थी. लेकिन 2007 के पहले तीन चुनावों में बीजेपी ने यहां पर लगातार जीत हासिल की थी. इस सीट पर बीजेपी और कांग्रेस दोनों को 6-6 बार जीत मिली है.

2014 के चुनाव में बीजेपी की रीति पाठक ने कांग्रेस के इंद्रजीत कुमार को हराया था. रीति ने 48.08 फीसदी वोट पाकर इंद्रजीत कुमार को हराया था. बसपा तीसरे स्थान पर रही थी. रीति पाठक ने इस चुनाव में 1,08,046 वोटों से जीत हासिल की थी. इस चुनाव में रीति पाठक को 48.08 फीसदी वोट मिले थे, इंद्रजीत को 37.16 फीसदी वोट और बसपा उम्मीदवार को 3.98 फीसदी वोट मिले थे.

शहडोल का हाल

इस सीट पर7 बार कांग्रेस ने जीत का स्‍वाद चखा है. साल 1996, 1998, 1999 और 2004 के चुनाव में बीजेपी को यहां पर लगातार जीत मिली थी. लेकिन 2009 के चुनाव में यहां पर कांग्रेस ने वापसी की और राजेश नंदिनी यहां के सांसद बने. पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में इस लोकसभा क्षेत्र में आने वाली सीटों जयसिंहनगर, अनूपपुर, मानपुर, जैतपुर, पुष्पराजगढ़,बरवारा, कोटमा में से 4 पर बीजेपी और 4 पर कांग्रेस का कब्जा है.  शहडोल लोकसभा सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है. बीजेपी के ज्ञान सिंह यहां के सांसद हैं. 2016 के उपचुनाव में उन्होंने कांग्रेस के हिमाद्री सिंह को हराया था.

जबलपुर का हाल

जबलपुर में भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) पिछले 6 चुनावों से वो जीत हासिल करते हुए आ रही है. कांग्रेस को आखिरी बार यहां पर 1991 में जीत मिली थी. प्रदेश बीजेपी के दिग्गज नेताओं में से एक राकेश सिंह यहां के सांसद हैं. 2014 में लगातार तीसरी बार जीत हासिल कर वह संसद पहुंचे. जेडीयू के पूर्व नेता शरद यादव भी इस सीट से जीतकर संसद पहुंच चुके हैं.

मंडला का माया जाल

अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवार के लिए आरक्षित मंडला लोकसभा क्षेत्र से बीजेपी ने फिर से पूर्व केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते पर दांव लगाया है. पूर्व केंद्रीय मंत्री फगन सिंह कुलस्ते यहां से पांच बार सांसद रह चुके हैं. 2014 में उन्होंने कांग्रेस के ओमकार सिंह को हराया था. यहां 52.3 फीसदी आबादी अनुसूचित जनजाति के लोगों की है और 7.67 फीसदी अनुसूचित जाति के लोग हैं.

छिंदवाड़ा 

कमलनाथ की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ा रहे नकुलनाथ का चुनावी राजनीति में पहला कदम है. नकुल के कंधों पर पिता की राजनीतिक विरासत और जनता की अपेक्षाओं का भार है. 2014 में मोदी लहर के बाद भी कमलनाथ ने बीजेपी के चौधरी चंद्रभान सिंह को एक लाख से ज्यादा मतों से हराया था. कमलनाथ यहां से नौ बार सांसद रहे हैं. नकुल का मुकाबला बीजेपी के आदिवासी नेता नत्थन शाह कवरेती से हैं.

शहडोल

यहां पर दो महिलाओं की जंग है. बीजेपी ने हिमाद्री सिंह और कांग्रेस ने प्रमिला सिंह पर दांव लगाया है. दोनों अपनी पार्टी बदलकर ताल ठोक रही हैं स्थानीय संगठन में दोनों के सामने अंतरविरोध का संकट है. इस बार का चुनाव ये संदेश जरुर देगा कि यहां के आदिवासी चेहरों पर मुहर लगाते हैं या उनके लिए चुनाव चिन्ह मायने रखता है.

बालाघाट

यहां पर मुकाबला चतुष्कोणीय है. बीजेपी से बागी बोधसिंह भगत ने बीजेपी उम्मीदवार ढालसिंह बिसेन की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. कांग्रेस के मधु भगत के सामने भी बसपा से चुनाव लड़ रहे कंकर मुंजारे की चुनौती है. जातिय समीकरण भी यहां बहुत मायने रखता है.

लोकसभा चुनाव का पांचवां चरण ( 6 मई)

7 सीटों पर मतदान: टीकमगढ़, दमोह, सतना, होशंगाबाद, बैतूल, खजुराहो और रीवा.

लोकसभा क्षेत्र बीजेपी कांग्रेस
होशंगाबादउदय प्रताप सिंहशैलेंद्र दीवान
बेतूलदुर्गादासरामू टेकाम
खजुराहोबीडी शर्माकविता सिंह
सतनागणेश सिंहराजा राम त्रिपाठी
रीवाजनार्दन मिश्रासिद्धार्थ तिवारी
टीकमगढ़वीरेंद्र कुमार खटीककिरण अहिरवार
दमोहप्रहलाद पटेलप्रताप सिंह लोधी

लोकसभा चुनाव का छठवां चरण (12 मई)
8 सीटों पर मतदान: मुरैना, भिंड, ग्वालियर, गुना, भोपाल, सागर, विदिशा और राजगढ़.

लोकसभा क्षेत्र बीजेपीकांग्रेस
भोपालप्रज्ञा ठाकुरदिग्विजय सिंह
राजगढ़रोडमल नागरमोना सुस्तानी
देवासमहेंद्र सोलंकीप्रह्लाद टिपानिया
विदिशारमाकांत भार्गवशैलेंद्र पटेल
गुनाकेपी यादवज्योतिरादित्य सिंधिया
मुरैनानरेंद्र सिंह तोमरराम निवास रावत
भिंडसंध्या रायदेवाशीष जारड़िया
ग्वालियरविवेक शेजवलकरअशोक सिंह
सागरराज बहादुर सिंहप्रभांशु सिंह ठाकुर

लोकसभा चुनाव का सातवां चरण (19 मई)
8 सीटों पर मतदान: देवास, उज्जैन, मंदसौर, रतलाम, इंदौर, धार, खरगौन और खंडवा.

लोकसभा क्षेत्रबीजेपीकांग्रेस
उज्जैनअनिल फिरोजियाबाबूलाल मालवीय
मंदसौरसुधीर गुप्तामीनाक्षी नटराजन
रतलामजीएस डामोरकांति लाल भूरिया
धारछतर सिंह दरबारदिनेश गिरवाल
खरगोनगजेंद्र पटेलडॉ. गोविंद मुजालदा
इंदौरशंकर लालवानीपंकज संघवी
खंडवा नंदकुमार सिंह चौहानअरुण यादव

Source : DRIGRAJ MADHESHIA

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