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Lok sabha election 2019: पांचवें चरण में 51 सीटों पर मतदान आज, दांव पर लगी है इन दिग्गजों की किस्मत

सात चरणों में होने वाले लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha Elections 2019) के पांचवें चरण का चुनाव 6 मई यानी सोमवार को होगा.

Updated on: 06 May 2019, 09:13 AM

नई दिल्‍ली:

सात चरणों में होने वाले लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha Elections 2019) के पांचवें चरण का चुनाव 6 मई यानी सोमवार को होगा. इस चरण के 674 उम्मीदवारों की किस्‍मत का फैसला 8.75 करोड़ वोटर करेंगे. पांचवें चरण में वोटिंग संपन्‍न होते ही लोकसभा की 425 सीटों के लिए चुनाव पूरा हो जाएगा. बाकी के बचे दो चरणों में 118 सीटों के लिए मतदान 12 व 19 मई को होगा.

उत्तरप्रदेश में 14 सीटों, राजस्थान में 12 सीटों, पश्चिम बंगाल और मध्यप्रदेश में सात- सात सीटों पर चुनाव होंगे जबकि बिहार में पांच और झारखंड में चार सीटों के लिए चुनाव होना है. जम्मू-कश्मीर के लद्दाख सीट और अनंतनाग सीट के लिए पुलवामा और शोपियां जिलों में चुनाव होना है. उत्तरप्रदेश में 14 सीटों पर बड़े राजनीतिक हस्तियों के बीच चुनावी टक्कर है जिनमें केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह और स्मृति ईरानी, संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी शामिल हैं. आइए जानें इस चरण की खास बातें....

पांचवां चरणः 2014 का चुनाव परिणाम

Allience Seats Vote %
NDA 41 41.85
UPA 2 20.54
OTHER 8 37.61

बीजेपी के सामने 39 सीटों को बचाने की चुनौती

पांचवें चरण में कुल 51 सीटों पर सोमवार को वोटिंग होगी. इनमें से बीजेपी के पास 39 सीटें हैं जिन्‍हें बचाए रखने की चुनौती है. 2014 के चुनाव में इनमें से यूपी की 12, राजस्थान की सभी 12, मप्र की सभी 7, झारखंड की सभी 4, बिहार की 3 और जम्मू-कश्मीर की 01 सीट बीजेपी ने हासिल की थी.

पांचवां चरणः 2014 का चुनाव परिणाम

पार्टी सीट
AITC 7
BJP 39
RLSP 1
INC 2
LJP 1
PDP 1
टोटल 51

इस चरण की हॉट सीटें और महत्‍वपूर्ण तथ्‍य


सारण (बिहार)

  • 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के राजीव प्रताप रूडी ने बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी को 40,948 वोट से हराया था.
  • यहां से भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केन्द्रीय मंत्री राजीव प्रताप रूडी मैदान में हैं .
  • राजीव प्रताप सिंह रूडी इस बार इस सीट से चौका लगाने के फिराक में हैं.
  • बिहार के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेजप्रताप यादव के ससुर चंद्रिका राय राजद के टिकट पर मैदान में हैं.
  • बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री दरोगा राय के बेटे चंद्रिका राय सारण के परसा विधानसभा सीट से विधायक हैं.

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  • ‘संपूर्ण क्रांति’ के जनक जयप्रकाश नारायण की कर्मभूमि रहे सारण की राजनीति में लालू प्रसाद लंबे समय तक केंद्रबिंदु रहे हैं.
  • साल 1977 में लालू प्रसाद पहली बार सारण लोकसभा सीट से ही चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे थे.
  • फिर 1989, 2004 और 2009 में लालू प्रसाद यहां से सांसद चुने गये.
  • यहां  मुख्य मुकाबला यदुवंशी और रघुवंशी के बीच का ही होता है.
  • 2014 में यहां 56.12 प्रतिशत मतदान हुआ था.
  • सारण लोकसभा सीट पर वोटरों की कुल संख्या 1661922 है. इसमें 770235 महिलाएं और 891660 पुरुष मतदाता हैं. अन्य मतदाता 27 है.
  • 2011 की जनगणना के अनुसार सारण जिले में 89.45 प्रतिशत हिन्दू और 10.28 प्रतिशत मुस्लिम हैं.

हजारीबाग (झारखंड)

  • 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के जयंत सिन्हा ने कांग्रेस के सौरभ नारायण सिंह को 1,59,128 वोट से हराया था.
  • जयंत सिन्हा पूर्व केन्द्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा के पुत्र है.
  • मुख्य मुकाबला बीजेपी के प्रत्याशी जयंत सिन्हा और कांग्रेस के प्रत्याशी गोपाल साहू के बीच है.

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  • सीपीआई के भुवनेश्वर प्रसाद मेहता के चुनावी मैदान में है.
  • जयंत सिन्हा केन्द्र सरकार में नागरिक उड्डयन राज्यमंत्री है.
  • यशवंत सिन्हा यहां से 1998, 1999 और 2009 में चुनाव जीता था.
  • 2014 में यहां 63.69 प्रतिशत मतदान हुआ था.
  • वोटरों की कुल संख्या 1664476 है जिसमें पुरुष मतदाता 884348, महिला मतदाता 780116 और अन्य मतदाता 12 हैं.
  • 2011 की जनगणना के अनुसार हजारीबाग जिले में 80.56 प्रतिशत हिन्दू और 16.21 प्रतिशत मुस्लिम हैं.

जयपुर(ग्रामीण)

  • 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के राज्यवर्धन राठौड़ ने कांग्रेस के सीपी जोशी को 3,32,896 वोट से हराया था.
  • बीजेपी ने मौजूदा सांसद राज्यवर्धन राठौड़ और कांग्रेस ने कृष्णा पुनिया को मैदान में उतारा है.
  • राज्यवर्धन राठौड़ ने एथेंस ओलिंपिक में सिल्वर मेडल जीत चुके हैं और कृष्णा पूनिया 2010 के कॉमनवेल्थ गेम में गोल्ड जीत चुकीं हैं.
  • राज्यवर्धन राठौड़ केन्द्र सरकार में सूचना और प्रसारण व खेल एवं युवा मामलो के मंत्री हैं.
  • कृष्णा पूनिया राजस्थान के सादुलपुर विधानसभा सीट से विधायक है.

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  • 2014 के लोकसभा चुनाव में यहां 59.77 प्रतिशत मतदान हुआ था.
  • 2008 के परिसीमन के बाद जयपुर और अलवर जिले के कुछ हिस्सों को मिलाकर जयपुर ग्रामीण लोकसभा सीट का गठन हुआ.
  • 2009 में यहां हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने यह सीट जीती थी.
  • जयपुर ग्रामीण लोकसभा क्षेत्र में जाट, ब्राह्मण और अनुसूचित जाति के मतदाताओं की संख्या ज्यादा है. जबकि गुर्जर, यादव, मीणा, राजपूत, माली और वैश्य मतदाता भी चुनावी गणित को प्रभावित करने का माद्दा रखते हैं.
  • यहां ढाई से तीन लाख के लगभग जाट और डेढ़ से दो लाख के करीब गुर्जर हैं.
  • वोटरों की कुल संख्या 1933331 है जिसमें पुरुष 1013088, महिला 912069 और सर्विस वोटर 817 हैं.

लखनऊ (उत्‍तर प्रदेश)

  • 2014 के लोकसभा चुनाव में लखनऊ सीट पर बीजेपी के वरिष्ठ नेता राजनाथ सिंह ने कांग्रेस की रीता बहुगुणा जोशी को 2 लाख 72 हजार 749 वोटों से मात देकर जीत हासिल की थी.
  • लखनऊ सीट बीजेपी का गढ़ मानी जाती है. बीजेपी ने एकबार फिर गृहमंत्री राजनाथ सिंह को टिकट दिया है. समाजवादी पार्टी ने कांग्रेस नेता शत्रुघ्न सिन्हा की पत्नी पूनम सिन्हा को टिकट दिया हैं.
  • धर्मगुरु प्रमोद कृष्णम कांग्रेस के उम्मीदवार हैं. 2014 के लोकसभा चुनाव में लखनऊ संसदीय सीट पर 53.06 फीसदी मतदान हुए थे. इस सीट पर 1991 से लगातार बीजेपी का कब्जा है.
  • वर्ष 1991 में पूर्व प्रधानमंत्री अटल विहारी वाजपेयी इस सीट से चुनाव लड़े थे और लगातार इस सीट से पांच बार चुनाव जीते. अटल बिहार वाजपेयी 2004, 1999,1998, 1996 और 1991 में यहां से जीते थे.
  • 2009 में वाजपेयी के करीबी लालजी टंडन ने जीत दर्ज की थी. लखनऊ में लगभग 4 लाख मुस्लिम मतदाता, 3.5 लाख कायस्थ मतदाता और 1.3 लाख सिंधी मतदाता हैं. पूनम सिन्हा खुद सिंधी हैं और उनके पति शत्रुघ्न सिन्हा कायस्थ जाति से आते हैं.


बैरकपुर (पश्‍चिम बंगाल)

  • 2014 के लोकसभा चुनाव में टीएमसी के दिनेश त्रिवेदी ने सीपीएम के सुभाषिनी अली को 2,06,773 वोट से हराया था.
  • 2019 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के अर्जुन सिंह, कांग्रेस पार्टी के एमडी. आलम, टीएमसी से दिनेश त्रिवेदी, सीपीएम के गार्गी चटर्जी मैदान में है.
  • 2014 में यहां 81.77 प्रतिशत मतदान हुआ था.

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  • इस लोकसभा सीट पर वोटरों की कुल संख्या 1433276 है. इसमें महिलाएं 693893 और पुरुष 739354 मतदाता हैं. अन्य 29 मतदाता है.
  • 2011 की जनगणना के अनुसार बैरकपुर जिले में 85.76 प्रतिशत हिन्दू और 13.37% प्रतिशत मुस्लिम हैं.
  • ऐसा माना जाता है कि बैरकपुर लोकसभा सीट पर राजनेताओं की किस्मत का फैसला जूट मिलों में काम करने वाले मजदूर तय करते हैं.
  • अंग्रेजों से भारत की आजादी की गवाह बनी इस सीट पर 2009 में पहली बार दिनेश त्रिवेदी सांसद बने.

अमेठी (उत्‍तर प्रदेश)

  • 2014 के लोकसभा चुनाव में अमेठी से कांग्रेस के राहुल गांधी ने बीजेपी के स्मृति ईरानी को 1,07,903 वोट से हराया था.
  • कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी यहां से एक बार फिर से मैदान में है.
  • बीजेपी ने केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को उतारा है.
  • महागठबंधन ने यहां से उम्मीदवार नहीं उतारा है.

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  • 2014 में यहां 52.39 प्रतिशत मतदान हुआ था.
  • 1980 में संजय गांधी चुनावी मैदान में उतरे और जीते. इस जीत ने अमेठी को गांधी परिवार की सीट में तब्दील कर दिया.
  • उनके निधन के बाद 1981 में हुए उपचुनाव में राजीव गांधी अमेठी से सांसद चुने गए और यहां से लगातार जीतते रहे.
  • सोनिया गांधी ने राजनीति में कदम रखने के बाद 1999 में अमेठी से चुनाव जीती.
  • 2004 के चुनाव में उन्होंने अपने बेटे राहुल गांधी के लिए यह सीट छोड़ दी. इसके बाद से राहुल यहां से लगातार तीन बार सांसद चुने जा चुके हैं.

रायबरेली (उत्‍तर प्रदेश)

  • 2014 के लोकसभा चुनाव में सोनिया गांधी ने बीजेपी के अजय अग्रवाल को 352713 वोट से हराया था.
  • कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी एक बार फिर चुनावी मैदान में है.
  • बीजेपी ने इस सीट से स्थानीय एमएलसी दिनेश सिंह को मैदान में उतारा है.
  • दिनेश सिंह हाल ही में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए थे.
  • महागठबंधन ने यहां से उम्मीदवार नहीं उतारा है.
  • 2014 में यहां 51.73 प्रतिशत मतदान हुआ था.
  • सोनिया गांधी 2004 में रायबरेली से दूसरी बार निर्वाचित हुईं.
  • 23 मार्च, 2006 को सोनिया गांधी ने लाभ के पद के आरोप के चलते लोकसभा सदस्यता से इस्तीफा दे दिया.

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  • 15 मई, 2006 में उपचुनाव में रायबरेली से पुन: निर्वाचित हुईं.
  • सोनिया गांधी 2009 में एक बार फिर से रायबरेली से सांसद निर्वाचित हुईं.
  • 1957 में पहली बार हुए चुनाव में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के पति फिरोज गांधी कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर उतरे और जीतकर सांसद बने.
  • 1967 में इंदिरा गांधी यहां से सांसद बनी. इसके बाद वो लगातार 2 बार जीती.
  • लेकिन 1977 में भारतीय लोक दल के उम्मीदवार राज नारायण के हाथों हार का मुंह देखना पड़ा.
  • 1980 में इंदिरा गांधी एक बार फिर उतरी और रिकॉर्ड मतों से जीत दर्ज की.
  • 1998 में बीजेपी से अशोक सिंह यहां कमल खिलाने में कामयाब रहे.