हनुमान जयंती 2019 Special: बजरंग अली से दलित हनुमान तक, क्या है महावीर का Politics से कनेक्शन
देश में इन दिनों भगवान हनुमान लगातार चर्चा में हैं. पिछले साल विधान सभा चुनावों में हनुमान की जाति चर्चा में थी. इस बार लोक सभा चुनाव में भी महावीर विक्रम बजरंगी चर्चा में हैं.
नई दिल्ली:
लोकसभा चुनावों के समय इन दिनों देश में भगवान हनुमान की लगातार चर्चा हो रही है. पिछले साल विधान सभा चुनावों के दौरान भगवान हनुमान की जाति चर्चा में थी, जबकि लोकसभा चुनाव में भी महावीर विक्रम बजरंगी चर्चा में हैं. वीर हनुमान का नाम मात्र लेने से ही सभी कष्ट दूर हो जाते हैं वहीं बजरंगबली का नाम लेते ही नेताओं को कष्ट झेलने पड़ गए. चुनावी सभा में बजरंग बली का नाम लेने पर निर्वाचन आयोग ने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ पर जनसभा या प्रेसवार्ता करने पर 16 अप्रैल की सुबह 6 बजे से 72 घंटे के लिए प्रतिबंध लगा दिया . आइए जानते हैं बजरंग बली का क्या है पाॅलिटिकल कनेक्शन...
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हनुमान की जाति को लेकर सबसे पहला बयान यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिया था जिसमें उन्होंने 27 नवंबर को अलवर में चुनावी रैली में भाषण के दौरान हनुमान को दलित बताया था. उन्होंने कहा था कि हनुमान वनवासी, वंचित और दलित थे. उनके इस बयान के बाद सियासी गलियारों में जमकर विरोध शुरू हो गया. कोई उन्हें दलित, कोई मुसलमान और कोई उन्हें जाट का बता रहा है, लेकिन अब सांसद कीर्ति आजाद ने उन्हें चीनी बता दिया है.
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कीर्ति आजाद ने कहा था, 'हनुमान जी चीनी थे. हर जगह यह अफवाह उड़ रहा है कि चीनी लोग दावा कर रहे हैं कि हनुमान जी चीनी थे.' बीजेपी सांसद उदित राज ने हनुमान को आदिवासी बताया. उत्तर प्रदेश के धर्मार्थ कार्य मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने विधान परिषद में बहस के दौरान हनुमान को जाट बता दिया.
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बीजेपी विधायक बुक्कल नवाब ने भी हनुमान की जाति को लेकर कहा था कि हनुमान मुस्लिम थे. इसलिए मुसलमानों के नाम रहमान, रमजान, फरहान, सुलेमान, सलमान, जिशान, कुर्बान पर रखे जाते हैं. इसके बाद बुक्कल नवाब मार्च में हनुमान चालीसा का पाठ भी किया. बुक्कल नवाब का कहना है कि उनके पिता दारा नवाब हनुमान जी के भक्त थे और उनकी आत्मा की शांति के लिए ही उन्होंने आज हनुमान चालीसा का पाठ किया है. उन्होंने ये भी कहा कि वो हमेशा से ही हिंदुत्व से प्रेरित रहे हैं और आज का कार्यक्रम राजनीति से प्रेरित नहीं है, आगे भी वो इस तरह के कार्यक्रम जारी रखेंगे.
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केंद्रीय मंत्री सत्यपाल सोंघ ने हनुमान को दलित नहीं आर्य बताया तो शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने उन्हें ब्राह्मण बताया. बीजेपी नेता और राज्यसभा सांसद गोपाल नारायण सिंह ने तो यह तक कह दिया कि हनुमान तो बंदर थे और बंदर पशु होता है, जिसका दर्जा दलित से भी नीचे होता है. वो तो राम ने उन्हें भगवान बना दिया.कांग्रेस नेता कमलनाथ ने छिंदवाड़ा में 101.8 फुट ऊंची हनुमान जी की मूर्ति बनवाई है. चुनाव से पहले उन्होंने हनुमान मंदिर में पूजा की और मध्य प्रदेश की जनता में भरोसा जताया था.
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