कांग्रेस पार्टी में इस लोकसभा चुनाव (Loksabha Elections 2019) में एक नहीं बल्कि कई 'बयानवीर' पैदा हो गए हैं. पहले कुछ बयान देना और फिर फजीहत होने पर उसे वापस लेना इस वजह से लोकसभा चुनाव में बहुत आम हो गया है. सैम पित्रोदा से लेकर मणिशंकर अय्यर तक इसकी एक लंबी फेहरिस्त है. हालांकि अब गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) का नाम इस कड़ी में शामिल हो गया है. वह कांग्रेस पार्टी के प्रधानमंत्री पद के त्याग से जुड़े अपने बयान से 24 घंटे में ही पलट गए हैं.
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अब कहा कांग्रेस को भी मौका मिलना चाहिए
कांग्रेस महासचिव ने शुक्रवार को कहा कि यह सच नहीं है कि कांग्रेस पार्टी पीएम पद के लिए दावेदारी नहीं पेश करेगी. उन्होंने कहा, 'कांग्रेस (Congress) पीएम पद (PM Post) की दावेदारी की इच्छुक नहीं है या फिर कांग्रेस पीएम पद पर दावा पेश नहीं करेगी, यह सच नहीं है. जाहिर सी बात है कि कांग्रेस ही देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी है. अगर हमें 5 साल तक सरकार चलानी है तो सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी को ही इसका मौका मिलना चाहिए.'
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गुरुवार को कही थी पीएम पद के त्याग की बात
गुरुवार को कांग्रेस महासचिव गुलाम नबी आजाद ने बयान दिया था, 'हमारा लक्ष्य हमेशा यह रहा है कि एनडीए (NDA) की सरकार सत्ता में वापस नहीं लौटनी चाहिए. हम सर्वसम्मति से लिए गए फैसले के साथ जाएंगे. जब तक हमें पीएम पद का ऑफर नहीं किया जाता हम कुछ नहीं कहेंगे.' आजाद के इस बयान को गठबंधन (Alliance) के लिए कांग्रेस की उत्सुकता के तौर पर देखा जा रहा था. हालांकि, अब एक दिन बाद ही वह अपने बयान से पलट गए हैं.
HIGHLIGHTS
- 24 घंटे में ही पीएम पद के त्याग वाले बयान से पलटे गुलाम नबी आजाद.
- अब कहा अगर पांच साल सरकार चलानी है, तो कांग्रेस को भी मौका मिलना चाहिए.
- कांग्रेस आलाकमान की असहमति जताने पर पलटे अपने ही बयान से.
Source : News Nation Bureau