चीनी या अमेरिका में हो फेसबुक, व्हाट्सएप और टि्वटर का सर्वर तब भी सरकार कर सकती है कार्रवाई

चुनाव आयोग की तरफ से साफ तौर पर गाइडलाइन दी गई है, जो सार्वजनिक है कि किस तरह से सोशल मीडिया का इस्तेमाल किया जा सकता है,

चुनाव आयोग की तरफ से साफ तौर पर गाइडलाइन दी गई है, जो सार्वजनिक है कि किस तरह से सोशल मीडिया का इस्तेमाल किया जा सकता है,

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Drigraj Madheshia
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चीनी या अमेरिका में हो फेसबुक, व्हाट्सएप और टि्वटर का सर्वर तब भी सरकार कर सकती है कार्रवाई

प्रतिकात्‍मक चित्र

चुनाव आयोग की तरफ से साफ तौर पर गाइडलाइन दी गई है, जो सार्वजनिक है कि किस तरह से सोशल मीडिया का इस्तेमाल किया जा सकता है, किस तरह से सोशल मीडिया पर रोक लगाई जा सकती है. आज ही 690 फेक फेसबुक पेज को बैन किया गया है, ऐसी कार्यवाही आगे भी जारी रहेगी.

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अगर चाइना की किसी एप्लीकेशन हेलो ने चुनावी आचार संहिता का उल्लंघन किया है तो ना सिर्फ उनसे जवाब मांगा जाएगा, बल्कि उस कंटेंट को भी हटाया जा सकता है, लेकिन जहां तक पूरी एप्लीकेशन को बंद करने का सवाल है इसके लिए आईटी एक्ट में अलग से प्रावधान है. आमतौर पर पहले कंटेंट हटाने के लिए कहा जाता है ना कि एप्लीकेशन को बंद करने के लिए. इसी तरह से फेसबुक, व्हाट्सएप और टि्वटर पर भी सरकार कार्यवाही करने के लिए कहती है ना कि उन्हें बैन किया जाता है.

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तकनीकी रूप से देखें तो भले ही इन एप्लीकेशन का मेन सर्वर भारत से बाहर चीनी या अमेरिका में हो, लेकिन अगर भारत सरकार कानून के तहत चाहे तो पूरे देश में ऐसे एप्लीकेशन के ना सिर्फ कंटेंट को हटाया जा सकता है, बल्कि प्रतिबंधित (ब्लॉक) भी की जा सकती है.

Source : Rahul Dabas

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