जानें क्या होता है Exit poll, कैसे निकाले जाते हैं चुनावी आंकड़े
इसके बाद 23 मई को काउंटिंग होगी और मालूम चलेगा कि किन 543 उम्मीदवारों का चयन देश की जनता ने किया है और जो संसद जाएंगे.
नई दिल्ली:
देश में 17वीं लोकसभा चुनाव का आज अंतिम चरण है, इस बार लोकसभा चुनाव 7 चरणों में हुए. इसके बाद 23 मई को काउंटिंग होगी और मालूम चलेगा कि किन 543 उम्मीदवारों का चयन देश की जनता ने किया है और जो संसद जाएंगे. हमेशा की तरह ही इससे पहले ही कयास लगाए जाने लगते हैं कि कौन जितेगा? किस पार्टी की कितनी सीटें आएंगी? इसके लिए एग्जिट पोल 19 मई को ही टीवी चैनलों पर शाम 6 बजे के बाद एग्जिट पोल आने लगेंगे.
इससे पहले भी सोशल मीडिया पर दलों के जीत-हार को लेकर लोग सियासी कयास लगा रहे हैं. कोई ओपिनियल पोल, कोई चुनावी सर्वे तो कोई पर्सनल ओपिनियन दे रहा है, लेकिन सबसे सटीक आकलन एग्जिट पोल का होता है. इसमें यह पता चल जाता है कि किस पार्टी के पक्ष में हवा चल रही है. कौन-सा दल इस चुनाव में बाजी मारेगा? आइए आपको बताते हैं कि आखिर एग्जिट पोल होते क्या हैं? कैसे निकलते हैं एग्जिट पोल के आंकड़े?
एग्जिट पोल से पहले समझिए चुनावी सर्वे का गणित
एग्जिट पोल से पहले समझिए चुनावी सर्वे को. क्योंकि इसी प्रक्रिया से होकर गुजरता है एग्जिट पोल. तो मोटा-मोटा यह है कि चुनाव के दौरान निर्वाचकों, वोटर से बातचीत अलग-अलग राजनीतिक दलों, कैंडिडेट्स की जीत-हार के पूर्वानुमानों के आकलन की एक पूरी प्रक्रिया होती है, जिसे चुनावी सर्वे कहा जाता है. ये सर्वे अलग-अलग तरह के होते हैं और आधार भी अलग-अलग होता है. इसी में शामिल होते हैं एग्जिट और ओपिनियन पोल.
क्या होते हैं एग्जिट पोल?
सभी चरणों के पूरा होने के बाद ही एग्जिट पोल दर्शाए जाते हैं. लेकिन उससे पहले हर चरण के मतदान के दिन डाटा इकट्ठा किया जाता है. मसलन, मौजूदा लोकसभा चुनाव सात चरणों में हो रहा है. ऐसे में एग्जिट पोल के लिए हर चरण की वोटिंग के बाद डाटा इकट्ठा किया गया. वोटिंग के दिन जब मतदाता वोट डालकर निकल रहा होता है, तब उससे पूछा जाता है कि उसने किसे वोट दिया. इस आधार पर किए गए सर्वेक्षण से जो व्यापक नतीजे निकाले जाते हैं. इसे ही एग्जिट पोल कहते हैं. आमतौर पर टीवी चैनल वोटिंग के आखिरी दिन एग्जिट पोल ही दिखाते हैं.
जैसे मान लीजिए कि 19 मई को 7वें चरण की वोटिंग खत्म हो जाएगी और शाम 7 बजे आप टीवी पर जो चुनावी सर्वे देखेंगे वो एग्जिट पोल ही होगा. इसमें हर चरण की वोटिंग के बाद किए गए सर्वे शामिल होंगे. इसमें यह दिखाया जाता है कि कौन-से दल के प्रत्याशी जीत रहे हैं और किस दल के प्रत्याशी हार रहे हैं.
पहली बार एग्जिट पोल किसने शुरू किया
एग्जिट पोल शुरू करने का श्रेय नीदरलैंड के एक समाजशास्त्री और पूर्व राजनेता मार्सेल वॉन डैम को जाता है. उन्होंने 15 फरवरी, 1967 को पहली इसका इस्तेमाल किया था. नीदरलैंड में हुए चुनाव में उनका आकलन सटीक बैठा था. जबकि भारत में इसकी शुरुआत का श्रेय इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक ओपिनियन के मुखिया एरिक डी कोस्टा को जाता है. चुनाव के दौरान इस विधा द्वारा जनता के मिजाज को परखने वाले वे पहले व्यक्ति थे.
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