/newsnation/media/post_attachments/images/general-elections-201968-Sheila-Dikshit-5-11.jpg)
शीला दीक्षित (फाइल फोटो)
लोकसभा चुनाव 2019 (LoksabhaElection2019) के लिए दिल्ली में आम आदमी पार्टी (Aam Admi Party) से गठबंधन को लेकर कांग्रेस (INCIndia) पार्टी दोफाड़ हो गई है. प्रदेशाध्यक्ष शीला दीक्षित (Sheila Dixit) का धड़ा अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) की पार्टी से गठबंधन के खिलाफ है तो दूसरा धड़ा जिसमें प्रदेश प्रभारी पीसी चाको (PC Chako) के अलावा पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अजय माकन (Ajay Makan) शामिल हैं, गठबंधन की पैरवी कर रहा है. गठबंधन की संभावना को लेकर नाराजगी जाहिर करने के बाद शीला दीक्षित ने आज मंगलवार दोपहर बाद प्रेस कांफ्रेंस बुलाई है.
गठबंधन को लेकर एक दिन पहले भी दोबारा कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के आवास पर दोनों धड़ों की बैठक बुलाई गई थी. राहुल गांधी के सामने भी शीला दीक्षित गठबंधन न होने को लेकर अड़ी रहीं, वहीं दूसरा खेमा गठबंधन की पैरवी करता रहा. हालांकि, प्रदेश अध्यक्ष शीला दीक्षित और तीनों कार्यकारी अध्यक्षों सहित छह लोगों के विरोध के चलते राहुल गांधी किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सके.
राहुल गांधी के आवास पर बुलाई गई बैठक में दिल्ली प्रभारी पीसी चाको, सह प्रभारी कुलजीत सिह नागरा, दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष शीला दीक्षित, तीनों कार्यकारी अध्यक्ष हारून यूसुफ, देवेंद्र यादव, राजेश लिलोठिया, पांच पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा, अजय माकन, अरविन्दर सिह लवली, ताजदार बाबर, जेपी अग्रवाल व दिल्ली विधान सभा के पूर्व अध्यक्ष योगानंद शास्त्री शामिल हुए थे. बैठक करीब 40 मिनट तक चली पर कोई फैसला नहीं हो पाया.
बताया जा रहा है कि बैठक में शामिल 12 नेताओं में से 6 लोग समर्थन तो 6 विरोध में थे. पीसी चाको, कुलजीत सिह नागरा, अजय माकन, सुभाष चोपड़ा, अरविन्दर सिह लवली, ताजदार बाबर ने गठबंधन का समर्थन किया, जबकि, शीला दीक्षित, हारून यूसुफ, देवेंद्र यादव, राजेश लिलोठिया, जेपी अग्रवाल और योगानंद शास्त्री ने गठबंधन का विरोध किया. खास बात यह रही कि अब तक गठबंधन का विरोध कर रहे सुभाष चोपड़ा और अरविंदर सिंह लवली अब गठबंधन की पैरवी कर रहे हैं. इसके अलावा दिल्ली के 14 जिला अध्यक्षों और दिल्ली के तीनों नगर निगमों में पार्टी के पार्षदों का नेतृत्व करने वाले नेताओं ने भी गठबंधन के समर्थन में पत्र दिया है.
Source : News Nation Bureau