दौसा लोकसभा सीट: भाजपा के गढ़ में कांग्रेस लगा पाएगी सेंध, समझें सियासी समीकरण
दौसा लोकसभा सीट राजनीतिक गणित के लिहाज से बीजेपी और कांग्रेस दोनों दलों के लिए नाक का सवाल है. यही वजह है कि यहां लगातार बड़े नेता दौरे कर रहे हैं. दोनों दलों के नेता जीत का दावा कर रहे हैं.
नई दिल्ली:
राजस्थान का दौसा ऐतिहासिक, धार्मिक और साहसिक नगरी के रूप में जाना जाता है. दौसा लोकसभा में वो सब है, जो आपको देश, दुनिया में मिलेगा. यह विश्व प्रसिद्ध स्थल हैं, जिनको देखने के लिए राजस्थान ही नहीं, देश-विदेश के लोग भी आते हैं. दौसा का नाम पास ही की देवगिरी पहाड़ी के नाम पर पड़ा. दौसा में धार्मिक स्थल मेहंदीपुर बालाजी है. दुनिया की सबसे गहरी आभानेरी की चांद बावड़ी भी इस क्षेत्र की आभा से पूरी दुनिया को रूबरू करवाती है. यहां भूतों का किला भानगढ़ भी है. दौसा में लंब समय तक बडगुर्जरों का आधिपत्य रहा. दौसा के किले का निर्माण भी बड़गुर्जरों ने करवाया, लेकिन आजादी के बाद से अभी तक दौसा कई मूलभूत चुनौतियों से भी जूझ रहा है. पीने का पानी यहां की मुख्य समस्या है. लोगों का साफ कहना है कि जो भी नेता इस समस्या को दूर करेगा वो उसको ही वोट देंगे. हालांकि, बीजेपी की हवा यहां ज्यादा दिख रही है.
दौसा लोकसभा सीट राजनीतिक गणित के लिहाज से बीजेपी और कांग्रेस दोनों दलों के लिए नाक का सवाल है. यही वजह है कि यहां लगातार बड़े नेता दौरे कर रहे हैं. बीते दिनों यहां यूपी के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने लालसोट में भाजपा के कन्हैया लाल के पक्ष में एक जनसभा की थी. वहीं, बुधवार को राजस्थान के मुखिया भजनलाल भी सिकराय में एक जनसभा करके कन्हैया लाल के पक्ष में वोट अपील करने पहुंचे थे. दो राज्य के मुख्यमंत्री के बाद अब खुद देश के मुखिया नरेंद्र मोदी ने यहां रोड शो किया है. वैसे तो दौसा लोकसभा सीट पर कांग्रेस के कई दिग्गज और भाजपा के कई वरिष्ठ नेता चुनाव लड़ चुके हैं, लेकिन देश के प्रधानमंत्री के इस हॉट सीट पर आने और रोड शो करने के बाद ये सीट प्रतिष्ठा की सीट बन गई है.
अभी जसकौर मीणा हैं सांसद
वर्तमान में यहां से बीजेपी की जसकौर मीणा सांसद हैं, लेकिन इस बार बीजेपी ने जसकौर के स्थान पर कन्हैयालाल मीणा को टिकट दिया है. कन्हैयालाल मीणा चार बार बस्सी से विधायक रह चुके हैं. कांग्रेस ने भी अशोक गहलोत सरकार में मंत्री रहे मुरारीलाल मीणा को चुनावी मैदान में उतारा है. मुरारीलाल मीणा एक बार बांदीकुई और तीन बार दौसा से विधायक रह चुके हैं.
10 सालों से बीजेपी का कब्जा
दौसा लोकसभा सीट पर पिछले 10 साल से भगवा लहर रहा है. ऐसे में कांग्रेस के सामने कई चुनौतियां होंगी, लेकिन इस सीट के सियासी इतिहास को देखे तो कांग्रेस के लिए उम्मीद की एक किरण जरूर नजर आती है. बीजेपी प्रत्याशी कन्हैयालाल और कांग्रेस उम्मीदवार मुरारीलाल मीणा दोनों पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं. हां,हालांकि, दोनों नेता चार-चार बार विधानसभा चुनाव जीत चुके हैं. यहां पर पहले चरण में (19 अप्रैल) को मतदान होगा. दौसा लोकसभा क्षेत्र में 3 जिलों दौसा, जयपुर और अलवर की 8 विधानसभा सीटें आती हैं. इनमें 5 पर बीजेपी और 3 पर कांग्रेस का कब्जा है.
दौसा की सियासत बड़ी मुश्किल
भले ही इस सीट को कांग्रेस और बीजेपी अपना मजबूत गढ़ बता रही हो, लेकिन परिसीमन के बाद हुए 2009 के चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस, दोनों पार्टियों के प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई थी और निर्दलीय के रूप में किरोड़ी लाल मीणा जीत गए, जबकि जम्मू-कश्मीर से चुनाव लड़ने आए एक अनजान व्यक्ति कमर रब्बानी चेची को भी करीब पौने तीन लाख वोट मिले जो अप्रत्याशित थे. दौसा लोकसभा सीट पर करीब 19 लाख मतदाता हैं. इनके लिए 1965 मतदान केंद्र भी बनाए गए हैं. दौसा लोकसभा क्षेत्र में सबसे ज्यादा मीणा मतदाता हैं. यहां मीणा वोटरों की संख्या साढ़े 7 लाख है. एससी और ब्राह्मण मतदाता भी 4-4 लाख हैं. इनके अलावा करीब ढाई-ढाई लाख गुर्जर-माली और शेष अन्य जातियों के मतदाता हैं
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
-
The Lion King Prequel Trailer: डिज़्नी ने किया सिम्बा के पिता मुफासा की जर्नी का ऐलान, द लायन किंग प्रीक्वल का ट्रेलर लॉन्च
-
Priyanka Chopra: शूटिंग के बीच में प्रियंका चोपड़ा नेशेयर कर दी ऐसी सेल्फी, हो गई वायरल
-
Film Kanguwa: इन सात देशों में हुई है बॉबी देओल की फिल्म कंगुवा की शूटिंग, जानें कब रिलीज होगी फिल्म?
धर्म-कर्म
-
Weekly Horoscope 29th April to 5th May 2024: सभी 12 राशियों के लिए नया सप्ताह कैसा रहेगा? पढ़ें साप्ताहिक राशिफल
-
Varuthini Ekadashi 2024: शादी में आ रही है बाधा, तो वरुथिनी एकादशी के दिन जरूर दान करें ये चीज
-
Puja Time in Sanatan Dharma: सनातन धर्म के अनुसार ये है पूजा का सही समय, 99% लोग करते हैं गलत
-
Weekly Horoscope: इन राशियों के लिए शुभ नहीं है ये सप्ताह, एक साथ आ सकती हैं कई मुसीबतें