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अंतिम चरण से पहले कांग्रेस को झटका, प्रियंका गांधी वाड्रा से नाराज इस नेता ने दिया इस्‍तीफा

कांग्रेस महासचिव और पूर्वी उत्तर प्रदेश में पार्टी की प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) से नाराज होकर भदोही जिला कांग्रेस (Congress) कमेटी की अध्यक्ष नीलम मिश्रा ने हाथ का साथ छोड़ दिया है.

Updated on: 13 May 2019, 10:14 AM

नई दिल्‍ली:

लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण से पहले कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है. कांग्रेस महासचिव और पूर्वी उत्तर प्रदेश में पार्टी की प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) से नाराज होकर भदोही जिला कांग्रेस (Congress) कमेटी की अध्यक्ष नीलम मिश्रा (Neelam Mishra) ने हाथ का साथ छोड़ दिया है. उनके कई साथी कार्यकर्ताओं ने शनिवार को पार्टी छोड़ दी. नीलम ने बताया कि प्रियंका (Priyanka Gandhi Vadra) द्वारा उन्‍हें सरेआम अपमानित किया गया. 

कांग्रेस नेताओं के इस्तीफा देने के बाद पुरी से बीजेपी  उम्मीदवार संबित पात्रा ने निशाना साधा है. उन्‍होंने ट्वीट करते हुए कहा, 'प्रियंका वाड्रा के अपमान से दुखी भदोही जिला कांग्रेस के सभी पदाधिकारियों ने वोटिंग की पूर्वसंध्या पर पार्टी से इस्तीफा दे दिया. नामदार अपने कार्यकर्ताओं को गाली गलोच करके ही प्यार बांटते हैं?

भदोही जिला कांग्रेस (Bhadohi Congress) कमेटी की अध्यक्ष नीलम मिश्रा ने आरोप लगाया कि शुक्रवार को हुई चुनावी सभा के बाद उन्होंने प्रियंका से शिकायत की थी कि भदोही से पार्टी के प्रत्याशी रमाकांत यादव जिला कांग्रेस कमेटी से तालमेल नहीं रख रहे हैं . रैली में पार्टी के कई जिला पदाधिकारियों को पास नहीं दिया गया. नीलम ने बताया कि इस पर प्रियंका ने भीड़ के सामने ही उनसे तेज आवाज में बात की और कहा कि अगर आप लोग अपमानित महसूस कर रहे हैं तो करते रहिए. इसके अलावा प्रियंका ने भीड़ के सामने कई कड़े शब्द कहकर पार्टी जिला इकाई के पदाधिकारियों को अपमानित किया.

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उन्होंने कहा कि वह और उनके साथी अब 19 मई को होने वाले भदोही लोकसभा सीट के चुनाव में गठबंधन के प्रत्याशी रंगनाथ मिश्रा का समर्थन करेंगे. इस बारे में कांग्रेस के जिला उपाध्यक्ष मुशीर इक़बाल ने कहा कि जिला अध्यक्ष नीलम मिश्रा सहित कई पदाधिकारियों ने जल्दबाज़ी में यह कदम उठाया है. उन्होंने कहा अभी चुनाव खत्म होने का इंतजार करना चाहिए था.

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न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए नीलम मिश्रा ने कहा, 'जब रमाकांत यादव को टिकट दिया गया तो यह हमारे लिए बड़ा धक्का था. यादव बाहरी और पूर्व भाजपा सदस्य हैं. यादव ने पार्टी कार्यकर्ताओं से दूरी बना रखी है. हमें किसी तरह का कोई समर्थन नहीं दिया गया. यादव को पार्टी की ओर से करोड़ों रुपये दिए गए हैं.'