वायनाड में 'गांधी' ही बनेंगे कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के लिए बड़ी चुनौती, जानिए कैसे

वायनाड में राहुल गांधी को सिर्फ राजनीतिक विरोधियों से ही कड़ा मुकाबला नहीं करना पड़ रहा है, बल्कि उन्हें दो अन्य 'राहुल गांधी' से भी पार पाना होगा.

वायनाड में राहुल गांधी को सिर्फ राजनीतिक विरोधियों से ही कड़ा मुकाबला नहीं करना पड़ रहा है, बल्कि उन्हें दो अन्य 'राहुल गांधी' से भी पार पाना होगा.

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Nihar Saxena
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वायनाड में 'गांधी' ही बनेंगे कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के लिए बड़ी चुनौती, जानिए कैसे

भले ही ख्यात अंग्रेजी लेखक विलियम शेक्सपियर कह गए हों कि नाम में क्या रखा है? लेकिन इस वक्त कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को नाम ने ही परेशान कर रखा है. वायनाड में राहुल गांधी को सिर्फ राजनीतिक विरोधियों से ही कड़ा मुकाबला नहीं करना पड़ रहा है, बल्कि उन्हें दो अन्य 'राहुल गांधी' से भी पार पाना होगा. इसके बाद ही वह जीत को गले लगा सकेंगे.

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गुरुवार को वायनाड से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपना नामांकन दाखिल कर दिया है. उनके साथ ही राहुल गांधी के.ई. और राहुल गांधी के. भी वायनाड से ही चुनाव मैदान में हैं. 33 साल के राहुल गांधी के.ई. बतौर निर्दलीय दम ठोक रहे हैं. कोट्टायम के इरुमेली गांव के रहने वाले राहुल गांधी के.ई. लोक संगीत के रिसर्च स्कॉलर हैं. उनके छोटे भाई का नाम राजीव गांधी के.ई. है. इनके पिता कुजूमॉन पेशे से ड्राइवर थे, जो अब इस दुनिया में नहीं हैं. वह कांग्रेस के कट्टर समर्थक थे इसीलिए गांधी परिवार से प्रेरित होकर उन्होंने अपने दोनों बेटों का नामकरण राहुल और राजीव किया. हालांकि राजीव गांधी के.ई. लेफ्ट समर्थक हैं.

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के लिए मिलते-जुलते नाम से सिरदर्द बनने वाले दूसरे उम्मीदवार राहुल गांधी के. हैं, जो तमिलनाडू के कोयंबटूर से हैं. 30 साल के राहुल गांधी के. 'अगिला इंडिया मक्कल कषगम' के बैनर तले चुनाव मैदान में हैं. उनके पिता कृष्णन पी. कांग्रेस के स्थानीय नेता था, जो बाद में एआईडीएमके समर्थक हो गए. कांग्रेस से जुड़ाव के दिनों में ही उन्हें पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई और उन्होंने उसका नाम राहुल गांधी रख दिया. स्थानीय मीडिया से चर्चा में राहुल गांधी के. इस संयोग पर खासी प्रसन्नता जाहिर कर चुके हैं.

वायनाड से संसद की रेस में शामिल चौथे गांधी 40 साल के के.एम. शिवप्रसाद गांधी हैं, जो त्रिशूर से हैं. पेशे से वह शिक्षक हैं और बच्चों को संस्कृत पढ़ाते हैं. वह 'इंडियन गांधियन पार्टी' के बैनर तले चुनाव लड़ रहे हैं. उनके पिता के.के. मुकुंदन कांग्रेस समर्थक थे, लेकिन शिवप्रसाद ने 'इंडियन गांधियन पार्टी' में शामिल होने के बाद अपने नाम के साथ 'गांधी' शब्द जोड़ लिया.

जाहिर है कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के लिए अन्य 'गांधी' मतदाताओं को गुमराह करने का ही काम करेंगे. वैसे भी केरल की राजनीति में प्रतिद्वंद्वी को उलझाने के लिए विपक्षी दल उम्मीदवार से मिलते-जुलते नाम वाले शख्स को भी मैदान में खड़ा करवा देता है. इसके बाद भ्रम के चलते काफी वोट कट जाते हैं. हालांकि इस लोकसभा चुनाव में अच्छी बात यह है कि उम्मीदवारों के नाम के साथ उनकी तस्वीर भी मतदाताओं के सामने होगी. ऐसे में अपने चहेते उम्मीदवार को वाट डालते वक्त उन्हें कोई खास दिक्कत होने वाली नहीं.

Source : News Nation Bureau

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