/newsnation/media/post_attachments/images/2019/02/19/38-patelahmed-5-17.png)
कांग्रेस नेता अहमद पटेल
देश एक बार फिर चुनावी मोड में जाने को तैयार है. पुलवामा की घटना के बाद उसके साजिशकर्ताओं को ठिकाने लगाने के बाद सेना अपने शहीदों को अंतिम विदाई देने में लगी है वहीं देश के तमाम नेता अब फिर राजनीति पर उतर आए हैं. हाल ही में पीएम नरेंद्र मोदी ने यूपीए के महागठबंधन पर वार करते हुए कहा था कि हर सवाल के जवाब में मोदी को गाली, 'महामिलावट' देती है. उन्हें होश आ गया है कि देश की जनता मोदी के साथ है, यह डर के सिवा कुछ और नहीं है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra modi) हाल ही में उत्तर पूर्व के दौरे पर गए थे और वहीं पर एक जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने यह बयान दिया था. असम, अरुणाचल प्रदेश और त्रिपुरा के दौरे पीएम मोदी (PM Modi) ने ईटानगर में जनसभा को संबोधित किया था.
अब पीएम मोदी के इस बयान पर पलटवार करते हुए कांग्रेस पार्टी के रणनीतिकार अहमद पटेल ने कहा कि पहले बिहार, फिर महाराष्ट्र और अब तमिलनाडु, एक के बाद एक BJP गठबंधन बनाने में लगे हैं. सबसे बड़ा महासवाल-यह महामिलावट है या महा भय?
पहले बिहार , फिर महाराष्ट्र और अब तमिलनाडु, एक के बाद BJP गठबंधन बनाने में लगे है ।
— Ahmed Patel (@ahmedpatel) February 18, 2019
सबसे बड़ा महासवाल-यह महामिलावट है या महा भय ?
बता दें कि सोमवार को ही बीजेपी ने महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. यह गठबंधन विधानसभा और लोकसभा चुनावों के लिए किया गया है. उल्लेखनीय है कि पिछले तीन दशक से दोनों दल गठबंधन में चुनाव लड़ रहे हैं. केवल महाराष्ट्र में पिछले विधानसभा चुनाव में दोनों दलों का गठबंधन टूटा था और दोनों दलों ने अकेले अकेले चुनाव लड़ा था और बीजेपी राज्य में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी और बाद में शिवसेना सरकार में शामिल हुई क्योंकि बीजेपी बहुमत से कुछ कम रह गई थी.
कांग्रेस पर हमला बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा था, 'दिल्ली में जिनकी 55 सालों तक सरकार थी और यहां जिनकी दो दशक तक सरकार रही, असल में इन दोनों साथियों की जुगलबंदी का ये कमाल था. गुंडों और भ्रष्टाचारियों, बिचौलियों की महा-मिलावट के इन साथियों का ये कमाल था, जिसने त्रिपुरा और देश के गरीब, मध्यम वर्ग के हक पर डाका डाला.'
पीएम मोदी ने मनमोहन सरकार को निशाने पर लेते हुए आरोप लगाया था कि अंतरिम बजट में हमने समाज के सभी वर्गों का ख्याल रखा है, जबकि पहले की सरकार ऐसा नहीं करती थी.