चुनाव में हार के बाद कांग्रेस महासचिवों और राज्य इकाई प्रमुखों पर गिर सकती है गाज
लोकसभा चुनाव में हार के बाद अब कांग्रेस के प्रमुखों में फेरबदल देखने को मिल सकता है. पार्टी को इन चुनावों में केवल 52 सीटों पर संतोष करना पड़ा है.
highlights
- हार के बाद कांग्रेस में हो सकती है फेरबदल
- प्रमुखों के फेरबदल के लिए राहुल गांधी को अधिकृत किया गया
- राहुल गांधी इस्तीफे के लिए अड़े
नई दिल्ली:
लोकसभा चुनाव में हार के बाद अब कांग्रेस के प्रमुखों में फेरबदल देखने को मिल सकता है. पार्टी को इन चुनावों में केवल 52 सीटों पर संतोष करना पड़ा है. वर्ष 2014 के चुनाव में मिली 44 सीटों के मुकाबले इस बार सिर्फ आठ सीटें ज्यादा आई हैं. पार्टी के एक सूत्र ने कहा, 'चुनाव नतीजों में बेहद खराब प्रदर्शन के बाद अब बुहत से महासचिवों और राज्य इकाई प्रमुखों पर गाज गिर सकती है. पार्टी जवाबदेही तय करेगी.'
इस काम के लिए कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) ने शनिवार को राहुल गांधी को अधिकृत किया. इससे पहले राहुल ने पार्टी अध्यक्ष के पद से इस्तीफा देने की इच्छा जाहिर की, जिसे कार्यसमिति के सदस्यों ने एक स्वर के साथ अस्वीकार कर दिया. इसके बाद समिति ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल को हर स्तर पर पार्टी का पूरा और विस्तृत पुनर्गठन करने का जिम्मा दे दिया.
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सूत्र के मुताबिक, कांग्रेस अध्यक्ष सीडब्ल्यूसी की बैठक में काफी स्पष्ट बोलते नजर आए, उन्होंने पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं को भी नहीं बख्शा.
कांग्रेस अध्यक्ष ने कथित तौर पर सीडब्ल्यूसी की बैठक में कहा कि कुछ वरिष्ठ नेताओं ने अपने बेटों के हितों को पार्टी के हितों से आगे रखा.
राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस के दो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कमलनाथ अपने बेटों को टिकट दिलाना चाहते थे. हालांकि पार्टी अध्यक्ष इस विचार के लिए बहुत उत्सुक नहीं थे, क्योंकि उन्हें लगा कि चुनाव प्रचार में उनकी बड़ी भूमिका है.
जहां मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के बेटे नकुल नाथ ने अपने पिता के गढ़ छिंदवाड़ा से सफलतापूर्वक चुनाव जीता, वहीं राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत को जोधपुर में हार का स्वाद चखा पड़ा.
सूत्र ने कहा कि राहुल गांधी का इशारा अनुभवी कांग्रेसी और पूर्व वित्तमंत्री पी. चिदंबरम की ओर भी रहा. उन्होंने तमिलनाडु के शिवगंगा से अपने बेटे कार्ति चिदंबरम के लिए लोकसभा टिकट देने पर जोर दिया था.
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कार्ति चिदंबरम उन आठ कांग्रेस उम्मीदवारों में से एक हैं जो तमिलनाडु में विजयी हुए हैं.
राहुल यह सच्चाई भी बोल गए कि अगर बेटे को लोकसभा टिकट से वंचित कर दिया जाता, तो चिदंबरम पार्टी छोड़ने को तैयार थे.
हालांकि, जब राहुल गांधी ने शनिवार को कांग्रेस अध्यक्ष का पद छोड़ने की पेशकश की, तो चिदंबरम भावुक हो गए और सीडब्ल्यूसी सदस्यों के सामने रो पड़े.
सूत्र ने बताया कि चिदंबरम ने कथित तौर पर राहुल से कहा, '12 करोड़ लोगों ने पार्टी को वोट दिया. उन्हें आप पर भरोसा है. उनकी आकांक्षाओं को भुलाया नहीं जा सकता. दक्षिण भारत आप पर भरोसा करता है. आप कैसे कह सकते हैं कि अध्यक्ष नहीं रहना चाहते?'
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