चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को नोटिस जारी किया है. योगी आदित्यनाथ ने भारतीय सेना को मोदी की सेना बताया था. 5 अप्रैल तक उन्हें नोटिस का जवाब देना है. बता दें कि चुनाव आयोग के पास अब तक 30 से अधिक शिकायतें आ चुकी हैं, जिनमें से अधिकांश बीजेपी से संबंधित है.
आचार संहिता से जुड़े अधिकांश मामलों में चुनाव आयोग ने नोटिस जारी कर जवाब मांगा है तो कुछ में क्लीन चिट भी दे दी है कई मामलों में कई दफा नोटिस जारी करने पर भी सरकारी बाबुओं को कोई फर्क पड़ता नहीं दिख रहा. चुनाव आयोग से पहली बड़ी शिकायत सेना की वर्दी और तस्वीरों के इस्तेमाल को लेकर हुई. आयोग ने इस पर फौरन आदेश जारी कर दिया था.
विपक्षी दलों की शिकायत पर 19 मार्च को चुनाव आयोग ने झारखंड में मुख्यमंत्री के वीडियो वाले 32 हजार टैब बांटने पर रोक लगा दी थी. 20 मार्च को सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियंस ने आयोग से शिकायत की कि सत्तारूढ़ दल बीजेपी और विपक्ष अपने भाषण में चौकीदार शब्द का इस्तेमाल बंद करें. 25 मार्च को आयोग से शिकायत की गई कि नरेंद्र मोदी पर बन रही बायोपिक पीएम नरेंद्र मोदी की रिलीज (5 अप्रैल) पर रोक लगाई जाए. आयोग ने निर्माताओं को नोटिस जारी किया. आयोग की ओर से हरी झंडी मिलने के बाद हाईकोर्ट ने भी फिल्म पर रोक लगाने से इंकार कर दिया.
25 मार्च को इंडियन इंस्टीट्यूट और साइक्लोजिस्ट्स ने नेताओं को अपने भाषणों में विपक्षियों को मेंटल और पागल कहने पर रोक लगाने की मांग की. आयोग ने इस पर भी आदेश दिया. 26 मार्च को रेल के टिकट और एयर इंडिया के बोर्डिंग पास पर मोदी की तस्वीर होने की शिकायत आयोग से की गई. आयोग ने दोनों मंत्रालयों से तीन दिनों में जवाब मांगा पर मंत्रालयों ने जवाब नहीं दिया. 29 मार्च को फिर नोटिस हुआ. फिर जवाब नहीं आया. दो अप्रैल को फिर नोटिस जारी होने पर एयर इंडिया ने जवाब दिया कि नोटिस मिलते ही तस्वीरें हटा दी गई हैं.
27 मार्च को प्रधानमंत्री के ऑपरेशन शक्ति के फौरन बाद देश को संबोधित करने को लेकर चुनाव आयोग से शिकायत की गई. इस मामले में चुनाव आयोग ने प्रधानमंत्री को क्लीन चिट दे दी. इसके अलावा नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार के उस बयान की शिकायत आयोग से की गई जिसमें उन्होंने राहुल गांधी की न्याय स्कीम की आलोचना की थी. राजीव कुमार ने आखिरकर 3 अप्रैल को जवाब दे दिया.
28 मार्च को राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह आचार संहिता उल्लंघन के दायरे में आ गए. उन्होंने कह दिया था कि हम सभी लोग बीजेपी के कार्यकर्ता हैं. हमें बीजेपी को वोट देकर नरेंद्र मोदी को फिर प्रधानमंत्री बनाना है. जांच के बाद आयोग ने राष्ट्रपति को चिट्ठी लिखकर उचित कार्रवाई करने की मांग की. इसी बीच शताब्दी एक्सप्रेस में परोसी जा रही चाय के कप पर चौकीदार की शिकायत आयोग से की गई. आयोग के नोटिस पर अब तक रेल मंत्रालय का जवाब नहीं मिला है.
एक अप्रैल को यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मोदीजी की सेना वाला बयान देकर आचार संहिता के उल्लंघन के आरोपी बन गए. आयोग ने उनको भी नोटिस जारी कर जवाब मांगा. योगी ने कहा था कि यूपीए सरकार आतंकवादियों को बिरयानी खिलाती थी लेकिन मोदी जी की सेना गोले और गोली खिलाती है. दो अप्रैल को ही चेन्नई में एक किताब आचार संहिता की निगाहों की शिकार बनी. आयोग ने राफेल -द स्कैम रॉक्ड द नेशन किताब पर जताई गई आपत्ति पर फौरन संज्ञान लेते हुए इसकी रिलीज पर रोक लगा दी.
Source : News Nation Bureau