लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha Election 2019) को लेकर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने अपनी पार्टी का मेनिफिस्टो जारी कर दिया है. अरविंद केजरीवाल ने घोषणा पत्र जारी करते हुए कहा, 2019 का चुनाव भारत को बचाने का चुनाव है, संविधान को बचाने का चुनाव है. भारत विविधताओं में एक है, पिछले 4 हजार साल से भारत की यही शक्ति है. आज हमारी संस्कृति और एकता पर प्रहार हो रहा है.
सीएम केजरीवाल ने आगे कहा, अरविंद केजरीवाल ने घोषणा पत्र जारी करते हुए कहा, 2019 का चुनाव भारत को बचाने का चुनाव है, संविधान को बचाने का चुनाव है. भारत विविधताओं में एक है, पिछले 4 हजार साल से भारत की यही शक्ति है. आज हमारी संस्कृति और एकता पर प्रहार हो रहा है. बीजेपी ने अपना मेनिफेस्टो जारी किया था, हालांकि उनके अध्यक्ष कह चुके हैं ये सब जुमले होते हैं. बीजेपी हिन्दू, सिखों और बुद्ध धर्म के लोगों को छोड़ कर सबको घुसपैठियां मानती हैं .
सीएम ने आगे कहा, पाकिस्तान भी यही चाहता है कि भारत के टुकड़े-टुकड़े हो जाए. बीजेपी भी पाकिस्तान के एजेंडे पर काम कर रही है. मोदी सरकार के अलावा जो भी सरकार बनेगी उसको आप आदमी समर्थन करेगी. पिछले 70 साल से दिल्ली के लोग लड़ाई लड़ रहे हैं. हम पूर्ण राज्य के लिए जो भी करना पड़ेगा करेंगे. दिल्ली की 7 सीटों के बल पर सरकार बन भी सकती है.
इसके बाद सीएम अरविंद केजरीवाल ने पार्टी के घोषणा पत्र के बताते हुए कहा, दिल्ली पूर्ण राज्य बनने पर दिल्ली पुलिस की 2/3 पोस्ट भरेंगे. कॉलेज और यूनिवर्सिटी खोलेंगे. दिल्ली के बच्चों के लिए कॉलेज और नॉकरियों में 85% रिजर्वेशन रखी जाएगी. दिल्ली में ठेके कर्मचारियों को पक्का किया जाएगा. कोई हिन्दू कांग्रेस को वोट नहीं दे रहा, मुसलमानों में थोड़ा कंफ्यूजन है, लेकिन मोदी-शाह की जोड़ी को हराने के लिए सभी धर्म एक होंगे.
केजरीवाल ने आगे कहा, कांग्रेस के साथ गठबंधन के बारे में एक समय हम सपने में भी नहीं सोच सकते थे, लेकिन मोदी और शाह की जोड़ी को हराने के लिए हमने ये निर्णय लिया है. इससे हमारे बहुत सारे कार्यकर्ता नाराज थे. हमने समझाया कि देश के लिए ये जरूरी है.
केजरीवाल ने आगे कहा, कांग्रेस के साथ गठबंधन के बारे में एक समय हम सपने में भी नहीं सोच सकते थे, लेकिन मोदी और शाह की जोड़ी को हराने के लिए हमने ये निर्णय लिया है. इससे हमारे बहुत सारे कार्यकर्ता नाराज थे. हमने समझाया कि देश के लिए ये जरूरी है. उन्होंने आगे कहा, पिछले हफ्ते मंगलवार की रात को 11 बजे संजय सिंह को गुलाम नबी आजाद ने बुलाया था. हरियाणा, दिल्ली और चंडीगड़ का ratio ले लिया. अगले दिन जॉइंट पीसी का एलान करने का निर्णय लिया. फिर शाम को फोन आया कि उन्होंने शर्तें बदल दीं.
उन्होंने आगे कहा, हमने फिर वो बात मान ली, लेकिन फिर अगले दिन कहा कि हरियाणा और चंडीगढ़ में गठबंधन नहीं कर सकते हैं. मैं पूरे सम्मान के साथ पूछना चाहता हूं कि कौन सा गठबंधन ट्विटर पर हुआ. पूरी मीडिया के सामने कहा कि मैं आखिरी सेकंड तक तैयार था. मैं पूछना चाहता हूं कि कौन सा गठबंधन अखबारों की सुर्खियों में होता है. अगर सातों सीटों पर कांग्रेस जीत रही होती तो मैं सातों सीटें कांग्रेस के लिए छोड़ देता.