बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को हत्यारोपी बताने वाले बयान पर राहुल गांधी को चुनाव आयोग ने क्लीन चिट दी है. चुनाव आयोग ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ चुनाव आचार संहिता की शिकायत को खारिज करते हुए उन्हें क्लीन चिट दी है. आयोग ने कहा है कि राहुल गांधी ने अपने भाषण में आचार संहिता का कोई उल्लंघन नहीं किया है. बीजेपी ने मध्य प्रदेश में दिए गए उनके एक भाषण की चुनाव आयोग से शिकायत की थी.
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कांग्रेस अध्यक्ष ने मध्य प्रदेश के जबलपुर में यह बयान दिया था. राहुल के बयान पर बीजेपी के उपाध्यक्ष प्रभात झा ने उनकी चुनाव आयोग से शिकायत की थी. यही नहीं राहुल गांधी के इस बयान पर बीजेपी के एक नेता ने अहमदाबाद की मेट्रोपोलिटन कोर्ट में उनके खिलाफ मानहानि का केस किया है. इस पर कोर्ट ने राहुल को समन जारी कर जवाब मांगा है.
जानें क्या कहा था राहुल ने
राहुल ने सिहोरा में एक जनसभा को संबोधित करते हुए भ्रष्टाचार पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खुली बहस की चुनौती दी और कहा, "हत्या के आरोपी भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, वहां क्या शान है, जय शाह का नाम सुना है आपने? वह तो जादूगर हैं, जिसने तीन माह में 50 हजार रुपये को 80 करोड़ रुपये बना दिया.", "अमित शाह के बेटे जय शाह तीन माह में 50 हजार रुपये से 80 करोड़ रुपये बनाते हैं और प्रधानमंत्री देश के युवाओं से कहते हैं कि पकोड़े बेचो. "
गांधी ने भ्रष्टाचार का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री को खुली बहस की चुनौती दी है, मगर वह तैयार नहीं हैं. "मात्र 20 मिनट में हिंदुस्तान का प्रधानमंत्री देश की जनता को चेहरा नहीं दिखा पाएंगे. वह डरते हैं, दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा. सदन में हुई बहस के दौरान आंख नहीं मिला पाए थे."
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बता दें राहुल गांधी ने कहा था कि हत्या के आरोपी बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, वाह क्या शान है. अच्छा जय शाह का नाम सुना है. जादूगर है जय शाह, महज 50 हजार रुपए को तीन महीने में 80 करोड़ बना दिया.
वहीं आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन के कथित आरोपों पर सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से कहा है कि 6 मई तक इस बारे में फैसला करें. बता दें सर्वोच्च न्यायालय में कांग्रेस सांसद सुष्मिता देब की अर्जी पर गुरुवार को सुनवाई के बाद यह निर्देश जारी हुआ.
बता दें कि सोमवार को ऑल इंडिया महिला कांग्रेस की अध्यक्ष सुष्मिता देब ने सुप्रीम कोर्ट में एक अर्जी देकर कहा था कि चुनाव आयोग पीएम नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन के आरोपों को नहीं सुन रहा है. चुनाव आयोग की चुप्पी अप्रत्यक्ष रूप से चुनावी आचार संहिता के उल्लंघन का समर्थन करती है.
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सुष्मिता देब ने अपनी अर्जी में कहा था कि चुनाव आयोग बीजेपी के दो सीनियर नेताओं के 'घृणा फैलाने वाले बयानों' 'राजनीतिक उद्देश्यों' के लिए सेना के शौर्य का इस्तेमाल के खिलाफ की गई शिकायत पर अबतक कोई कार्रवाई नहीं कर सका है. चुनाव आयोग ने पहले भी सभी नेताओं को निर्देश दिया था कि कोई भी नेता सेना के पराक्रम का इस्तेमाल वोट मांगने में न करे. हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने चुनावी भाषणों में बालाकोट हमले, सेना का जिक्र कर चुके हैं. इधर कांग्रेस द्वारा सुप्रीम कोर्ट में अर्जी देने के बाद चुनाव आयोग ने इस मसले पर मंगलवार को बैठक की.
Source : News Nation Bureau