प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बहाने उद्यमियों और व्यापारियों पर सवाल खड़ा करना कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को भारी पड़ सकता है. व्यापारियों की संस्था CAIT (The Confederation of All India Traders) राहुल गांधी की इस बात से नाराज हो गई है. CAIT के प्रवीण खंडेलवाल ने नाराजगी जताते हुए कहा- हमने कांग्रेस और बीजेपी के घोषणापत्र को परखा है. कांग्रेस के घोषणापत्र में जीएसटी (GST) के स्वरूप को बदलने और कोई भी वस्तु 18 फीसद तक करने की बात कही गई है. ई-वे बिल को खत्म करने का वादा किया गया है. खंडेलवाल ने सवाल उठाते हुए कहा- वर्तमान जीएसटी (GST) तो जीएसटी कॉउंसिल (GST Council) ने तैयार किया है, जिसमें कांग्रेस के वित्त मंत्री भी शामिल हैं. ऐसे में इस जीएसटी को खत्म करके नुकसान ही होगा. उन्होंने यह भी कहा- राहुल गांधी उद्यमियों और व्यापारियों को चोर कहते हैं, जो गलत है.
उन्होंने कहा- व्यापारियों को लगता है कि राहुल गांधी की यह घोषणा हवाई से अधिक कुछ भी नहीं है. कांग्रेस के घोषणा पत्र में व्यापारियों से संबंधित कोई बेहतर योजना पेश नहीं की गई है. दूसरी ओर बीजेपी ने व्यापारियों की इन 4 प्रमुख बातों को मान लिया है:
1. नेशनल ट्रेडर्स वेलफेयर बोर्ड बनाना
2. नेशनल ट्रेड ऑफ रिटेल पालिसी बनाना
3. व्यापारियों के लिए 10 लाख तक का एक्सिडेंटल पालिसी
4. 60 साल से अधिक उम्र के व्यापारियों को पेंशन
खंडेलवाल ने कहा- हम अभी चुनावी घोषणापत्र देखकर फैसला लेंगे कि किस पार्टी को वोट करना है. 40 हज़ार से ज़्यादा संगठन इस बारे में बातचीत कर रहे हैं. देश मे करीब 5 करोड़ व्यापारी हैं, जो देश के 25 करोड़ लोगों को रोज़गार देते हैं.
Source : News Nation Bureau