कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की हवाई घोषणा से व्यापारी हैरत में हैं कि क्या सारा बोझ करदाताओं पर डाला जाएगा. कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्ज के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने कहा, राहुल गांधी द्वारा गरीबी रेखा से नीचे वाले परिवारों को प्रति वर्ष 72,000 रुपये देने की आज की गई घोषणा ने देशभर के व्यापारियों को हैरानी और परेशानी में डाल दिया है. देश में लगभग 5 करोड़ गरीबी रेखा से नीचे के परिवार हैं और राहुल गांधी की इस दरियादिली घोषणा को पूरा करने के लिए प्रतिवर्ष लगभग 3.5 लाख करोड़ रुपये की आवश्यकता होगी. राहुल गांधी ने इस बात का खुलासा नहीं किया कि वोटों की खातिर की गई उनकी इस राजनीतिक घोषणा के लिए इतनी बड़ी राशि कहां से आएगी.
राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने कहा, ऐसा लगता है कि राहुल गांधी ने यह घोषणा बिना कुछ सोचे समझे और देश की अर्थव्यव्स्था की हालत को न समझते हुए वोटों के लालच में की है. अगर उनकी पार्टी सत्ता में आई तो उनकी इस नासमझ घोषणा का भार हमेशा की तरह करदाताओं के सर पर पड़ेगा. इससे करदाता जो पहले ही करों के बोझ से दबे हैं उनकी कमर टूट जाएगी.
खंडेलवाल ने कहा, बेहद अफसोस की बात है कि करदाता पर हमेशा बोझ डालना देश में एक फैशन बन गया है. कर्ज माफी हो या मुफ्त में कुछ भी देना हो अंत में उसका भार करदाता को ही उठाना पड़ता है. कितनी अजीब बात है कि करदाता का काम केवल कर देना हो गया है, जबकि उसके बदले करदाता को कोई सम्मान, सुरक्षा या अन्य कोई लाभ नहीं मिलता है और राहुल गांधी जैसे नेता प्राप्त कर का लाभ निर्धन वर्ग को देने में अपना हक समझते हैं.
प्रवीण खंडेलवाल ने कहा, अगर राहुल गांधी वाकई अपनी घोषणा के प्रति गंभीर हैं तो उन्हें बिना कोई और इंतजार किए तत्काल अपनी इस घोषणा को कांग्रेस शासित प्रदेशों में तुरंत लागू करना चाहिए. केवल घोषणाओं से वोट नहीं मिलेंगे, बल्कि राहुल गांधी को तुरंत ठोस कदम उठाने चाहिए. उन्होंने कहा, व्यापारी कर दाता होने के नाते बेहद आशंकित है कि अब जबकि चुनाव पूरा होने में दो महीने का समय है न जाने ऐसी कितनी राजनैतिक एवं तर्क हीन घोषणाएं राहुल गांधी के पिटारे में हैं
Source : News Nation Bureau