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प्रियंका गांधी और चंद्रशेखर की मुलाकात से बसपा प्रमुख मायावती नाराज, ऐसे दे सकती हैं कांग्रेस को झटका

एक दिन पहले समाजवादी पार्टी के अध्‍यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात के दौरान भी मायावती ने यह मुद्दा उठाया था.

Updated on: 14 Mar 2019, 11:12 AM

नई दिल्‍ली:

कांग्रेस महासचिव और पूर्वी उत्‍तर प्रदेश कांग्रेस की प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा की भीम आर्मी के संस्‍थापक चंद्रशेखर से मुलाकात पार्टी को भारी पड़ सकती है. माना जा रहा है कि प्रियंका गांधी के इस कदम से बसपा प्रमुख मायावती नाराज हो गई हैं. सूत्रों के अनुसार, एक दिन पहले समाजवादी पार्टी के अध्‍यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात के दौरान भी मायावती ने यह मुद्दा उठाया था. माना जा रहा है कि सपा-बसपा-रालोद का गठबंधन अब कांग्रेस जल्‍द ही बड़ा झटका देने वाला है.

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सूत्रों का कहना है कि भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर से प्रियंका गांधी की मुलाकात बसपा अध्‍यक्ष मायावती को रास नहीं आई है. बुधवार को अखिलेश यादव से मुलाकात में मायावती ने यह मुद्दा उठाया था. माना जा रहा है कि मायावती और अखिलेश यादव की बातचीत में कांग्रेस को झटका देने पर सहमति बन गई है और इसके लिए गठबंधन की ओर से अमेठी और रायबरेली सीट पर भी प्रत्‍याशी उतारा जा सकता है. यह भी कहा जा रहा है कि अगले दो दिनों में अमेठी और रायबरेली सीट को लेकर गठबंधन की ओर से बड़ा फैसला हो सकता है. इससे पहले गठबंधन ने अमेठी और रायबरेली सीट को छोड़कर उत्‍तर प्रदेश की सभी सीटों पर उम्‍मीदवार उतारने का ऐलान किया था.

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अमेठी से कांग्रेस अध्‍यक्ष राहुल गांधी तो रायबरेली से सोनिया गांधी एक बार फिर चुनाव मैदान में उतरेंगी. दोनों के सम्‍मान में गठबंधन ने वहां प्रत्‍याशी न उतारने का फैसला किया था, लेकिन अब प्रियंका गांधी और चंद्रशेखर की मुलाकात के बाद मायावती के तल्‍ख तेवर से कांग्रेस को बड़ा झटका लग सकता है.

प्रियंका गांधी-चंद्रशेखर की मुलाकात के मायने
दलित नेता चंद्रशेखर से प्रियंका गांधी की मुलाक़ात के तमाम राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं. अंदरखाने यह भी चर्चा है कि चंद्रशेखर लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस का हाथ थामने जा रहे हैं. कांग्रेस उन्‍हें पार्टी की ओर से प्रत्‍याशी भी बनाने की सोच रही है. अगर चंद्रशेखर राजी नहीं हुए तो उनकी पार्टी से कांग्रेस गठबंधन कर सकती है.

यह भी कहा जा रहा है कि चंद्रशेखर बतौर कांग्रेस उम्‍मीदवार चुनाव लड़ृने के मूड में नहीं हैं. चंद्रशेखर की मांग है कि कांग्रेस उन्‍हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव में उतरने पर समर्थन दे. कांग्रेस इस पर राजी भी है पर बदले में चंद्रशेखर का इस्‍तेमाल अपनी शर्तों पर करना चाहती है.