Advertisment

आखिरी 48 घंटों के लिए बीजेपी की यह रणनीति गठबंधन पर पड़ेगी भारी!

सात चरणों में होने वाले लोकसभा चुनाव 2019 के पांच चरण पूरे हो चुके हैं. 12 व 19 मई को क्रमशः छठे व अंतिम चरण की वोटिंग होगी.

author-image
Drigraj Madheshia
एडिट
New Update
आखिरी 48 घंटों के लिए बीजेपी की यह रणनीति गठबंधन पर पड़ेगी भारी!

प्रतिकात्‍मक चित्र

Advertisment

सात चरणों में होने वाले लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha Election 2019) के पांच चरण पूरे हो चुके हैं. 12 व 19 मई को क्रमशः छठे (6th phase lok sabha election 2019) व अंतिम चरण (Last phase Lok Sabha Election) की वोटिंग होगी. ये दोनों चरण विपक्ष और बीजेपी दोनों के लिए अहम हैं. खासकर उत्‍तर प्रदेश में बीजेपी पूरी जोर लगा रही है. पूर्वी उत्तर प्रदेश में अपना 2014 का प्रदर्शन दोहराने के लिए बीजेपी बूथ मैनेजमेंट लेवल पर कड़ी मेहनत कर रही है. पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने सहयोगी अपना दल के साथ मिलकर लगभग सभी सीटों को जीत लिया था.

यह भी पढ़ेंः इतनी सीटों पर बीजेपी के सामने बड़ी चुनौती बनकर उभरा है गठबंधन

हालांकि इस बार चुनाव पिछले चुनाव जितने आसान नहीं है. राज्य में बीजेपी में एक दिग्‍गज नेता ने इस बात को स्वीकारते हुए कहा कि बीएसपी-एसपी-आरएलडी गठबंधन ने चुनाव को असली लड़ाई बना दिया है और राज्य में उनके सामने बड़ी चुनौती पेश की है. बता दें पूर्वी उत्तर प्रदेश की 14 और 13 सीटों पर क्रमश: 12 और 19 मई को लोकसभा चुनाव के आखिरी दो चरणों में मतदान होना है. छठे चरण में सुल्तानपुर, प्रतापगढ़, फूलपुर, इलाहाबाद, अम्बेडकर नगर, श्रावस्ती, डुमरियागंज, बस्ती, संत कबीर नगर, लालगंज, आजमगढ़, जौनपुर, मछलीशहर और भदोही सीट है. 

यह भी पढ़ेंः अब तक की वोटिंग क्‍या कर रही इशारा, मोदी रहेंगे या जाएंगे ऐसे समझें

बीजेपी के एक दिग्‍गज नेता ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि आखिरी 48 घंटे का बूथ प्रबंधन, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए ‘सद्भावना’ को वोट में बदलने के लिए मील का पत्थर साबित होगा और अंतिम चरणों के मतदान में यह महत्वपूर्ण साबित होगा.

यह भी पढ़ेंः उत्‍तर प्रदेश की वो 32 सीटें जो तय करेंगी नरेंद्र मोदी दोबारा आएंगे या नहीं

उन्‍होंने कहा कि पार्टी एक प्रक्रिया के रूप में 48 घंटे के बूथ प्रबंधन को देखती है जिसमें पार्टी कार्यकर्ता चुनाव प्रचार और मतदान पर ध्यान केंद्रित करते हैं. इसमें हर एक पार्टी कार्यकर्ता को कागज की एक शीट (परिवार पर्ची) सौंपी जाएगी. उसमें कार्यकर्ता की हद में आने वाले इलाकों में परिवार के मुखिया और इलाके का नाम होगा. इसमें पार्टी कार्यकर्ता को मतदान के दिन मतदान के बारे में याद दिलाने के लिए परिवारों से संपर्क करना होगा.

यह भी पढ़ेंः सबसे पुरानी कांग्रेस पार्टी ऐसे बन गई वोट कटवा, चुनाव दर चुनाव खिसकती गई जमीन

बता दें 2014 के चुनाव में छठे और अंतिम चरण में 10 राज्योंं में वोटिंग होगी. इनमें से हिंदी पट्टी के 8 राज्यों में बीजेपी का जादू मतदाताओं के सिर चढ़ कर बोला था. बीजेपी की अगुवाई वाले NDA ने पश्चिम बंगाल और पंजाब की 30 सीटों को छोड़ कर बाकी बची 98 में से 81 सीटों पर जीत का परचम लहराया था. NDA ने कुल 118 सीटों में से 86 सीटें अपने नाम की थी. वहीं 2014 के चुनाव में 118 सीटों में से कांग्रेस के हाथ महज छह सीटें हाथ लगी थीं.

उप्र में महागठबंधन और बीजेपी में सीधी टक्कर 

अब उप्र की 27 सीटों पर मतदान होना है. 2014 के चुनाव में बीजेपी ने 26 सीटों पर कब्जा जमाया था. सपा को महज आजमगढ़ की सीट मिली थी. इस बार सपा-बसपा गठबंधन और बीजेपी में सीधी टक्कर है. अंतिम दो चरणों में पीएम मोदी, अखिलेश, दिग्विजय सिंह और दर्जन भर मंत्रियों की सीटों पर चुनाव होगा.

HIGHLIGHTS

  • पूर्वी उत्तर प्रदेश की 14 और 13 सीटों पर क्रमश: 12 और 19 मई को वोटिंग होगी
  • 2014 के चुनाव में बीजेपी ने उप्र की 27 में से 26 सीटों पर कब्जा जमाया था
  • 2014 के चुनाव में 118 सीटों में से कांग्रेस के हाथ महज छह सीटें मिलीं थीं

Source : News Nation Bureau

6th Phase Election Candidates 6th Phase Election 2019 congress General Election 2019 6th phase lok sabha election 2019 lok sabha election 2019 lok sabha chunav BJP Last phase Lok Sabha Election Lok Sabha Election congre 6th Phase Election Seats
Advertisment
Advertisment
Advertisment