लोकसभा चुनाव के रण को फतह करने के लिए राजस्थान में भाजपा और कांग्रेस विशेष रणनीति बनाने में जुट गई हैं. दोनों का माहौल देख ऐसा लग रहा है जैसे दोनों पार्टियों की लड़ाई मुद्दों के बीच उलझ कर रह गई है. भाजपा किसान कर्जमाफी और सवर्ण आरक्षण को लोकसभा चुनाव में बड़ा मुद्दा बनाने जा रही है. यही वजह है कि भाजपा ने किसान कर्जमाफी, सवर्ण आरक्षण और बेरोजगारी भत्ते को लेकर जिला मुख्यालयों, उपखण्ड मुख्यालयों पर विरोध प्रदर्शन किया.
भाजपा ने कांग्रेस सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगाया है. भाजपा ने राजस्थान सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि वादों को पूरा नहीं किया गया तो 8 फरवरी को जेल भरो आंदोलन करेंगे. जयपुर कलेक्ट्रेट के बाहर भाजपा ने जबरदस्त विरोध प्रदर्शन किया. सत्त्ता पर का काबिज हुई कांग्रेस पर वादा खिलाफी का आरोप लगाते हुए भाजपा कार्यकर्ताओं ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा.
ये भी पढ़ें- मिट्टी में मिल गई कांग्रेस की एकजुटता, कार्यकर्ताओं के बीच जमकर चले लात-घूंसे
इसके साथ ही बीजेपी नेताओं ने सरकार को चेतावनी दी है कि राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी अगले महीने की 8 तारीख को प्रदेशभर में जेल भरो आंदोलन करने जा रही है. बीजेपी का कहना है कि सवर्ण आरक्षण, किसान कर्जमाफी और बेरोजगारों पर सरकार ने वादाखिलाफी की है. जिसके विरोध में जेल भरो आंदोलन किया जाएगा. बीजेपी का कहना है कि सीएम अशोक गहलोत ने विधानसभा में न किसान कर्जमाफी की और न 10 फीसदी सवर्ण आरक्षण लागू करने की तिथि बताई है.
राजस्थान सरकार पर आरोप लगाते हुए बीजेपी ने कहा कि बेरोजगारों को 3500 रुपए भत्ता देने को लेकर भी कोई समय सीमा तय नहीं की है. ऐसे में सरकार प्रदेश की जनता के साथ छलावा कर रही है और घोषणाओं के नाम पर सिर्फ वादे कर रही है. तो वहीं दूसरी ओर कांग्रेस का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए इस तरह की नौटंकी कर रही है. विधानसभा चुनावों के परिणाम से साफ हो गया है कि जनता अब भाजपा के बहकावे में आने वाली नहीं है.
ये भी पढ़ें- प्रशासन के चक्कर काट-काट कर थक गई थी महिला, फिर कर डाला ऐसा कांड.. अधिकारियों के हाथ-पांव फूले
कांग्रेस ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि किसानों के लिए भारतीय जनता पार्टी ने कुछ नहीं किया. जब भी किसानों के भले की योजनाएं आई हैं, बीजेपी ने केवल बातें बनाई हैं. बीजेपी के जेल भरो जैसी नौटंकी से कुछ होने वाला नहीं है. अब साफ है कि जैसे-जैसे लोकसभा चुनावों की तिथि नजदीक आएगी, प्रदेश में मुद्दों का संग्राम और तेज होता चला जाएगा. दरअसल, विधानसभा चुनाव के बाद लोकसभा चुनाव का मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच का कांटे का हो गया है.
ऐसे में पार्टी जीत हासिल करने के लिए कोई भी कसर नहीं छोड़ना चाहती हैं. दोनों ही पार्टियां चाहती हैं कि मुद्दों की आड़ में वोटों की फसल काटकर जीत हासिल की जाए. ऐसे में भाजपा के जेल भरो आंदोलन की काट की तलाश में कांग्रेस भी पूरा दम लगाकर जुट गई है.
Source : News Nation Bureau