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क्या महाराष्ट्र में अकेले लोकसभा चुनाव में उतरेगी बीजेपी, कार्यकर्ताओं को तैयारी का आदेश

नया साल आते ही सत्ताधारी पार्टी बीजेपी ने अप्रैल-मई में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिेए तैयारियां शुरू दी है. सूत्रों के मुताबिक इसी तैयारी को लेकर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने महाराष्ट्र में पार्टी कार्यकर्ताओं से अकेले चुनाव लड़ने का संदेश दिया है

Updated on: 03 Jan 2019, 07:05 PM

नई दिल्ली:

नया साल आते ही सत्ताधारी पार्टी बीजेपी ने अप्रैल-मई में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिेए तैयारियां शुरू दी है. सूत्रों के मुताबिक इसी तैयारी को लेकर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने महाराष्ट्र के बीजेपी सांसदों से मिलने के बाद उन्हें और पार्टी कार्यकर्ताओं से अकेले चुनाव लड़ने का संदेश दिया है. कार्यकर्ताओं को बिना किसी पार्टी से गठबंधन के चुनाव की तैयारियों में जुट जाने का आदेश दिया गया है. गौरतलब है कि केंद्र सरकार में बीजेपी की सहयोगी रही शिवसेना ने साल 2019 के लोकसभा चुनाव में अकेले उतरने का पहले ही ऐलान कर दिया है. हालांकि शिवसेना महाराष्ट्र में फडणवीस सरकार को भी अपना समर्थन दिए हुए है. यहां दिलचस्प है कि सत्ताधारी पार्टी को केंद्र और राज्य दोनों जगह समर्थन देने वाली शिवसेना बीजेपी और पीएम मोदी पर हमले करने का एक भी मौका नहीं छोड़ती है जिससे बताया जा रहा है कि दोनों पार्टियों के आपसी संबंध में भी कड़वाहट आ गई है.

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने 2019 लोकसभा चुनाव से पहले 17 राज्यों और चंडीगढ़ के लिए प्रभारी और सह प्रभारी नियुक्त किया है. बीजेपीअध्यक्ष अमित शाह ने इन लोगों को लोकसभा चुनाव प्रभारी/सह प्रभारी नियुक्त किया है. बीजेपी ने बिहार में भूपेन्द्र यादव, झारखंड में मंगल पांडे, असम में महेंद्र सिंह, गुजरात में ओम प्रकाश माथुर, छत्तीसगढ़ में अनिल जैन, हिमाचल प्रदेश में तीरथ सिंह रावत, आंध्र प्रदेश में वी मुरलीधरन और सुनील देवधर को चुनाव प्रभारी नियुक्त किया है.

इसके अलावा मध्य प्रदेश में स्वतंत्र देव सिंह, सतीश उपाध्याय, मणिपुर और नागालैंड में नलिन कोहली, ओडिशा में अरुण सिंह, पंजाब और चंडीगढ़ में कैप्टन अभिमन्यु, राजस्थान में प्रकाश जावड़ेकर और सुधांशु त्रिवेदी, सिक्किम में नितिन नवीन, तेलंगाना में अरबिन्द लिम्बावली, उत्तराखंड में थावरचंद गहलोत, उत्तर प्रदेश में गोवर्धन झडापिया, दुष्यंत गौतम, नरोत्तम मिश्रा को प्रभारी/सहप्रभारी नियुक्त किया है.

गौरतलब है कि 3 राज्यों में सत्ता गंवाने के बाद अब 2019 लोकसभा चुनाव की तैयारियों में बीजेपी जोर-शोर से लग गई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश भर के बीजेपी सांसदों से मुलाकात कर रहे हैं, वहीं चुनाव प्रभारी की नियुक्तियों से साफ है कि पार्टी कोई मौका नहीं गंवाना चाहती है.

लोकसभा चुनाव से पहले तेजी से बदलते सियासी समीकरण के बीच बीजेपी परेशान नजर आ रही है. हाल ही में केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा देने वाले राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (आरएलएसपी) के अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा गुरुवार को महागठबंधन में शामिल हो गए थे. वहीं उत्तर प्रदेश में बीजेपी की सहयोगी अपना दल (सोनेलाल) नेतृत्व ने आरोप लगाया है कि 'गठबंधन धर्म का पालन नहीं किया जा रहा है' और 'उसके पार्टी कार्यकर्ताओं को दरकिनार और अपमानित किया जा रहा है.' जिससे बीजेपी पर दवाब बढ़ा है.

प्रधानमंत्री के लिए 2019 का आसान दिखने वाला रण 3 राज्यों में हार के बाद अब मुश्किल होता नजर आ रहा है. इसलिए सीट बंटवारे पर खींचतान के बाद बीजेपी को बिहार में लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के साथ सहमति पर पहुंचना पड़ा. पिछले कुछ दिनों से देश में हर दूसरे राजनीतिक मंच पर विपक्षी दलों का महागठबंधन दिख रहा है जिसे बीजेपी दरकिनार नहीं कर सकती है.

बीजेपी को हालिया विधानसभा चुनावों में मिली हार से पार्टी एक बार फिर पीएम मोदी की 'लोकप्रियता' के सहारे चुनाव लड़ने की तैयारी में है. आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर इस साल जुलाई से पीएम मोदी फरवरी, 2019 तक देश भर में 100 लोकसभा क्षेत्रों में ताबड़तोड़ 50 रैलियों को पूरा कर चुके होंगे.