लोकसभा चुनाव 2019 के तीन चरण पूरे हो चुके हैं अब चौथे चरण में 9 राज्यों की 71 सीटों पर वोटिंग होनी है. चौथे चरण में उत्तर प्रदेश की 13 संसदीय सीटों पर 29 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे. इनमें 5 लोकसभा सीटें एससी के लिए आरक्षित हैं और इन सभी 5 सीटों पर बीजेपी के सांसद काबिज हैं. हालांकि इस बार के सपा-बसपा गठबंधन के चलते बदले राजनीतिक समीकरण को देखते हुए बीजेपी ने कई सांसदों के टिकट काटकर नए चेहरों को मैदान में उतारा है. इसके बावजूद भी बीजेपी की राह आसान नहीं दिखाई दे रही है.
इटावा में अशोक दोहरे की जगह राम शंकर कठेरिया को टिकट
इटावा लोकसभा सीट अनुसूचित जाति के आरक्षित है. यहां से बीजेपी ने राम शंकर कठेरिया, सपा से कमलेश कठेरिया और कांग्रेस ने अशोक कुमार दोहरे को प्रत्याशी बनाया है. 2014 में बीजेपी के अशोक दोहरे ने सपा के प्रेमदास कठेरिया को करीब पौने दो लाख मतों से मात देकर जीत हासिल की थी. लेकिन बीजेपी ने दोहरे का टिकट काटकर आगरा से सांसद रहे राम शंकर कठेरिया पर भरोसा जाताया है. इससे अशोक दोहरे नाराज होकर कांग्रेस का दामन थामकर मैदान में उतर गए हैं.
हरदोई से अशुल वर्मा की जगह जय प्रकाश रावत पर दांव
उत्तर प्रदेश की हरदोई लोकसभा सीट एससी सीट है इस पर पिछले आम चुनाव में अंशुल वर्मा ने बसपा के शिव प्रसाद वर्मा को करीब 81 हजार वोटों से हराया था. वहीं इस बार इस सीट पर बीजेपी ने मिश्रिख से 2014 में सपा के टिकट पर चुनाव हारने वाले जय प्रकाश रावत पर दांव खेला है. जय प्रकाश रावत को नरेश अग्रवाल का करीबी बताया जा रहा है. इस बार इस सीट पर बीजेपी के जय प्रकाश रावत, सपा की उषा वर्मा और कांग्रेस के वीरेंद्र वर्मा के बीच कांटे की टक्कर है.
मिश्रिख सीट पर अंजू बाला की जगह अशोक रावत को टिकट
मिश्रिख लोकसभा पर भी हरदोई की तरह नरेश अग्रवाल की ही चली यहां पर बीजेपी ने मौजूदा सांसद का टिकट काटकर अशोक रावत को बीजेपी का प्रत्याशी बनाया है. साल 2014 में अंजू बाला ने अशोक रावत को इस सीट से लगभग 87 हजार वोटों से शिकस्त दी थी. सपा-बसपा गठबंधन के मुकाबले में इस बार बीजेपी की राह आसान नहीं होगी.
Source : News Nation Bureau