राहुल गांधी की नागरिकता को लेकर उनकी गले की फांस बनी बेकॉप्स लिमिटेड को लेकर शनिवार को वित्तमंत्री अरुण जेटली ने जमकर निशाना साधा. एक प्रेस कांफ्रेस में जेटली ने कहा कि बेकॉप्स कंपनी में राहुल गांधी की हिस्सेदारी थी. बता दें इससे पहले सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा था कि 2003 में ब्रिटेन में बेकॉप्स लिमिटेड नामक कंपनी पंजीकृत है और राहुल गांधी इस कंपनी में निदेशक और सचिव हैं. उन्होंने बताया कि कंपनी का वार्षिक आय-व्यय का विवरण 2005 और 2006 में दाखिल किया गया, जिसमें राहुल गांधी को ब्रिटिश नागरिक घोषित किया गया है. 2009 में कंपनी को भंग करने के आवेदन में राहुल गांधी को ब्रिटिश नागरिक बताया गया था.
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केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बीजेपी दफ्तर में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर राहुल गांधी पर हमला बोलते हुए कहा कि यह एक ऐसे शख्स की कहानी है, जो रक्षा सौदागर बनने की ख्वाहिश रखता था और आज भारत का प्रधानमंत्री बनने की ख्वाहिश रखता है. जेटली ने राहुल पर कैश डायरी को लेकर कई सवाल किए. इस दौरान अरुण जेटली ने कहा कि राहुल कभी भी इस पर जवाब क्यों नहीं देते. इससे पहले भी अरुण जेटली ने अगस्ता वेस्टलैंड मामले को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर निशाना साधा था. इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की तरफ से आरोप पत्र दाखिल होने के बाद राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी की प्रतिक्रिया पर अरुण जेटली ने पटलवार किया था.
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28 मई 2002 को भारत में एक कंपनी बनती है बैकऑप्स प्राइवेट लिमिटेड. राहुल गांधी और प्रियंका गांधी इसके डायरेक्टर बनते हैं. 21 अगस्त 2003 में ब्रिटेन में भी इसी नाम से एक कंपनी बनती है. उसके डायरेक्टर राहुल गांधी और एक अमेरिकी नागरिक बनते हैं. इस कंपनी के कोई मैन्यूफेक्चरिंग यूनिट नहीं है. ये एक तरह से लाइजनिंग करने वाली कंपनी है. यानी हम प्रभाव से आपका काम कराएंगे और बदले में पैसा लेंगे. ये इसका उद्देश्य था. चुप रहने का अधिकार किसी क्रिमिनल केस में मुलजिम को होता है, राजनीतिक नेताओं को ये अधिकार उपलब्ध नहीं है.
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कांग्रेस की प्रतिक्रिया पर अरुण जेटली ने कहा कि अगस्तावेस्टलैंड मामले की जानकारी पिछली यूपीए सरकार के कार्यकाल में सामने आई थी. उसी समय सीबीआई और ED को RG, AP तथा FAM जैसे शब्दों वाली डायरी मिली थी, उन्होंने कहा कि डायरी अगर षडयंत्र के दौरान लिखी गई हो तो वह एक सबूत होता है.
अरुण जेटली ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा था कि आरोपों पर चुप रहने का अधिकार आरोपी के पास होता है, ऐसे व्यक्ति के पास नहीं जो प्रधानमंत्री बनने की महत्वकांक्षा रखता हो. उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि क्या RG, AP और FAM काल्पनिक हैं? उन्होंने कहा कि यह उन्हीं लोगों के इनिशियल्स हैं जो उस समय निर्णय को प्रभावित करते थे, तब के रक्षा मंत्री, प्रधानमंत्री या फिर UPA के सहयोगियों के नहीं हैं.
प्रवर्तन निदेशायल ने अगस्तावेस्टलैंड मामले में आरोपी बिचौलिए क्रिश्चियन मिशेल से पूछताछ के बाद आरोप पत्र दाखिल किया है जिसमें RG, AP और FAM शब्दों का जिक्र किया गया है. ED के मुताबिक AP का अर्थ अहमद पटेल है.
Source : News Nation Bureau