logo-image

शर्मनाक! कांग्रेस को 1984 की सिख हत्याओं पर कोई पछतावा नहीं है : अरुण जेटली

इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने गुरुवार सन् 1984 में हुए सिख दंगों को लेकर एक विवादित बयान दिया है. जिसके बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सैम पित्रोदा के बहाने कांग्रेस पर निशाना साधा है.

Updated on: 10 May 2019, 11:19 AM

नई दिल्ली:

इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने गुरुवार सन् 1984 में हुए सिख दंगों को लेकर एक विवादित बयान दिया है. उन्‍होंने कहा था कि 1984 का सिख विरोधी दंगा हुआ तो हुआ. हम क्‍या करें. उसी बयान पर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कांग्रेस पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा, 'क्या कांग्रेस अध्यध (राहुल गांधी) अपने 'गुरु' को बाहर करेंगे, जो 1984 में हुए भारत के सबसे बड़े देशभक्त समुदाय के साथ हुए नरसंहार के बारें में ऐसी बात करते हैं.'

उन्होंने ये भी कहा, 'सैम पित्रोदा का 'हुआ तो हुआ' वाली प्रतिक्रिया 1984 में हुए सिखों के नरसंहार के प्रति कांग्रेस पार्टी की ओर से पछतावे की कमी को दर्शाती है. यह शर्मनाक की बात है कि कांग्रेस पार्टी को 1984 के दंगे और सिखो की हत्या पर कोई पछतावा नहीं है.'

बता दें कि सैम पित्रोदा ने गुरुवार को सिख दंगे से जुड़े एक सवाल का जवाब देते हुए एक विवादित बयान दिया. पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा दिल्ली के रामलीला मैदान में कांग्रेस पर सिख दंगे को लेकर निशाना साधने के बाद सैम पित्रोदा ने गुरुवार को प्रधानमंत्री की आलोचना की. इस दौरान एक सवाल के जवाब में पीएम पर टिप्पणी करते हुए पित्रोदा ने कहा- अब क्या है 84 का? आपने क्या किया पांच साल में उसकी बात करिए. 84 में जो हुआ वो हुआ, आपने क्या किया.

ये भी पढ़ें: लहर: इंदिरा गांधी की हत्या के बाद देश की सियासत तय करने वाली लहर,जाने पूरी कहानी

गौरतलब है कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद 31 अक्टूबर 1984 को सिख विरोधी दंगे भड़के थे. दरअसल इंदिरा गांधी की हत्या उनके सिख अंगरक्षकों ने की थी. जिसके बाद दंगे भड़क उठे थे. आपको बता दें कि उस दौरान देश के कई राज्यों में हत्या और आगजनी की वारदातें हुईं थीं. इन दंगों में तीन हजार से ज्यादा लोगों की जान गई थी. जिसमें अधिकतर लोग दिल्ली थे.