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शीला दीक्षित (फाइल फोटो)
लोकसभा चुनाव को लेकर दिल्ली में एक तरफ कांग्रेस ऊहापोह में फंसी है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी से गठबंधन को लेकर कांग्रेस एक कदम आगे तो दो कदम पीछे की रणनीति पर चल रही है. दरअसल दिल्ली कांग्रेस का एक खेमा आम आदमी पार्टी से गठबंधन का हिमायती है, वहीं दूसरा धड़ा इसके खिलाफ बताया जा रहा है. पिछले दिनों राहुल गांधी की मौजूदगी में दिल्ली कांग्रेस नेताओं की बैठक में पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन का खेमा गठबंधन की वकालत कर रहा था, वहीं शीला दीक्षित का खेमा विरोध कर रहा था. तब राहुल गांधी ने शीला दीक्षित की सुन ली थी और गठबंधन न करने का ऐलान किया था, लेकिन परदे के पीछे से कुछ नेता गठबंधन करने की कवायद करते रहे.
इस मामले में दो दिन पहले बड़ा मोड़ तब आया, जब दिल्ली के प्रभारी महासचिव पीसी चाको ने गठबंधन की संभावना से इन्कार नहीं किया था. उसके बाद से इस बात को बल मिलने लगा कि कहीं न कहीं गठबंधन की खिचड़ी पक रही है. एक दिन पहले ही शीला दीक्षित ने राहुल गांधी को पत्र लिखकर गठबंधन के खिलाफ अपनी भावना राहुल गांधी के सामने जता दी थी, लेकिन अब माना जा रहा है कि एनसीपी नेता शरद पवार गठबंधन कराने की पैरवी राहुल गांधी से कर रहे हैं.
माना जा रहा है कि इसी से आजिज आकर शीला दीक्षित ने मंगलवार को प्रदेश कांग्रेस के तीनों कार्यकारी अध्यक्षों की बैठक बुलाई है. बैठक शीला दीक्षित के आवास पर होगी और उसमें देवेंद्र यादव, हारुन युसूफ और राजेश लिलोठिया शामिल होंगे. देखना दिलचस्प होगा कि शीला दीक्षित इस बैठक में क्या रुख अख्तियार करती हैं..
Source : News Nation Bureau