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महागठबंधन सामाजिक महापरिवर्तन का रिश्ता : मायावती

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने बुधवार को यहां बुआ और भतीजे के रिश्ते को लेकर हो रहे हमले पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधा और कहा कि उनका यह रिश्ता भारतीय सभ्यता को ध्यान में रखकर सामाजिक महापरिवर्तन के लिए है

Updated on: 08 May 2019, 06:03 PM

लखनऊ:

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने बुधवार को यहां बुआ और भतीजे के रिश्ते को लेकर हो रहे हमले पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधा और कहा कि उनका यह रिश्ता भारतीय सभ्यता को ध्यान में रखकर सामाजिक महापरिवर्तन के लिए है. मायावती और अखिलेश यादव ने आज यहां संयुक्त रूप से एक चुनावी रैली को संबोधित किया. मायावती ने कहा, "भाजपा जाति, धर्म, राष्ट्रवाद और आतंकवाद के नाम पर बरगलाने की कोशिश कर रही है. इतना ही नहीं भाजपा वाले हमारे बीच बने संस्कारी रिश्तों पर भी तरह-तरह की बातें कर रहे हैं. ये लोग हमारी संस्कृति और सभ्यता के आधार पर बने रिश्तों पर ही तंज कस रहे हैं. लेकिन, हमारा यह रिश्ता भारतीय सभ्यता को ध्यान में रखकर सामाजिक महापरिवर्तन का रिश्ता है."

उन्होंने कहा, "आजमगढ़ सदर लोकसभा सीट से फूट डालो राज करो की नीति के तहत निरहुआ को प्रत्याशी बनाया है. मुझे अपने कार्यकर्ताओं पर भरोसा है कि आप सभी अखिलेश यादव को यहां से जिताएंगे. प्रदेश में पांच चरणों के वोट पड़ चुके हैं. जिसकी अच्छी रिपोर्ट गठबंधन के पक्ष में मिल रही है. इस बार चुनाव में यहां हमारे लोग नमो नमो की छुट्टी करेंगे."

मायावती ने कहा, "बहुजन समाजपार्टी का गठन होने के बाद पार्टी लगातार दलितों आदिवासियों और पिछड़ों को लाभ दिलाने का प्रयास कर रही है. कांशी राम ने मंडल कमीशन की रिपोर्ट लागू करानी चाही मगर कांग्रेस ने सहयोग नहीं किया. हमें इसके लिए धरना-प्रदर्शन करना पड़ा."

उन्होंने कहा, "भाजपा की इस गठबंधन से नींद उड़ गई है. मोदी ने गुजरात में अगड़ी जाति को ही पिछड़ी जाति में शामिल कर लिया है. सामाजिक महापरिवर्तन का गठबंधन किसी और राज्य में न बन जाए, उससे भाजपा चिंतित है."

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा, "यह देश को महापरिवर्तन की तरफ ले जाने वाला महागठबंधन है. यह लोगों को सम्मान दिलाने वाला गठबंधन है. भाजपा को अपना वादा याद नहीं है. किसानों की आय नहीं बढ़ पा रही है. हमारे किसान इंतजार करते रहे कि खुशहाली आएगी, लेकिन खाद की बोरी में पांच किलो की चोरी हो गई. नौकरी रोजगार की उम्मीद थी, मगर सरकार की नोटबंदी और जीएसटी से नौकरी खत्म हो गई. करोड़ों नौकरियों की बात कही थी, मगर व्यापार भी ठप है."

उन्होंने चाय वाला और चौकीदार का हवाला देते हुए पुरानी बातें दोहराई. उन्होंने कहा, "बाबा मुख्यमंत्री कहते हैं कि संविधान न होता तो मैं गाय-भैंस चरा रहा होता. मैं कहता हूं कि यदि संविधान न होता तो बाबा भी मठ में घंटा बजा रहे होते. इन्होंने अपनी सरकार नफरत और धोखे की नींव पर रखी है. अंग्रेजों की तरह भाजपा हमें और आपको बांटना चाहती है. आजमगढ़ से समाजवादी रिश्ता बहुत पुराना है, यहां की जनता पर हमें पूरा भरोसा है कि परिणाम ऐतिहासिक आएगा."