उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक टीवी चैनल को दिए अपने इंटरव्यू में सपा-बसपा और कांगेस को लेकर गठबंधन की बात पर कई बड़े खुलासे किए. उन्होंने कहा वह लोकसभा चुनाव 2019 के लिए बहुजन समाज पार्टी के साथ ही कांग्रेस से भी गठबंधन करना चाहते थे. अखिलेश ने कहा लेकिन कांग्रेस मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान विधानसभा चुनावों में मिल जीत का जश्न मना रही थी और उसने गठबंधन के लिए कोई उत्सुकता तक नहीं दिखाई.
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इसके साथ ही उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम अखिलेश यादव से जब सवाल किया गया कि गठबंधन में कांग्रेस के शामिल होने से क्या नुकसान होने की आशंका थी या कोई और वजह थी. इस पर अखिलेश यादव ने कहा जिस समय गठबंधन की बात चल रही थी, बहुजन समाज पार्टी से मध्य प्रदेश में उन्होंने गठबंधन नहीं किया, बल्कि तोड़ दिया. उसके बाद वही कांग्रेस के लोग मुझसे चाहते थे कि मैं गठबंधन कर लूं. मैंने कह दिया बिना बहुजन समाज पार्टी के मैं गठबंधन नहीं कर सकता हूं, और उसके बाद कांग्रेस की तीन राज्यों में सरकारें जो बन गईं कांग्रेस ने पीछे मुड़कर देखा ही नहीं..और जब पीछे मुड़कर नहीं देखा तो समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने गठबंधन कर लिया, मैं तो कह रहा हूं कि जो बीजेपी है वही कांग्रेस है.
इसी तरह जब अमेठी-रायबरेली में कांग्रेस के खिलाफ कोई उम्मीदवार नहीं उतारने पर सवाल किया गया तो अखिलेश यादव ने कहा कि वह कांग्रेस के लिए सॉफ्ट नहीं हैं. उन्होंने कहा कि सपा-बसपा गठबंधन में कांग्रेस को दो सीटें दी गई हैं. आदरणीय मायावती जी और हम लोगों ने मिलकर ये फैसला लिया था कि हम उनको गठबंधन में शामिल करेंगे और अमेठी व रायबरेली की सीटें उनके लिए छोड़ेंगे. ये हम दोनों का संयुक्त फैसला था. हमने माना कि ये परंपरागत रूप से कांग्रेस की सीटें हैं.
हालांकि बीजेपी और कांग्रेस में कोई अंतर नहीं है. इनकी नीतियों की वजह से ही देश की ये हालत है. जिस समय हमारी बातचीत हुई और सीटें तय की उस समय हमने ये दो सीटें छोड़ने का फैसला किया, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि मैं कांग्रेस के प्रति सॉफ्ट हूं.
Source : News Nation Bureau