आखिर क्यों लोकसभा चुनाव से पहले EC ने बड़े अफसरों को हटाया? दोहरा प्रभार बना बड़ी वजह
निर्वाचन आयोग ने सख्त तेवर दिखाते हुए गुजरात, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड मुख्य सचिवों के कार्यकारी अधिकार को ले लिया है. अब ये सभी मुख्य सचिव लोकसभा चुनाव की पूरी प्रक्रिया में हिस्सा नहीं लेंगे.
नई दिल्ली:
निर्वाचन आयोग ने लोकसभा चुनावों की तिथियों का ऐलान करते हुए नौ राज्यों में बड़ी कार्रवाई की है. आयोग ने छह राज्यों में गृह सचिवों, दो राज्यों में प्रशासनिक सचिवों, पश्चिम बंगाल के डीजीपी और मुंबई महानगरपालिका के आयुक्त के साथ दो अन्य अधिकारियों को पद से हटाने का आदेश दिया है. ये सभी अधिकारी अब लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया से दूर रहने वाले हैं. सीईसी राजीव कुमार ने आम चुनावों के ऐलान के 48 घंटे बाद निर्वाचन आयुक्तों ज्ञानेश कुमार और सुखबीर सिंह संधू के साथ सोमवार को बैठक की है. इसके बाद उन्होंने सात राज्य गुजरात, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के गृह सचिवों को पद से हटाने के निर्देश दिए हैं.
दोहरा प्रभार होना बनी वजह
इलेक्शन कमीशन निर्वाचन आयोग ने फैसला अधिकारियों के पास मुख्यमंत्री कार्यालय में दोहरा प्रभार होने के कारण लिया है. आयोग को ये आशंका थी कि सभी अधिकारी दोहरी भूमिका में थे. ऐसे में निष्पक्षता और तटस्थता से समझौता कर सकते हैं. इससे खासतौर पर कानूनी व्यवस्था, सुरक्षा बलों की तैनाती में निष्पक्षता सवालों के घेरे में आ सकती थी. लिहाजा आयोग ने ऐसी स्थिति से दूर रहने के लिए इन अधिकारियों को पूरी चुनावी प्रक्रिया से हटा दिया है.
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पारदर्शी चुनाव कराने को लेकर अपनी प्रतिबद्धता दिखाई
इसके साथ चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) राजीव कुमार को हटाने का भी निर्देश दिया है. इससे पहले राज्य में 2016 के विधानसभा चुनाव और 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान भी डीजीपी को किसी सक्रिय चुनाव प्रबंधन संबंधी ड्यूटी से हटाए जाने की वजह से यह फैसला लिया गया है. इस फैसले से भारत निर्वाचन आयोग ने स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव कराने को लेकर अपनी प्रतिबद्धता दिखाई है.
आयोग ने राज्य सरकारों को दिया निर्देश
आयोग ने सभी राज्य की सरकारों को एक बार दोबारा से निर्देश दिए हैं कि वे चुनाव से जुड़े कार्यों से जुड़े उन अधिकारियों का तबादला दूसरे जिले में कर दें, जिनकी तैनाती बीते तीन साल से एक ही जगह पर हो या फिर अपने गृह जिलों में तैनात हो. इसके अलावा महाराष्ट्र में नगर आयुक्तों और कुछ अतिरिक्त, उप नगर आयुक्तों के संबंध में निर्देशों का पालन न करने पर आयोग ने महाराष्ट्र के मुख्य सचिव पर नाराजगी व्यक्त की है. बीएमसी के आयुक्त, अतिरिक्त/उपायुक्तों को आज शाम 6 बजे तक रिपोर्ट देने के निर्देश के संग ट्रांसफर करने का आदेश दिया है.
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