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Liquor case: सौरभ भारद्वाज बोले, यह मामला मनी लॉन्ड्रिंग का नहीं बल्कि एक बड़ा षड्यंत्र है

AAP मंत्री ने कहा, जब करोड़ों रुपए का हेरफेर हो और एक रुपए की भी बरामदगी ना हो तो इस जांच पर बड़े सवाल खड़े होते हैं

Updated on: 09 Apr 2024, 11:05 PM

highlights

  • ED आज तक एक रुपये की भी बरामदगी नहीं दिखा पाई है: सौरभ भारद्वाज
  • हाईकोर्ट का पूरा सम्मान परंतु हम कोर्ट के फैसले से सहमत नहीं हैं: आप मं​त्री 
  • गवाहों ने न्यायालय के सामने कहा है कि उनसे जबरदस्ती बयान दिलवाए:  भारद्वाज

 

नई दिल्ली:

पार्टी मुख्यालय में हुई एक प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं कैबिनेट मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा, संजय सिंह के मामले में हाईकोर्ट से राहत नहीं मिली थी. मगर उन्हीं दलीलों पर सुप्रीम कोर्ट से राहत मिल गई थी. ये अक्सर देखा जाता है कि डिस्ट्रिक्ट कोर्ट का फैसला गलत हो तो हाई कोर्ट पलट देता है और हाई कोर्ट के गलत फैसलों को सुप्रीम कोर्ट पलट देता है. जो बातें सरकारी गवाहों के बारे में आज हाई कोर्ट ने कही थी, वहीं बातें संजय सिंह के फैसले में 7 फरवरी 2024 को कही गईं. मगर सुप्रीम कोर्ट ने ये बातें बिल्कुल नहीं मानी और संजय सिंह को राहत दी गई. 

ईडी को एक रुपए की भी बरामदगी नहीं हुई

उन्होंने कहा कि दिल्ली के कथित शराब घोटाले में अब तक जो कुछ भी हुआ है उसको देखकर यह कहा जा सकता है कि यह मामला मनी लॉन्ड्रिंग का नहीं बल्कि एक बड़ा षड्यंत्र है. उन्होंने कहा कि अब तक इस पूरे मामले में हमने देखा कि पहले हजारों करोड़ के घोटाले की बात होती थी, फिर वह सैकड़ो करोड़ के घोटाले पर आ गई और उसके बाद 100 करोड़ रुपए के घोटाले पर आ गई, परंतु आज तक इस पूरे मामले में ईडी को एक रुपए की भी बरामदगी नहीं हुई है.

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उन्होंने कहा कि जब करोड़ों रुपए का हेरफेर हो और एक रुपए की भी बरामदगी ना हो तो इस जांच पर बड़े सवाल खड़े होते हैं. सौरभ भारद्वाज ने कहा कि बार-बार यह बात कही जा रही है, कि इस मामले में जो गवाह है उन्हें धमकाया गया, प्रताड़ित किया गया और उनके पिछले बयानों को हटाकर वह बयान देने के लिए मजबूर किया गया जो केंद्र सरकार की एजेंसी ईडी बुलवाना चाहती थी.

गवाहों को प्रताड़ित किया गया: सौरभ भारद्वाज 

इस मामले के एक गवाह चंदन रेड्डी पर बात करते हुए सौरभ भारद्वाज ने कहा कि उन्होंने हाईकोर्ट में रिट पिटीशन दायर की थी और उसमें इस बात की शिकायत की थी कि उन्हें अपना बयान बदलने के लिए इतना पीटा गया कि उनके दोनों कानों के पर्दे फट गए. इसी प्रकार से एक और अन्य गवाह अरुण पिल्लई को, उनकी पत्नी और उनकी बेटी के नाम पर डराया गया धमकाया गया. समीर महेंद्रू की पत्नी को एयरपोर्ट पर रोका गया, अलग अलग तरह से परेशान किया गया. दबाव बनाकर अरुण पिल्लई और समीर महेंद्रू से वो बयान दिलवाया गया जो ईडी उनसे दिलवाना चाहती थी. सौरभ भारद्वाज के अनुसार, यह सभी बातें ऑन रिकॉर्ड हैं. 

सौरभ भारद्वाज ने कहा कि इस पूरे मामले में जो सबसे बड़ी गवाही बतायी जा रही है, मगुंटा रेड्डी और उनके बेटे राघव रेड्डी की. हम सभी ने देखा है की उस मगुंटा रेड्डी को NDA सहयोगी TDP ने आंध्र प्रदेश से लोकसभा का उम्मीदवार बनाया है. इस मतलब है कि मगुंटा रेड्डी अब NDA के सांसद उम्मीदवार हैं. उन्होंने कहा कि इसी मगुंटा रेड्डी के पुराने बयान को अगर देखा जाए तो 16 सितंबर 2022 को मगुंटा रेड्डी के घर ED की रेड पड़ी. उन्हें गिरफ्तार किया जाता है और उनसे जो बयान लिया गया, उस बयान में उन्होंने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ कोई बात नहीं कही. 

राघव रेड्डी का ED ने छह बार बयान लिया : सौरभ भारद्वाज 

उन्होंने कहा कि इसके बाद उनके बेटे राघव रेड्डी को ED की ओर से गिरफ़्तार कर लिया जाता है. राघव रेड्डी का ED ने छह बार बयान लिया और इसी प्रकार से मगुंटा रेड्डी के भी कई बार बयान लिए. मगर दोनों के बयानों में अरविंद केजरीवाल के खिलाफ कोई भी बात नहीं बोली.  उन्होंने कहा कि पांच माह तक राघव रेड्डी को में रखा गया. बेटे की तकलीफ से बाप टूट गया और पहली बार उन्होंने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ बयान दिया जो ED चाहती थी.

सुप्रीम कोर्ट के समक्ष अपनी बात रखेंगे: सौरभ भारद्वाज 

उन्होंने कहा कि इस बयान के बाद ईडी का जो मकसद था वह पूरा हो गया. राघव रेड्डी को जेल से रिहा कर दिया गया. उन्होंने कहा की मगुंटा रेड्डी के बेटे राघव रेड्डी को जमानत इस शर्त से दी गई कि आपको अरविंद केजरीवाल के खिलाफ बयान देना है. बयान इस प्रकार से डराकर धमकाकर लिया जाता है कि ऐसे बयान की कोई कीमत नहीं होती. उन्होंने कहा, यह बात तो साबित हो गई है कि जिस मगुंटा रेड्डी   के बयान के आधार पर अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किया गया है, उसका भाजपा के साथ सीधे तौर पर कनेक्शन है. आप नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि आज इस मामले में अरविंद केजरीवाल की ओर से दाखिल की गई याचिका पर हाईकोर्ट का जो फैसला आया है, हम   कोर्ट का सम्मान करते हैं. मगर अदालत के इस फैसले से हम सहमत नहीं हैं. इस फैसले के खिलाफ हम सुप्रीम कोर्ट के समक्ष अपनी बात रखेंगे.