लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha Election 2019) में पार्टियों के दिग्गज नेता अपने दांव-पेंच से बाज नहीं आ रहे हैं. हर कोई अपने उम्मीदवारों की जीत के प्रयास में लगा हुआ है. इस बीच कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की परेशानी बढ़ती ही जा रही है. आगरा में एक वकील ने कोर्ट में राहुल गांधी के खिलाफ केस फाइल किया है.
बता दें कि राहुल गांधी ने अपनी पार्टी की घोषणा पत्र में भारतीय दंड संहिता की धारा 124A (जो कि देशद्रोह के अपराध को परिभाषित करती है) को खत्म करने का वादा है. इस पर आगरा के वकील नरेंद्र शर्मा की ओर से सीजेएम (CJM) कोर्ट में राहुल गांधी के खिलाफ केस फाइल किया गया है. इससे कांग्रेस अध्यक्ष की परेशानी बढ़ सकती है. बता दें कि पूरे देश में धारा-124ए चर्चा का विषय है.
क्या है धारा 124 ए?
भारतीय दंड संहिता (इंडियन पिनल कोड IPC) की धारा 124-ए को ही राजद्रोह का कानून कहा जाता है. अगर कोई व्यक्ति देश की एकता और अखंडता को नुकसान पहुंचाने वाली गतिविधि को सार्वजनिक रूप से अंजाम देता है तो वह 124-ए के अधीन आता है.
साथ ही अगर कोई व्यक्ति सरकार-विरोधी सामग्री लिखता या बोलता है, ऐसी सामग्री का समर्थन करता है, राष्ट्रीय चिन्हों का अपमान करने के साथ संविधान को नीचा दिखाने की कोशिश करता है तो उसके खिलाफ आईपीसी की धारा 124-ए में राजद्रोह का मामला दर्ज हो सकता है. इन गतिविधियों में लेख लिखना, पोस्टर बनाना, कार्टून बनाना जैसे काम भी शामिल होते हैं.
कितनी हो सकती है सजा?
इस कानून के तहत दोषी पाए जाने पर दोषी को 3 साल से लेकर अधिकतम उम्रकैद की सजा हो सकती है.
क्या है इस कानून का इतिहास?
यह कानून अंग्रेजों के जमाने में बना था और अब तक अस्तित्व में है. 1860 में इस कानून को बनाया गया था और 1870 में इसे आईपीसी में शामिल कर दिया गया. उस वक्त अंग्रेज इस कानून का इस्तेमाल उन भारतीयों के लिए करते थे, जो अंग्रेजों के खिलाफ आवाज उठाते थे. आजादी की लड़ाई के दौरान भी देश के कई क्रांतिकारियों और सैनानियों पर यह केस लगाया गया था.
Source : News Nation Bureau