समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के बाद अब आम आदमी पार्टी (AAP) ने भी 2019 का लोकसभा चुनाव अकेले लड़ने का फैसला किया है. आम आदमी पार्टी ने महागठबंधन में शामिल होने की सभी अटकलों को भी खारिज कर दिया है. एक निजी चैनल से बातचीत में आप (AAP) के सांसद संजय सिंह ने कहा है कि दिल्ली, पंजाब, गोवा और हरियाणा उनकी पार्टी काफी मजबूत है. इससे पहले आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के साथ मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ने की चर्चा थी.
सूत्रों के अनुसार, आम आदमी पार्टी 2014 की गलती नहीं दोहराएगी. बता दें कि 2014 में आम आदमी पार्टी पूरे देश में चुनाव लड़ी थी. एक दिन पहले पार्टी पार्टी के दिल्ली संयोजक गोपाल राय ने बताया था, ‘आप' दिल्ली की 7, हरियाणा की 10, पंजाब की 13, गोवा की 2 और चंडीगढ़ की 1 सीटों पर मजबूती से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है. उन्होंने कहा था, हम दिल्ली में संगठन विस्तार करने जा रहे हैं. इसके तहत विजय प्रमुख बनाए जाएंगे, जो लोकसभा चुनावों में सीधे तौर पर पार्टी के लिए बेहद अहम कड़ी साबित होंगे.
इससे पहले, समाजवादी पार्टी (SP) के मुखिया और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने महागठबंधन से दूर तीसरे मोर्चे संघीय मोर्चा (Fedral Front) के लिए सक्रियता दिखाई है. उन्होंने कहा, 'मैं तेलंगाना के मुख्यमंत्री को इस दिशा में काम करने के लिए बधाई देता हूं. वह पिछले कई महीनों से सभी दलों को साथ लाने की कोशिश और संघीय मोर्चा तैयार करने की कवायद में जुटे हैं. मैं उनसे मुलाकात करने हैदराबाद जाऊंगा.' इससे पहले उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के साथ राष्ट्रीय लोकदल के बीच गठबंधन की खबरें आई थीं.
उधर, तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) के अध्यक्ष और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने BJD अध्यक्ष और ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से मुलाकात कर कहा कि देश में क्षेत्रीय दलों को एकजुट होने की जरूरत है.
Source : News Nation Bureau