मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) से पिछले लोकसभा चुनाव (Loksabha Election) में निर्वाचित हुईं तीन महिला सांसद इस बार चुनाव मैदान से बाहर हो गई हैं. इनमें दो केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज (Sushma Swaraj) और लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन (Sumitra Mahajan) मध्य प्रदेश सांसद रही हैं और तीसरी केंद्रीय मंत्री उमा भारती (Uma Bharti) उत्तर प्रदेश से सांसद हैं, लेकिन उनका नाता मध्य प्रदेश से है और वह राज्य की मुख्यमंत्री रह चुकी हैं. खास बात यह कि तीनों एक ही दल भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से हैं और तीनों ने आगामी लोकसभा चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है.
यह भी पढ़ें- सीएम कमलनाथ के OSD के घर पर इनकम टैक्स का छापा, 50 स्थानों पर चल रही खोजबीन, भोपाल से नकदी बरामद
राज्य से लेकर राष्ट्रीय राजनीति में मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के विदिशा संसदीय सीट से सांसद सुषमा स्वराज (Sushma Swaraj), इंदौर की सांसद सुमित्रा महाजन (Sumitra Mahajan) और राज्य के टीकमगढ़ जिले में जन्मी व पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान में उत्तर प्रदेश के झांसी से सांसद केंद्रीय मंत्री उमा भारती (Uma Bharti) की खास पहचान है.
यह भी पढ़ें- 2014 के मुकाबले 2019 में एयर स्ट्राइक से बढ़ी PM मोदी की लोकप्रियता- सर्वे
लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन (Sumitra Mahajan) इंदौर संसदीय सीट से लगातार आठ बार से निर्वाचित होती आ रही हैं. उन्होंने पहली बार 1989 में जीत दर्ज की थी और उसके बाद से यह सीट बीजेपी (BJP) का गढ़ है. बीजेपी ने 75 साल की उम्र पार कर चुके नेताओं को उम्मीदवार न बनाने का निर्णय लिया है, जिसके कारण सुमित्रा महाजन (Sumitra Mahajan) ने स्वयं चुनाव न लड़ने का ऐलान कर दिया है. उन्होंने शुक्रवार को एक पत्र लिखकर चुनाव न लड़ने की घोषणा की.
यह भी पढ़ें- तेज प्रताप यादव ने किसको बोला 'दुर्योधन', क्यों दी सर्वनाश की धमकी, पढ़ें पूरी खबर
विदिशा संसदीय सीट भी बीजेपी (BJP) का गढ़ है. केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज (Sushma Swaraj) पिछले दो चुनाव से विदिशा का प्रतिनिधित्व करती आ रही हैं, मगर स्वास्थ्य कारणों से उन्होंने पहले ही आगामी चुनाव न लड़ने का ऐलान कर दिया था. विदिशा सीट पर साल 1967 के बाद से अब तक हुए लोकसभा चुनावों में कांग्रेस को सिर्फ दो बार साल 1980 और 1984 में जीत मिल पाई थी. दोनों बार कांग्रेस (Congress) के उम्मीदवार प्रताप भानु शर्मा जीते थे.
यह भी पढ़ें- Lok Sabha Election 2019 : राज ठाकरे ने राहुल गांधी के प्रधानमंत्री बनने का किया समर्थन
इस संसदीय सीट पर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) साल 1991 में जीते थे. वाजपेयी तब विदिशा और लखनऊ दोनों जगह से चुनाव लड़े थे. बाद में उन्होंने विदिशा से इस्तीफा दे दिया था. उनके बाद पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) ने पांच बार इस संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया. उनके बाद सुषमा स्वराज (Sushma Swaraj) साल 2009 और 2014 में यहां से निर्वाचित हुईं.
यह भी पढ़ें- लालू प्रसाद यादव से अस्पताल में न मिलने देने पर भड़के तेजस्वी यादव, कहा- पिता के साथ ऐसा हो रहा बर्ताव
देश की राजनीति में अपनी बेबाक टिप्पणी के लिए पहचानी जाने वाली केंद्रीय मंत्री और झांसी की सांसद उमा भारती (Uma Bharti) ने भी आगामी चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है. मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ में जन्मी और राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती (Uma Bharti) खुद चुनाव न लड़ने की वजह गंगा नदी के लिए काम करने को बता रही हैं. उमा इससे पहले खजुराहो और भोपाल संसदीय सीटों का भी प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं.
यह भी पढ़ें- कांग्रेस एक डूबती टाइटैनिक है, जो-जो इसपर बैठा है वो जान बचाने के लिए भाग रहा है: पीएम मोदी
राजनीतिक विश्लेषक रवींद्र व्यास कहते हैं, 'तीनों महिला सांसदों की अपनी विशिष्ट कार्यशैली है और उसी के चलते उन्हें राजनीति के पटल पर पहचाना जाता है. भारी जनाधार वाली इन महिला नेत्रियों के चुनाव न लड़ने से तीनों संसदीय क्षेत्रों में चुनाव के दौरान सूनापन तो रहेगा ही, साथ में पार्टी को उनके टक्कर के उम्मीदवार चुनना भी आसान नहीं रहने वाला है. बीजेपी जिस नए चेहरे को मौका देगी, उसकी तुलना पूर्ववर्ती सांसदों से होगी और यह स्थिति भाजपा उम्मीदवारों के लिए चुनौती बन सकती है.'
Source : IANS