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First Phase UP: आठ के ठाठ पर होगी बीजेपी या चौधरी वापस पाएंगे अपनी खोई जमीन, जानें पूरा समीकरण

लोकसभा चुनाव 2019 या यूं कहें IPL शुरू हो गया है. यह नया IPL यानी Indian Political League 2019 है. देशभर में सात फेज में ये मुकाबले होंगे और पहला फेज चंद घंटों बाद यानी 11 अप्रैल को शुरू हो रहा है.

Updated on: 11 Apr 2019, 06:47 AM

नई दिल्‍ली:

लोकसभा चुनाव 2019 या यूं कहें IPL शुरू हो गया है. यह नया IPL यानी Indian Political League 2019 है. देशभर में सात फेज में ये मुकाबले होंगे और पहला फेज चंद घंटों बाद यानी 11 अप्रैल को शुरू हो रहा है. पहले फेज में वैसे तो 20 राज्‍यों की 91 सीटों पर महामुकाबले देखने को मिलेंगे. जहां तक बात उत्तर प्रदेश की है तो यहां 80 लोकसभा सीटों में महज 8 सीटों पर पहले चरण में वोट डाले जाएंगे. इन आठ संसदीय क्षेत्रों में 1,50,65,682 मतदाता हैं, जिनमें 82,24,835 पुरुष मतदाता और 68,39,833 महिला मतदाता हैं. गाजियाबाद सबसे बड़ा संसदीय क्षेत्र हैं, जहां 26,56,779 मतदाता हैं और बागपत सबसे छोटा संसदीय क्षेत्र है, जहां 1,592,297 मतदाता हैं.

ये आठों सियासी मैदान पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हैं. 2014 के IPL में इन आठों मैदानों पर बीजेपी ने बाजी मारी थी. सपा, बसपा को बुरी तरह हराने वाली टीम बीजेपी के लिए सहारनपुर, कैराना, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, मेरठ, बागपत, गाज़ियाबाद और गौतमबुद्धनगर की पिच पर न केवल धुआंधर रन (वोट) बटोरने होंगे बल्‍कि कोशिश यह भी होगी कि इस फेज में एक भी विकेट न गिरे.


सहारनपुर

सहरानपुर सीट से बीएसपी की हाथी पर हाजी फजलुर्रहमान सवार हैं, जबिक कांग्रेस ने इमरान मसूद पर को मैदान में उतारा है. बीजेपी ने मौजूदा सांसद राघव लखनपाल पर एक बार फिर भरोसा जताया है. अगर समीकरण की बात करें तो इस सीट पर सपा-बसपा गठबंधन अपने दलित, जाट और मुस्लिम वोट बैंक को एकजुट करने की पूरी कोशिश करेगा. अगर गठबंधन अपने इन वोटरों को साधन में सफल रहा तो बीजेपी के लिए लोहे के चने चबाने पड़ सकते हैं. 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने इस सीट को बहुत मामूली अंतर से जीता था. सहारनपुर में करीब साढ़े 6 लाख मुस्लिम, पांच लाख दलित और 1 लाख वोट के करीब जाट मतदाता हैं. कुल 1,608,833 वोटर हैं. यहां 11 उम्‍मीदवार चुनाव मैदान में हैं.

कैराना

कैराना लोकसभा सीट अब सपा के खाते में है. यहां से तबस्सुम हसन चुनाव लड़ रही हैं. 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के हुकुम सिंह ने जीती थी, लेकिन बाद में उनके निधन के बाद हुए चुनाव में सपा के समर्थन से ये सीट आरएलडी जीतने में सफल रही थी. कांग्रेस ने हरेंद्र सिंह मलिक पर और बीजेपी ने प्रदीप कुमार पर दांव लगाया है. इस सीट पर सबसे ज्यादा 5 लाख मुस्लिम, 4 लाख बैकवर्ड (जाट, गुर्जर, सैनी, कश्यप, प्रजापति और अन्य शामिल) और डेढ़ लाख वोट जाटव दलित है और 1 लाख के करीब गैरजाटव दलित मतदाता हैं. 2 लाख के करीब जाट वोटर हैं.

मुजफ्फरनगर

सपा-बसपा- आरएलडी गठबंधन के तहत मुजफ्फरनगर सीटआरएलडी के खाते में गई हैं. आरएलडी प्रमुख चौधरी अजित सिंह इस सीट से चुनावी मैदान में उतर रहे हैं. बीजेपी ने अपने मौजूदा सांसद संजीव बालियान को एक बार फिर उतारी है. यहां करीब साढ़े 5 लाख मुस्लिम, ढाई लाख दलित, और सवा दो लाख के करीब जाट मतदाता हैं. इसके अलावा सैनी और कश्यप वोट भी करीब दो लाख के करीब हैं. यह सीट चौधरी परिवार की राजनीति का भविष्‍य तय करेगी.

बागपत

जाटों के गढ़ बागपत से इस बार अजित सिंह के बेटे जयंत चौधरी बागपत सीट से उतर रहे हैं. पिछले चुनाव में 2 लाख से जीत दर्ज करने वाले बीजेपी के सत्यपाल सिंह की राह इस बार आसान नहीं नजर आ रही है. पिछले पांच साल से जयंत चौधरी क्षेत्र में हैं. वह लगातार युवाओं मैं अपनी पैठ बना रहे हैं. आरएलडी की इस परंपरागत सीट से चौधरी चरण सिंह 1977, 1980 और 1984 में लगातार चुनाव जीते हैं. जयंत के पिता और आरएलडी अध्यक्ष अजित सिंह 6 बार सांसद रहे. कांग्रेस ने यहा कोई उम्‍मीदवार नहीं उतारा है. बागपत में 13 उम्‍मीदवार मैदान में हैं.

मेरठ

पश्चिम यूपी की मेरठ लोकसभा सीट से बसपा ने हाजी याकूब कुरैशी को मैदान में उतारा है. कांग्रेस ने मेरठ से हरेंद्र अग्रवाल को टिकट दिया है. बीजेपी ने दो बार के सांसद राजेंद्र अग्रवाल पर एक बार फिर भरोसा जतया है. हालांकि ये सीट मुस्लिम और दलित बहुल मानी जाती है. मेरठ में 11 उम्‍मीदवार ताल ठोक रहे हैं.


गाजियाबाद

गाजियाबाद से कांग्रेस ने डॉली शर्मा को उम्‍मीदवार बनाया है. सपा-बसपा गठबंधन के बाद सपा ने सुरेश बंसल को गाजियाबाद सीट से टिकट दिया है. बीजेपी ओर से जनरल वीके सिंह एक बार फिर सियासी पिच पर बैटिंग करने को तैयार हैं. पिछले लोकसभा चुनाव में जनरल वीके सिंह ने कांग्रेस के राजबब्बर को करीब पांच लाख मतों से मात देकर सांसद बने थे.जातीय समीकरण के लिहाज से बीजेपी और सपा दोनों के लिए ये सीट काफी चुनौती भरी है. इस बार यहां 11 प्रत्‍याशी अपनी किस्‍मत आजमा रहे हैं.


नोएडा

नोएडा लोकसभा सीट से बसपा ने यहां से सतवीर नागर को मैदान में उतारा है. बीजेपी की ओर से इस बार डॉ महेश शर्मा ताल ठोक रहे हैं. कांग्रेस ने गौतमबुद्धनगर सीट से डॉ. अरविंद सिंह चौहान को टिकट दिया है. पिछले चुनाव में महेश शर्मा में जीत हासिल की थी. यह गुजर और राजपूत बहुल सीट है. यहां 13 उम्‍मीदवार मैदान में हैं.

बिजनौर

बिजनौर लोकसभा सीट पर मुस्लिम और गुर्जर वोटर ज्‍यादा हैं. इस सीट पर बीजेपी का कब्जा है और यहां से कुंवर भारतेंद्र सिंह सांसद हैं. कांग्रेस ने बिजनौर से नसीमुद्दीन सिद्दीकी को टिकट दिया है. बीजेपी ने भारतेंद्र सिंह को एक बार फिर उतारा है. बसपा ने यहां से मलूक नागर को टिकट दिया है. इस सीट पर करीब 35 फीसदी मुस्लिम और तीन लाख दलित और दो लाख जाट मतदाता हैं. इस बार यहां 13 उम्‍मीदवार मैदान में हैं.