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जीरादेई सीट: क्या जदयू इस बार भी कर सकेगी सीट पर कब्जा?

बिहार में चुनावी शोर मचा है. सिवान जिले के अंर्तगत आने वाले जीरादेई विधानसभा सीट पर भी भी चुनावी चर्चाएं जोरों पर हैं. जीरादेई सीट पर इस बार मुकाबला टक्कर का देखने को मिल सकता है.

Updated on: 07 Nov 2020, 07:02 PM

सिवान:

बिहार में चुनावी शोर मचा है. सिवान जिले के अंर्तगत आने वाले जीरादेई विधानसभा सीट पर भी भी चुनावी चर्चाएं जोरों पर हैं. जीरादेई सीट पर इस बार मुकाबला टक्कर का देखने को मिल सकता है. यहां मुख्य मुकाबला एनडीए और महागठबंधन के बीच है. एनडीए की ओर से जदयू ने कमला कुशवाहा और महागठबंधन की ओर से सीपीआई (एमएल) (एल) ने अमरजीत कुशवाहा ने टिकट दिया है. अभी यह सीट जदयू के खाते में है और रमेश सिंह कुशवाहा यहां से मौजूदा विधायक हैं. हालांकि यहां बीजेपी-जदयू गठबंधन को जीत मिल सकती है, क्योंकि इस सीट पर बीजेपी की भी काफी मजबूत पकड़ देखने को मिलती है.

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2015 में जदयू ने किया कब्जा

2015 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर जदयू ने कब्जा किया था. जदयू उम्मीदवार रमेश सिंह कुशवाहा ने बीजेपी की आशा देवी को हराया था. रमेश सिंह कुशवाहा ने आशा देवी को 6,091 वोटों के अंतर से मात दी. जदयू उम्मीदवार को 40,760 वोट मिले थे, जबकि बीजेपी के प्रत्याशी के पक्ष में 34,669 वोट आए थे.

2010 में बीजेपी ने दोबारा किया कब्जा

2010 के विधानसभा चुनाव में यह सीट बीजेपी के खाते में आई थी. बीजेपी की आशा देवी ने यहां से जीत हासिल की थी. 2010 के चुनाव में की आशा देवी ने सीपीआई (एमएल) (एल) के उम्मीदवार अमरजीत कुशवाहा को 8,920 वोटों से मात दी थी. आशा देवी को 29,442 वोट मिले थे, जबकि अवध बिहारी चौधरी के पक्ष में 20,522 वोट आए थे.

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जीरादेई विधानसभा क्षेत्र में 2,53,194 मतदाता

जीरादेई विधानसभा क्षेत्र में मतदाताओं की जनसंख्या की बात करें तो 2015 के चुनाव के अनुसार, इस क्षेत्र में कुल 2,53,194 मतदाता हैं. इनमें से 1,37,302 पुरुष मतदाता और 1,15,888 महिला वोटर्स हैं. पिछली बार यहां 5 नवंबर को मतदान हुआ था, जिसमें 53.7 फीसदी वोट पड़े थे.