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उत्तराखंड की जनसभा में पीएम मोदी ने क्यों लिया जनरल बिपिन रावत, जानें यहां

उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव का प्रचार अब अपने अंतिम पड़ाव में है. इसी क्रम में पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने बुधवार को उत्तराखंड के श्रीनगर में जनसभा को संबोधित किया.

Updated on: 10 Feb 2022, 03:43 PM

नई दिल्ली:

उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव का प्रचार अब अपने अंतिम पड़ाव में है. इसी क्रम में पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने बुधवार को उत्तराखंड के श्रीनगर में जनसभा को संबोधित किया. इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि जब वर्चुअल रैली होती है और पिछले दिनों वर्चुअल रैली के माध्यम से आपसे मिलता तो था. मैं दिल्ली में होता जरूर था, लेकिन मेरा मन उत्तराखंड के लिए ही भागता था. उन्होंने कहा कि जब मनोरथ सच्चा हो तो बाबा केदारनाथ और बद्रीनाथ जी सच्ची इच्छा को पूरा कर ही देते हैं. उनके आशीर्वाद से चुनाव आयोग ने भी और मौसम ने भी मुझे आपके बीच आने और आपके दर्शन करने का सौभाग्य दिया.

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कल ही उत्तराखंड भाजपा ने अपना संकल्प पत्र जारी किया है. ये संकल्प पत्र, इस दशक को उत्तराखंड का दशक बनाने में बड़ी भूमिका निभाएगा. इसमें उत्तराखंड के विकास के लिए, यहां के युवाओं, महिलाओं, किसानों, सभी के लिए नए संकल्प लिए गए हैं. उन्होंने कहा कि ये देवभूमि के प्रति मेरी भक्ति और लगाव है, यहां से सदा सर्वदा एक ऊर्जा और प्रेरणा मिलती है.

पीएम ने कहा कि उत्तराखंड का हर नागरिक जानता है कि मेरा इस देवभूमि से मेरा नाता क्या है, मेरा लगाव कितना है. 2019 में चुनाव का आखिरी दौर चल रहा था, मैं खुद काशी से चुनाव लड़ रहा था, वहां मतदान होना था, लेकिन बाबा केदार ने मुझे पुकारा और मैं यहां चला आया था. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के लोगों ने हमेशा सजग प्रहरी की तरह देश की रक्षा की है. आज पौड़ी गढ़वाल के ऐसे ही वीर सपूत जनरल बिपिन रावत की स्मृतियां मुझे भावुक कर रही हैं. उन्होंने देश को दिखाया कि उत्तराखंड के लोगों के पास न केवल पहाड़ जैसा साहस होता है, बल्कि हिमालय जैसी ऊंची सोच भी होती है. मेरे मन में एक गहरी तकलीफ़ भी है

उन्होंने आगे कहा कि मुझे ये जिक्र इसलिए भी करना पड़ रहा है, क्योंकि कांग्रेस पार्टी अपने प्रचार में जनरल बिपिन रावत के कट आउट लगाकर, उनकी फोटो लगाकर वोट मांग रही है. कुर्सी के लिए कोई इस सीमा तक जा सकता है, मुझे विश्वास ही नहीं हो रहा. मोदी ने कहा कि उत्तराखंड की धरोहर को बचाने और यहां हेरिटेज टूरिज्म को गांव-गांव पहुंचाने पर भी जोर है. मैं धामी और उत्तराखंड भाजपा की पूरी टीम को बहुत बहुत शुभकामनाएं देता हूं.

पीएम मोदी ने आगे कहा कि इसमें गरीब बहनों को ताकत देने का समाधान है. इसमें जिला मेडिकल कॉलेज या उसके जैसी सुविधा देने का संकल्प है. कृषि भूमि सर्वेक्षण और बीमा में नई ड्रोन नीति लागू करके यहां के किसानों को बेहतर सुविधा मिलेगी. उन्होंने कहा कि आज अगर वोट के लिए ये लोग जनरल रावत का सियासी इस्तेमाल करना चाह रहे हैं, तो उन्हें जवाब देने की जिम्मेदारी उत्तराखंड के लोगों की है.

पीएम ने कहा कि इन लोगों ने जनरल रावत को देश का पहला सीडीएस बनाए जाने पर भी खूब सियासत की थी. इसी कांग्रेस पार्टी के नेता ने बिपिन रावत को सड़क का गुंडा तक कह डाला था. ये है देश के सैनिकों के लिए इन लोगों की नफरत. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के लोग कभी भूल नहीं सकते, सेना को लेकर इन लोगों का रवैया क्या रहा है. जब भारत के वीरों ने आतंकी अड्डों पर सर्जिकल स्ट्राइक की थी, तो ये लोग सेना पर सवाल उठा रहे थे. दिल्ली के कुछ नेताओं ने तो बाकायदा टीवी पर आकर सेना से सबूत मांगे थे.

उन्होंने कहा कि इतने सालों तक ये सत्ता में थे, लेकिन ‘वन रैंक वन पेंशन’ को लेकर झूठ बोलते रहे. ये हमारी ही सरकार है जिसने ‘वन रैंक, वन पेंशन’ की व्यवस्था लागू की. ये भी भाजपा सरकार ही है, जो देहरादून में उत्तराखंड के शहीदों के सम्मान में ‘सैन्य धाम’ बना रही है. इन पांच सालों में उत्तराखंड में डबल इंजन की सरकार ने इतना काम किया है कि अब ब्रेक लगाने वालों को भी वही वादे करने पड़ रहे हैं जो भाजपा की सरकार ने काम करना शुरू कर दिया है.

मोदी ने कहा कि जब अलग उत्तराखंड राज्य बना था. अटल बिहारी वाजपेयी ने आपके सपनों को साकार करने के लिए बड़ा महत्वपूर्ण निर्णय लिया था, तो है संकल्प उत्तराखंड के लोगों और भाजपा ने मिलकर पूरा किया था. उत्तराखंड के लिए सपने भी हमने मिलकर देखे थे. उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से इस प्रदेश की कमान कई साल के लिए उनके हाथों में चली गई जिन्होंने हमेशा उत्तराखंड को अस्तित्व में आने से रोका था.

पीएम मोदी ने कहा कि उन्होंने हमारे सपनों को कुचलने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी. जब दोनों जगह उनकी सरकार थी, तब उत्तराखंड को डबल ब्रेक लगाकर हर तरफ से पीछे धकेला गया. जब ये सत्ता में थे, तब इनको कभी ‘चारधाम’ की याद नहीं आई. जिन्हें यहां आस्था ही नहीं, उन्हें भी अब चारधाम की याद क्यों आ रही है? क्योंकि, उन्हें ये कुर्सी हासिल करने का रास्ता लग रहा है. जबकि भाजपा के लिए चारधाम और देवभूमि का विकास आस्था, संस्कृति और जनसेवा का विषय है. उत्तराखंड की जनता 14 तारीख को बेईमानी और भ्रष्टाचार को ब्लॉक कर दें. 14 तारीख को आप वंशवाद और परिवारवाद को ब्लॉक कर दें. 14 फरवरी को आप संप्रदायवाद और तुष्टीकरण को देवभूमि से बाहर का रास्ता दिखा दें.