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कौन हैं अजित पवार, जिन्होंने एक रात में पलट दी महाराष्ट्र की सियासी बाजी!

अजित पवार (Ajit Pawar) का. फिलहाल वह महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री बन चुके हैं लेकिन उनकी इससे अलग भी एक पहचान है. अजित पवार एनसीपी प्रमुख शरद पवार के भतीजे भी हैं.

Updated on: 23 Nov 2019, 11:59 AM

मुम्बई:

महाराष्ट्र की सियासत (Maharashtra Politics) में पिछले कुछ दिनों से शरद पवार और उद्धव ठाकरे के नाम की ही चर्चा हो रही थी लेकिन इसी बीच एक नाम और सुर्खियों में आया जिसने महाराष्ट्र की सियासत पूरी तरह बदल दी. वो नाम है अजित पवार (Ajit Pawar) का. फिलहाल वह महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री बन चुके हैं लेकिन उनकी इससे अलग भी एक पहचान है. अजित पवार एनसीपी प्रमुख शरद पवार के भतीजे भी हैं. अजित पवार ने महाराष्ट्र की बारामती सीट रिकॉर्ड मत की जीती थी. ऐसा कहा जाता है कि बारामती सीट पवार परिवार के कब्जे में ही रही है. महाराष्ट्र की बारामती सीट से पिछले 52 साल में यहां से विधायक की कुर्सी पर सिर्फ दो ही लोग बैठे हैं और वो दोनों ही पवार परिवार से हैं. अजित पवार इनमें से एक हैं. वो एनसीपी (NCP) विधायक दल के नेता भी हैं.

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दादा के रूप में मिली है पहचान
अजित पवार का जन्म 22 जुलाई, 1959 को महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में हुआ. अजित पवार एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार के बड़े भाई अनंतराव पवार के बेटे हैं. अजीत पवार को राजनीति विरासत में मिली थी. अजीत पवार अपने चाचा के नक्शेकदम पर चलते हुए राजनीति में आए. राजनीति में वह एक राजनेता से आगे बढ़ते हुए महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री बने. अतीज पवार महाराष्ट्र की जनता में दादा (बड़े भाई) के रूप में लोकप्रिय हैं.

रिकॉर्ड मतों से दर्ज की थी जीत
अतीज पवार ने 2019 के विधानसभा चुनाव में अपने परिवार की पारंपरिक सीट बारामती सीट से चुनाव लड़ा. उन्होंने 1,65,265 मतों के बड़े अंतर से चुनाव में जीत दर्ज की थी. इससे पहले अजीत पवार महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री रह चुके हैं. उस दौरान अजित पवार पर सिंचाई घोटाले के आरोप लगे थे. इसके बाद उन्हें उपमुख्यमंत्री पद छोड़ना पड़ा था. इस बार वो सातवीं बार विधायक बने हैं.

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प्रवर्तन निदेशालय की चल रही जांच
अजीत पवार पर प्रवर्तन निदेशालय की भी जांच कल रही है. सितंबर में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने महाराष्ट्र कार्पोरेशन बैंक से जुड़े घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया था. इस मामले में अतीज पवार को भी दोषी पाया गया. इस मामले में उनके खिलाफ जांच चल रही है.

पेशाब से बांध भरने के बयान पर घिरे थे अजित
अजीत पवार का विवादों से काफी पुराना नाता रहा है. 7 अप्रैल 2013 को आया अजित पवार का नाम एक बयान को लेकर काफी चर्चा में रहा. पुणे के पास इंदापुर में एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा था, “अगर बांध में पानी नहीं है तो क्या पेशाब करके भरें?” उनके इस बयान की मीडिया में काफी निंदा हुई. हालांकि इस बयान के बाद उन्होंने माफी मांगी और कहा कि यह उनके जीवन की सबसे बड़ी भूल है.

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वोटरों को दी थी पानी बंद करने की धमकी
अजीत पवार पर 2014 लोकसभा चुनाव के वोटरों को धमकाने का भी आरोप लगा था. उन्होंने सुप्रिया सुले के पक्ष में वोट देने के लिए गांव वालों को धमकी दी थी कि अगर वोट नहीं दिया तो गांव वालों का पानी बंद कर दिया जाएगा. हालांकि इस बयान के बाद उन्होंने माफी मांगी.