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West Bengal Exit Poll 2021 : TMC और BJP के बीच कांटे की टक्कर: सर्वे

ऐसा लगता है कि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में अपने सभी संसाधनों को दांव पर लगाने के बावजूद बीजेपी ममता बनर्जी सरकार को सत्ता से बेदखल करने में नाकामयाब रहेगी.

Updated on: 29 Apr 2021, 11:25 PM

highlights

  • पश्चिम बंगाल में बीजेपी और टीएमसी में कांटे की टक्कर
  • इंडिया टुडे और रिपब्लिक के सर्वे में बीजेपी दे रही टीएमसी को टक्कर
  • सर्वे के आंकड़ों के मुताबिक किसकी जीत होगी ये कहना मुश्किल

नई दिल्ली:

ऐसा लगता है कि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में अपने सभी संसाधनों को दांव पर लगाने के बावजूद बीजेपी ममता बनर्जी सरकार को सत्ता से बेदखल करने में कामयाब रहेगी. टाइम्स नाऊ /एबीपी न्यूज-सीवोटर एग्जिट पोल के मुताबिक, ममता बनर्जी की अगुवाई वाली तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) को भाजपा से कड़ी टक्कर मिलेगी, फिलहाल सर्वे को देखते हुए अभी यह कोई नही कह सकता कि ऊंट किस करवट बैठेगा. सर्वे के मुताबिक, भाजपा को इस बार पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में बड़ी बढ़त की उम्मीद है. आपको बता दें कि पिछले विधानसभा चुुनाव में बीजेपी को महज 3 सीटें ही मिल पाई थी. इंडिया टुडे-एक्सिस माय इंडिया सर्वे में 292 सीटों पर बीजेपी और टीएमसी के बीच कांटे की टक्कर है. अनुमान लगाया गया है कि बीजेपी+ को 134- 160 सीटें, टीएमसी+ को 130-156, लेफ्ट- 0-2 और अन्य 0-1 सीटें मिलने का अनुमान है.

रिपब्लिक टीवी के एग्जिट पोल नतीजों के मुताबिक बंगाल में बीजेपी, ममता बनर्जी की टीएमसी को पछाड़ सकती है. चैनल के एग्जिट पोल आंकड़ों के मुताबिक टीएमसी+ को 128 से 138 सीटें मिलने के आसार हैं, जबकि बीजेपी बहुमत के आंकड़े के करीब जा सकती है. रिपब्लिक के एग्जिट पोल में बीजेपी+ को 138 से 148 सीटें मिल रही हैं. कांग्रेस की अगुवाई वाला गठबंधन 11 से 21 सीटें हासिल कर सकता है. एग्जिट पोल बताते हैं कि जमीनी स्तर पर पकड़ ढिली होने के बावजूद टीएमसी अभी भी 158 सीटें जीतने में कामयाब हो सकती है, जो 148 के जादुई आंकड़े से 10 अधिक है. दो सीटों पर उम्मीदवारों की मौत के बाद पश्चिम बंगाल विधानसभा की 292 सीटों के लिए चुनाव परिणाम आएंगे.

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एग्जिट पोल से पता चलता है कि लेफ्ट, जिसने तीन दशक से अधिक समय तक राज्य पर शासन किया था, कांग्रेस के साथ चुनाव पूर्व गठबंधन होने के बावजूद, एक मामूली खिलाड़ी साबित होगी. सर्वे के अनुसार कांग्रेस, वाम और आईएसएफ को पिछले चुनावों में 59 सीटें हासिल हुई थीं, वहीं इसबार केवल 19 सीटें जीतने का अनुमान है.एग्जिट पोल में सत्तारूढ़ टीएमसी को 152 से 164 तक, बीजेपी के लिए 109 से 121 और कांग्रेस और उसके गठबंधन सहयोगियों को 14 से 25 सीटों पर जीत का अनुमान लगाया गया है. एग्जिट पोल से पता चलता है कि टीएमसी को पश्चिम बंगाल में कुल वोटों में से 42.1 फीसदी वोट मिलने की उम्मीद है, 2016 के विधानसभा चुनावों में बनर्जी की पार्टी को 44.9 फीसदी वोट मिले थे, इस साल के चुनाव में उसके वोट शेयर में 2.8 फीसदी की गिरावट आने की संभावना है.

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बीजेपी का वोट शेयर सत्तारूढ़ टीएमसी के मुख्य चुनौती के रूप में उभरा है। बीजेपी को 2016 में 10.2 प्रतिशत वोट मिले थे. इसबार इसमें 29.0 प्रतिशत के बढ़ोतरी होने की उम्मीद है. बीजेपी को 39 प्रतिशत वोट मिल सकते हैं. एग्जिट पोल से पता चलता है कि लेफ्ट और कांग्रेस का वोट शेयर संयुक्त रूप से 2016 में 38.6 प्रतिशत था, जोकि अब घटकर 22.6 प्रतिशत रहने की उम्मीद है. आंकड़ों से पता चलता है कि बीजेपी ने राज्यों के सभी क्षेत्रों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई. डेल्टा क्षेत्र में 26 सीटों में से बीजेपी 12 और टीएमसी 14 सीटों पर जीत रही है. वहीं टीएमसी के गढ़, ग्रेटर कोलकाता क्षेत्र में, भाजपा 56 में से 17 सीटें जीत सकती है. एग्जिट पोल के अनुसार टीएमसी यहां 38 सीट जीत सकती है. कांग्रेस और उसके गठबंधन के सहयोगी ग्रेटर कोलकाता क्षेत्र में एक सीट जीतने का अनुमान लगाया.

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हाइलैंड क्षेत्र की 53 सीटों में से भाजपा को 24, टीएमसी को 26 और कांग्रेस गठबंधन तीन सीट जीत सकती है. एग्जिट पोल से पता चलता है कि उत्तरी सीमा की 63 सीटों में सत्तारूढ़ टीएमसी 30 सीट जीतने की संभावना है, जबकि बीजेपी को 21 सीटें जीतने का अनुमान है. कांग्रेस गठबंधन को 12 सीटों पर जीत की उम्मीद है. उत्तरी पहाड़ियों में, 28 सीटों में से भाजपा 15 सीट जीत सकती है। बनर्जी की टीएमसी को 12 सीटें जीतने की उम्मीद है. कांग्रेस और उसके गठबंधन के सहयोगियों को केवल एक सीट जीतने का अनुमान है. दक्षिणी मैदान की 66 सीटों में, टीएमसी के 38 सीटें जीतने की संभावना है, जबकि भाजपा को 26 सीटें जीतने का अनुमान है. क्षेत्र में दो सीटें कांग्रेस गठबंधन द्वारा जीती जा सकती हैं.