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West Bengal Elections 2021: चौथे चरण की 44 सीटों पर आज डाले जाएंगे वोट

आज यानि कि शनिवार को पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के चौथे चरण के लिए मतदान किए जाएंगे. इस चरण में 44 निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान होंगे. इसमें हावड़ा की 9, दक्षिण 24 परगना की 11, कूचबिहार की 9, अलीपुरद्वार की 5 और हुगली की 10 सीटें शामिल हैं.

Updated on: 09 Apr 2021, 11:47 PM

highlights

  • चौथे चरण चुनाव में बाबुल सुप्रियो और मौजूदा विधायक अरुप बिस्वास के खिलाफ चुनावी जंग दिलचस्प होगी.
  • बंगाल के चौथे चरण चुनाव में 44 सीटों पर मतदान किए जाएंगे
  • चुनाव आयोग ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को फिर से कारण बताओ नोटिस जारी किया है.

कोलकाता:

आज यानि कि शनिवार को पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के चौथे चरण के लिए मतदान किए जाएंगे. इस चरण में 44 निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान होंगे. इसमें हावड़ा की 9, दक्षिण 24 परगना की 11, कूचबिहार की 9, अलीपुरद्वार की 5 और हुगली की 10 सीटें शामिल हैं. समें कुल 373 उम्‍मीदवार चुनाव मैदान में हैं. इसमें दक्षिण 24 परगना जिले में महिला वोटर को अहम माना जा रहा है.  एक रिपोर्ट के मुताबिक साउथ 24 परगना जिले की सीटों पर पुरुषों से ज्यादा महिला वोटर हैं. इन विधानसभा सीटों पर सुबह सात बजे से मतदान शुरू हो जाएंगे.  है. 

चौथे चरण में होने वाले मतदान में हाई प्रोफाइल मुकाबलों में कोलकाता में बंगाली फिल्म उद्योग का दिल कहे जाने वाले टॉलीगंज से बाबुल सुप्रियो और मौजूदा विधायक अरुप बिस्वास के खिलाफ चुनावी जंग दिलचस्प होगी. वहीं टीएमसी के महासचिव पार्थ चटर्जी लगातार चौथी बार विधानसभा चुनाव जीतने की कवायद में बेहाला पश्चिम सीट से भाजपा की उम्मीदवार एवं फिल्म अभिनेत्री श्राबंती चटर्जी को टक्कर देंगे.

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बता दें कि चुनाव आयोग (ईसी) ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को फिर से कारण बताओ नोटिस जारी किया है. इस नोटिस के माध्यम से "झूठे, भड़काऊ और तीखे बयान" देकर केंद्रीय बलों की छवि को धूमिल करने के कुत्सित प्रयास पर बनर्जी से लिखित रूप में स्पष्टीकरण मांगा गया है. चुनाव आयोग की ओर से एक सप्ताह के अंदर तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो को दूसरी बार नोटिस भेजा गया है. बनर्जी को बुधवार को एक नोटिस जारी किया गया था, जिसमें चुनाव आयोग ने राज्य में मौजूदा विधानसभा चुनावों में अपनी पार्टी के लिए सांप्रदायिक आधार पर वोटों की खुली मांग के संदर्भ में लिखित स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने का निर्देश दिया.

गुरुवार रात को जारी किए गए चुनाव आयोग के ताजा नोटिस में मुख्यमंत्री से 10 अप्रैल को सुबह 11 बजे से पहले आयोग को अपना लिखित स्पष्टीकरण देने को कहा गया है. नोटिस में यह भी लिखा गया है कि अगर उन्होंने निर्धारित समय तक अपना स्पष्टीकरण प्रस्तुत किया तो आयोग उन्हें सूचित किए बगैर निर्णय लेगा.

मुख्यमंत्री को भेजे गए दो पन्नों के नोटिस में आयोग ने उल्लेख किया है कि पश्चिम बंगाल के सीईओ द्वारा 28 मार्च को किए गए मुख्यमंत्री के भाषण की एक प्रामाणिक प्रतिलेख के साथ एक रिपोर्ट में कहा गया है, "किसने उन्हें इतनी शक्ति दी कि केंद्रीय पुलिस महिलाओं को वोट डालने की अनुमति दिए बिना धमकी दे रही है. मैंने 2019 में भी यही देखा. मैंने 2016 में भी यही देखा."

एक अन्य हिस्से में उन्होंने कहा, "मुझे पता है कि किसके निर्देश के तहत उन्होंने मारपीट की और किस तरह उन्होंने मारपीट की. लोगों के परिवार को बचाना आपका कर्तव्य है. यदि आपकी माता और बहनों में से किसी को भी एक छड़ी से भी चोट लगी हो तो उन पर हमला करें..मैं आपसे कह रही हूं. यह महिलाओं का अधिकार है. और, अगर हमारी माताओं और बहनों में से किसी को भी वोटिंग कंपार्टमेंट में प्रवेश से वंचित किया जाता है, तो आप बाहर आएं और बगावत करें." आयोग ने 7 अप्रैल को कूच बिहार में उनके द्वारा दिए गए एक भाषण को भी संदर्भित किया. नोटिस में कहा गया है कि चुनाव आयोग का कहना है कि आपके बयान आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के साथ-साथ भारतीय दंड संहिता की धाराओं 186, 189 और 505 का उल्लंघन करते हैं.