logo-image

दिल्ली में साल दर साल गिर रहा है वोट डालने का प्रतिशत, इस बार भी रफ्तार सुस्त

दिल्ली की वोटिंग पैटर्न को देखने के बाद लगता है कि हर चुनाव में लोगों का वोट डालने के प्रति रुझान गिर रहा है.

Updated on: 08 Feb 2020, 12:06 PM

highlights

  • हर चुनाव में लोगों का वोट डालने के प्रति रुझान गिर रहा है.
  • 2015 के विधानसभा चुनाव में 65.61 फीसदी वोट पड़े.
  • साफ है कि दिल्ली में चुनाव दर चुनाव मतदान गिर रहा.

नई दिल्ली:

दिल्ली में विधानसभा चुनाव (Delhi Assembly Elections 2020) के लिए मतदान जारी है. कुछ सीटों पर सुबह से लोगों की लंबी-लंबी कतारें लगी हुई हैं. कुल 70 सीटों के लिए 672 प्रत्याशी (Candidates) मैदान में हैं. दिल्ली (Delhi) में करीब 1.47 करोड़ मतदाता (Voters) हैं, इनमें करीब 66 लाख महिलाएं हैं. पिछला विधानसभा चुनाव 2015 में हुआ था. इस बार मुख्य मुकाबला भाजपा और आप के बीच ही नजर आ रहा है. सबकी नजर नागरिकता कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का केंद्र बने शाहीन बाग (Shaheen Bagh) पर है जो ओखला विधानसभा क्षेत्र में पड़ता है, यहां पांच पोलिंग बूथ (Polling Booth) हैं.

यह भी पढ़ेंः Delhi Assembly Election 2020: Voting के दौरान अलका लांबा ने AAP कार्यकर्ता को मारा तमाचा

अनाधिकृत कॉलोनी में रहने वालों पर टिकी हार-जीत
दिल्ली की जनता फ्री बिजली, पानी, बेहतर अस्पताल स्कूल के नाम पर वोट कर रही है या 'जहां झुग्गी, वहीं मकान', 5 साल में 10 लाख नौकरियों, हर घर में साफ पानी और शाहीन बाग जैसे मुद्दों पर, कहना मुश्किल है, लेकिन लोगों में साफ-साफ उत्साह देखा जा सकता है. दिल्ली की करीब 1800 अनाधिकृत कालोनियों में 30 लाख से ज्यादा वोटर का आकलन राजनीतिक दलों का है. ये कॉलोनियां करीब 40 विधानसभा सीटों में हैं. दलों का ये भी दावा है कि 30 से ज्यादा विधानसभा सीटें ऐसी हैं, जहां इन्हीं कॉलोनियों के मतदाता हार-जीत तय करते हैं. यही वजह है कि अनाधिकृत कॉलोनियों के बारे में आप और भाजपा ने अहम घोषणाएं की हैं.

यह भी पढ़ेंः बजरंगबली की भक्ति पर मनोज तिवारी और अरविंद केजरीवाल में घमासान

वोट डालने के प्रति रुझान घटा
लेकिन दिल्ली की वोटिंग पैटर्न को देखने के बाद लगता है कि हर चुनाव में लोगों का वोट डालने के प्रति रुझान गिर रहा है. 2013 के विधानसभा चुनाव में 67.5 फीसदी वोट पड़े थे, लेकिन 2014 के लोकसभा चुनाव में यह वोट 65.1 फीसदी तक आ गया. वहीं 2015 के विधानसभा चुनाव में 65.61 फीसदी वोट रिकार्ड किए गए, लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में यह मतदाता का प्रतिशत 60.56 तक आ गया. साफ है कि दिल्ली में चुनाव दर चुनाव मतदान गिर रहा है. चुनाव आयोग और राजनीतिक पार्टियों ने भी लोगों से मतदान की अपील की है.