राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने बालाजी मंदिर में पूजा के बाद झालरापाटन से भरा नामांकन
राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया ने विधानसभा चुनाव के लिए झालावाड़ जिले की झालरापाटन सीट से नामांकन पत्र दाखिल कर दिया. झालरापाटन उनकी परंपरागत सीट रही है.
झालावाड़:
राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया ने विधानसभा चुनाव के लिए झालावाड़ जिले की झालरापाटन सीट से नामांकन पत्र दाखिल कर दिया. झालरापाटन उनकी परंपरागत सीट रही है. नामांकन दाखिल करने से पहले वसुंधरा राजे ने झालावाड़ के बालाजी मंदिर में पूजा अर्चना की. उसके बाद झालावाड़ सचिवालय में उन्होंने अपना नामांकन पत्र दाखिल किया.
झालावाड़ मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का परंपरागत निर्वाचन क्षेत्र है. पिछले 30 वर्षों से राजे यहीं से चुनाव लड़ रहीं हैं. 2003 और 2013 में इसी क्षेत्र से चुनाव जीतकर मुख्यमंत्री बनीं थीं.
इस बार भी वसुंधरा राजे झालरापाटन से चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुकी हैं .वसुंधरा राजे वैसे तो जनता के बीच कम ही दिखाई देती हैं, लेकिन इस बार होने वाले चुनाव में जैसी सक्रियता वसुंधरा राजे की देखने को मिल रही है वैसी पहले बहुत कम देखने को मिली है.
उन्होंने झालरापाटन से अपना रिश्ता जोड़ते हुए कहा कि यह रिश्ता मुख्यमंत्री और कार्यकर्ताओं के बीच का नहीं, बल्कि मां-बेटे, मां-बेटी और बहन-भाई के बीच का है. झालावाड़ से मेरा 30 साल पुराना अटूट रिश्ता है, जो जब तक सांस है तब तक रहेगा. मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा कि चुनाव में सभी सीटों पर हमारा फोकस रहेगा. 100 सीटों पर हमें विशेष ध्यान देना है. उन्होंने कहा, 'यह चुनाव मैं नहीं, झालरापाटन विधानसभा क्षेत्र का हर व्यक्ति लड़ेगा. यहां उम्मीदवार मैं नहीं, सब कार्यकर्ता हैं।' राजे ने कहा कि चुनाव के दौरान उनका ध्यान 200 विधानसभा सीटों पर रहेगा. इनमें से 100 सीटों पर विशेष ध्यान देना है. इससे पहले अटकलें थीं कि वसुंधरा राजे दो सीटों से चुनाव लड़ सकती हैं.
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
April Panchak Date 2024: अप्रैल में कब से कब तक लगेगा पंचक, जानें क्या करें क्या ना करें
-
Ramadan 2024: क्यों नहीं निकलते हैं कुछ लोग रमज़ान के आखिरी 10 दिनों में मस्जिद से बाहर, जानें
-
Surya Grahan 2024: क्या भारत में दिखेगा सूर्य ग्रहण, जानें कब लगेगा अगला ग्रहण
-
Rang Panchami 2024: आज या कल कब है रंग पंचमी, पूजा का शुभ मुहूर्त और इसका महत्व जानिए