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UP Poll: PM मोदी CM और योगी के मंत्रियों की होगी परीक्षा

विधानसभा चुनाव (Assembly Elections 2022) के अंतिम चरण में मोदी सरकार के 4 मंत्रियों और भाजपा के पदाधिकारियों के राजनीतिक प्रभाव की भी परीक्षा है.

Updated on: 06 Mar 2022, 03:02 PM

highlights

  • आखिरी चरण में 54 सीटों पर होने हैं चुनाव
  • भाजपा ने अपना दल गठबंधन को दी 17 सीटें
  • सपा 45 सीटों पर अपना उम्मीदवार लड़ा रही है

लखनऊ:

यूपी (Uttar Pradesh Assembly Elections 2022) के चुनावी समर के आखिरी दौर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के संसदीय क्षेत्र वाराणसी समेत पूर्वाचल के नौ जिलों की 54 सीटों पर चुनाव होगा. सातवें चरण में राजनीति के कई दिग्गजों के साथ मोदी के चार और योगी सरकार के सात मंत्रियों की परीक्षा होगी. विधानसभा चुनाव (Assembly Elections 2022) के अंतिम चरण में मोदी सरकार के 4 मंत्रियों और भाजपा के पदाधिकारियों के राजनीतिक प्रभाव की भी परीक्षा है. इसमें से सबसे अहम रोल अपना दल (एस) की अध्यक्ष और मोदी सरकार (Modi Government) में राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल (Anupriya Patel) के कंधे पर इस चुनाव में बड़ी जिम्मेदारी है. भाजपा ने अपना दल को गठबंधन में 17 सीटें दी हैं. उन्हें भाजपा ने बराबरी का दर्जा दिया है. यह चुनाव न केवल पूर्वांचल के कुर्मी वोट बैंक पर उनकी पकड़ बताएगा, बल्कि 2024 में गठबंधन में उनकी भूमिका भी बताएगा.

पूर्वांचल के ब्राह्मणों को साध सकेंगे महेंद्र नाथ पांडेय
चंदौली से भाजपा सांसद और केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री महेंद्रनाथ पांडेय के संसदीय क्षेत्र में छह विधानसभा क्षेत्र हैं, जबकि जिले में चार विधानसभा क्षेत्र हैं. 2017 में चंदौली जिले की मुगलसराय, सैयदराजा और चकिया सीट पर भाजपा ने जीत दर्ज की थी, जबकि सकलडीहा में सपा जीती थी. पांडेय के कंधों पर पूर्वांचल के ब्राह्मणों को साधने के साथ अपने जिले और संसदीय क्षेत्र की सीट बचाने की जिम्मेदारी है.

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हरदीप सिंह पुरी के लिए सोनभद्र, तो अरुण सिंह के लिए मिर्जापुर
केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी दूसरी बार यूपी से राज्यसभा सदस्य हैं. पुरी ने सोनभद्र को अपना नोडल जिला बनाया है. 2017 में सोनभद्र की सभी चार सीट भाजपा गठबंधन के पास थी. हालांकि वो इतने सक्रिय नहीं रहे फिर भी पंजाबी वोटों को साधने की जिम्मेदारी थी. भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री अरुण सिंह मिर्जापुर के निवासी हैं. विधानसभा चुनाव में पार्टी का चुनावी रोडमैप तैयार करने में भी इनकी भूमिका रही है. इनके भी प्रभाव का आंकलन इसी चुनाव से हो जायेगा.

योगी सरकार के 5 मंत्रियों की परीक्षा
वहीं सातवें चरण के रण में उतरे योगी सरकार के पांच वर्तमान मंत्रियों में एक कैबिनेट, दो राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और दो राज्य मंत्री स्तर के हैं. तीन मौजूदा मंत्री तो वाराणसी की सीटों पर फिर चुनाव मैदान में हैं. सरकार में पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री अनिल राजभर वाराणसी की शिवपुर सीट से फिर से मैदान में हैं. राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रवींद्र जायसवाल वाराणसी उत्तर, पर्यटन एवं संस्कृति राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नीलकंठ तिवारी वाराणसी दक्षिण, आवास एवं शहरी नियोजन राज्यमंत्री गिरीश यादव जौनपुर व ऊर्जा राज्य मंत्री रमाशंकर सिंह पटेल मीरजापुर की मड़िहान से चुनाव लड़ रहे हैं. गाजीपुर के गाजीपुर सदर विधानसभा से मंत्री संगीता बलवंत तथा सोनभद्र के ओबरा विधानसभा क्षेत्र से मंत्री संजीव गोंड की प्रतिष्ठा दांव पर है. वन एवं पर्यावरण मंत्री रहे दारा सिंह चौहान विधान सभा चुनाव की घोषणा के बाद मंत्री पद से त्यागपत्र देकर भाजपा छोड़ सपा में शामिल हो चुके हैं। वह मऊ की घोसी सीट से सपा प्रत्याशी हैं.

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बीजेपी ने उतारे 54 में से 48 सीटों पर प्रत्याशी
सातवें चरण की बिसात की बात करें तो भाजपा ने 54 में से 48 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं, जबकि अपना दल (एस) और निषाद पार्टी के 3-3 उम्मीदवार मैदान में हैं. वहीं, सपा भी एड़ी-चोटी का जोर लगाए हुए है. सपा 45 सीटों पर अपना उम्मीदवार लड़ा रही है, तो सहयोगी के तौर पर सुभासपा 7 और अपना दल (कमेरावादी) दो सीटों पर चुनाव लड़ रही है. 2017 में इस इलाके की 54 सीटों में से दो तिहाई भाजपा या उसके सहयोगी दलों को सीटें मिली थीं, पर तब भाजपा को अपना दल के अलावा सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के नेता ओमप्रकाश राजभर का साथ मिला था, लेकिन अब वह सपा के साथ खड़े हैं. हालांकि उनकी सीट पर लड़ाई त्रिकोण है. राजनीतिक पंडितों की मानें पूर्वांचल में जातीय जड़े बहुत गहरी हैं.