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UP चौथे चरण का चुनाव : BJP के कद्दावर नेता झेलेंगे BSP फैक्टर

यूपी में इस बार के विधानसभा चुनाव में जुबानी जंग भले ही सबसे ज्यादा अखिलेश और बीजेपी में छिड़ी हो, लेकिन चौथे चरण में बीएसपी फैक्टर को कमजोर नहीं आंका जा सकता क्योंकि अवध के इलाके में बीएसपी का एक बड़ा वोट बैंक है.

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Nihar Saxena
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UP Fourth Phase

चौथे चरण में नौ जिलों की 59 सीटों पर 23 फरवरी को मतदान.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

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उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में रविवार को तीसरे चरण के चुनाव संपन्न होने के बाद अब चौथे चरण शुरू होने वाला है. इस चुनावी रण में अयोध्या समेत अवध की कुछ सीटें बेहद अहम मानी जा रहीं है, जहां से कई दिग्गज नेता चुनावी मैदान में है. चौथे चरण में नौ जिलों की 59 सीटों पर 23 फरवरी को मतदान होना है. इस चरण में कुल 621 उम्मीदवार मैदान में हैं. सभी राजनीतिक दल और जनता चौथे चरण की वोटिंग के लिए तैयारियां कर रही है. यूपी विधानसभा चुनाव (Assembly Elections 2022) के चौथे चरण में लखनऊ सहित 9 जिलों में 23 फरवरी को वोटिंग होगी. पिछले चुनाव में बीजेपी (BJP) ने इस इलाके से बड़ी बाजी मारी थी. चौथे चरण के मतदान में उम्मीदवारों के साथ-साथ केंद्र सरकार के कई मंत्रियों की भी परीक्षा होगी. इस चरण में जिन जिलो में वोट डाले जा रहे हैं, वहां से केंद्र में सत्तारूढ़ मोदी सरकार के चार मंत्री आते हैं. सबसे कद्दावर नेता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का, जिनका संसदीय क्षेत्र लखनऊ है. दूसरा नाम है महिला एवं बल विकास मंत्री स्मृति ईरानी का, जिनका संसदीय क्षेत्र अमेठी है. इसके अलावा वरिष्ठ नेता व मोहनलालगंज के सांसद कौशल किशोर और लखीमपुर से सांसद और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के इलाकों में भी चौथे चरण में मतदान होना है.

मोदी सरकार के चार मंत्रियों के इलाके की 21 सीटें 
इन चारों के इलाकों में विधानसभा की 21 सीटें हैं. इसलिए ये इनके लिए अग्निपरीक्षा से कम नहीं हैं. यूपी में इस बार के विधानसभा चुनाव में जुबानी जंग भले ही सबसे ज्यादा अखिलेश और बीजेपी में छिड़ी हो, लेकिन चौथे चरण में बीएसपी फैक्टर को कमजोर नहीं आंका जा सकता क्योंकि अवध के इलाके में बीएसपी का एक बड़ा वोट बैंक है. बीएसपी के वोटर को इस बार साइलेंट माना जा रहा है. चौथे चरण में जिन इलाकों में मतदान होगा, वहां आबादी के लिहाज से अनुसूचित जाति (एससी) वोट काफी अहम माना जा रहा है. अवध क्षेत्र की बात करें तो सीतापुर में सबसे ज्यादा 32 फीसद एससी मतदाता हैं. वहीं हरदोई, उन्नाव, रायबरेली में 30 फीसदी के करीब वोटर हैं. लखनऊ में सबसे कम 21 फीसद एससी मतदाता हैं. यानी चौथे चरण में अवध के आधे से ज्यादा जिलों में अनुसचित जाति आबादी 30 फीसदी से ज्यादा है. अवध में एससी आबादी में बड़ी संख्या गैर जाटव वोट की है और साल 2017 के नतीजे बताते हैं कि एससी वोट भले ही बसपा के पास हों, लेकिन गैर जाटव वोट बंट चुका है. 2017 चुनावों को देखें तो सबसे ज्यादा 43 फीसदी गैर जाटव वोट समाजवादी पार्टी को मिले हैं, लेकिन 31 फीसद वोटों के साथ बीजेपी ज्यादा पीछे नहीं है. बीएसपी को गैर जाटव वोट 10 फीसद के आस पास ही मिले हैं, लेकिन जाटव वोट 86 फीसद मिले हैं. इसमें पीलीभीत, लखीमपुर खीरी, सीतापुर, हरदोई, लखनऊ, उन्नाव, रायबरेली, फतेहपुर और बांदा जिले में शामिल हैं. चौथे चरण में सबसे अधिक 14 सुरक्षित सीटें हैं.

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अवध का चुनावी रुख तय करता है सूबे में सरकार
बीजेपी ने इसकी शुरूआत अपने लकी चार्म राम मंदिर के साथ की है. वैसे तो चुनाव कहीं भी हों राम मंदिर भारतीय राजनीति का सदाबहार मुद्दा है, लेकिन जब चुनाव अवध का हो तो इस मुद्दे का शोर और भी बुलंद हो उठता है. बीजेपी के तो सक्सेज स्टोरी की नींव ही राम मंदिर है. इस बार तो प्रदेश में भव्य राम मंदिर बनने की शुरूआत भी कर दी गई है, इसलिए अवध में चुनाव पहुंचने के साथ ही भाजपा ने राम नाम का नारा तेज कर दिया है. यूपी में केवल अवध प्रांत में कुल 21 जिले हैं, जिसके अंदर 118 सीटें आती हैं. इन सीटों के लिए राजनीतिक दल खासी मशक्कत कर रहे हैं. इन सीटों पर समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) पर भाजपा को पछाड़ कर आगे निकलने की चुनौती है. यहीं वो दो चरण हैं जिनमें भाजपा ने पिछड़े चुनाव में रिकार्ड जीत दर्ज की थी. भाजपा को इन दोनों चरणों में 99 सीटें मिली थीं. इस इलाके कि पिछले दो विधानसभा चुनावों के परिणाम देखने पर पता चलता है कि यहां के चुनाव में हवा के रुख का काफी असर रहता है और अवध इलाके में जिस पार्टी की जीत होती है प्रदेश में उसी की सरकार बन जाती है.

पिछली बार कुछ ऐसा रहा था यहां का परिणाम
2017 के विधानसभा के चुनाव परिणामों की बात करें तो यहां भाजपा को 93 सीट, समाजवादी पार्टी को 9 सीट मिली थी. वहीं कांग्रेस को सिर्फ 3 सीटें और बसपा के खाते में 8 सीटें गई थीं. अन्य के हिस्से में भी इस इलाके से 5 सीटें आ गई थीं. वहीं इस बार किसी भी बड़े राजनीतिक दलों में गठबंधन न होने की वजह से सभी पार्टियां अलग-अलग दमखम दिखा रही हैं. अवध क्षेत्र की बात करे तो पिछले चुनाव में भाजपा ने 50 सीटें जीती थीं. लखनऊ की नौ सीटों में भाजपा ने आठ सीटें जीत कर रिकार्ड कायम कर दिया था. इस इलाके में सपा को चार, बसपा व कांग्रेस दो-दो और अपना दल को एक सीट मिली थी. अयोध्या की सभी पांच, बलरामपुर की सभी चार और गोंडा की सभी सातों सीटें बीजेपी ने जीती थी. बीजेपी पर इन जिलों में एक बार फिर से पुराना दबदबा साबित करने की बड़ी चुनौती है, तो सपा, बसपा व कांग्रेस पर इस विजय रथ को रोकने की है.

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इतने करोड़पति तो इतने दागी हैं चौथे चरण में
खास बात ये है कि एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की रिपोर्ट के अनुसार चौथे चरण में 621 में 231 यानी 37 फीसदी करोड़पति हैं. लखनऊ पश्चिम से आम आदमी पार्टी (आप) उम्मीदवार राजीव बक्शी 56 करोड़ के साथ चौथे चरण में सबसे अमीर उम्मीदवार हैं. लखनऊ पश्चिम से आप उम्मीदवार राजीव बक्शी जिनकी संपत्ति 56 करोड़ है. सीतापुर के महोली से सपा प्रत्याशी अनूप कुमार गुप्ता 52 करोड़ के मालिक हैं. हरदोई से बसपा प्रत्याशी शोभित पाठक ने 34 करोड़ रूपये अपनी संपत्ति बताई है. इसी तरह भाजपा के 57 में 50 यानी 88 फीसदी, सपा के 57 में 48 यानी 84 फीसदी, बसपा- 59 में 44 यानी 75 फीसदी, कांग्रेस के 58 उम्मीदवारों में से 28 यानी 48 फीसदी और आप के 45 में 16 यानी 36 फीसदी करोड़पति हैं. एडीआर ने उत्तर प्रदेश में हो रहे चुनाव के चौथे चरण के उम्मीदवारों के हलफनामे का विश्लेषण जारी किया है. इस चरण में कुल 621 उम्मीदवारों में से 27 फीसदी पर आपराधिक मामले दर्ज हैं. सपा के उम्मीदवार पर बलात्कार का भी केस चल रहा है. इनमें सीतापुर जिले की बिसवां सीट से जनता दल यूनाइटेड (जदयू) उम्मीदवार राम किशोर वर्मा, मिश्रिख सीट से आजाद समाज पार्टी के उम्मीदवार विजय प्रकाश गौतम और पीलीभीत सीट से कांग्रेस उम्मीदवार शकील अहमद नूरी शामिल हैं. 621 उम्मीदवारों में से 129 पर गंभीर धाराओं में मुकदमा चल रहा है. पार्टियों की बात करें तो कांग्रेस के 58 उम्मीदवारों में से 31 (53 फीसदी), सपा के 57 उम्मीदवारों में से 30 यानी 53 फीसदी दागी हैं. वहीं बसपा के 44 फीसदी तो भाजपा के 40 फीसदी उम्मीदवार दागी हैं. आप के 20 प्रतिशत प्रत्याशियों पर भी आपराधिक मुकदमा चल रहा है.

इन सीटों पर होना है चौथे चरण में मतदान
अवध इलाके में लखीमपुर खीरी, लखनऊ, सीतापुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, अमेठी, सुल्तानपुर, फतेहपुर, प्रतापगढ़, कौशांबी, प्रयागराज, बाराबंकी, अयोध्या, अंबेडकर नगर, बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, गोंडा जिले शामिल हैं. लखनऊ वेस्ट, कुण्डा, लखनऊ सेंट्रल, लखनऊ कैंट, इलाहाबाद पश्चिम, अमेठी, गौरीगंज, जगदीशपुर, रायबरेली, रानीगंज, प्रयागराज, सिराथू, बाराबंकी, अयोध्या, उन्नाव, गौरीगंज इस इलाके की अहम सीटें हैं. चौथे चरण में जिन सीटों पर चुनाव है उनमें -पीलीभीत, बरखेड़ा, पूरनपुर (सुरक्षित), बीसलपुर, पलिया, निघासन, गोला गोकरननाथ, श्रीनगर (सुरक्षित), धौरहरा, लखीमपुर, कस्ता (सुरक्षित), मोहम्मदी, महोली, सीतापुर, हरगांव (सुरक्षित), लहरपुर, बिसवां, सेवता, महमूदाबाद, सिधौली (सुरक्षित), मिश्रिख (सुरक्षित), सवायजपुर, शाहाबाद, हरदोई, गोपामऊ (सुरक्षित), सांडी (सुरक्षित), बिलग्राम-मल्लांवा, बालामऊ (सुरक्षित), संडीला, बांगरमऊ, सफीपुर (सुरक्षित), मोहान (सुरक्षित), उन्नाव, भगवंतनगर, पुरवा, मलिहाबाद (सुरक्षित), बक्शी का तालाब, सरोजनीनगर, लखनऊ पश्चिम, लखनऊ उत्तर, लखनऊ पूर्व, लखनऊ मध्य, लखनऊ कैंटोनमेंट, मोहनलालगंज (सुरक्षित), बछरांवा (सुरक्षित), हरचंदपुर, रायबरेली, सरेनी, ऊंचाहार, तिंदवारी, बबेरू, नरैनी (सुरक्षित), बांदा, जहानाबाद, बिंदकी, फतेहपुर, अयाहशाह, हुसैनगंज व खागा (सुरक्षित) सीट शामिल है.

HIGHLIGHTS

  • चौथे चरण में 621 में 231 यानी 37 फीसदी करोड़पति उम्मीदवार
  • 621 उम्मीदवारों में से 27 फीसदी पर आपराधिक मामले हैं दर्ज
  • मोदी सरकार के चार मंत्रियों के इलाकों में 21 सीटों पर वोटिंग
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