logo-image

UP चुनाव: केशव प्रसाद बोले, 10 मार्च को समाप्तवादी बन जाएगी समाजवादी पार्टी

मौर्य ने कहा, हमारा बुलडोजर 10 मार्च से यूपी में फिर से अवैध रूप से हथियाई गई जमीन के एक-एक इंच को खाली करने के लिए चलेगा.

Updated on: 19 Feb 2022, 11:56 AM

highlights

  • केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, करहल से हार रहे हैं अखिलेश यादव
  • मौर्य ने कहा, चुनाव में सपा के अधिकतम उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो जाएगी
  • उप मुख्यमंत्री ने कहा, 10 मार्च के बाद फिर से चलेगा बुलडोजर 

लखनऊ:

UP Election 2022 : उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा है कि अखिलेश यादव करहल से हार रहे हैं और उन्हें अपने बूढ़े पिता और चाचा को अपमानित करने के बाद वहां प्रचार करने के लिए मजबूर करना पड़ा है. शुक्रवार को मौर्य एक के बाद एक तीन रैलियां की थी. केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, पहले दो चरणों में साइकिल पहले ही सैफई को उड़ चुकी है. 10 मार्च के बाद समाजवादी पार्टी समप्तवादी पार्टी हो जाएगी और उनके अधिकतम उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो जाएगी. मौर्य की दिन की आखिरी रैली रायबरेली के ऊंचाहार में थी, जहां पिछले एक दशक से सपा का कब्जा है. मंच से उन्होंने भाजपा प्रत्याशी अमरपाल मौर्य का हाथ पकड़ कर कहा कि वह 10 मार्च के बाद सपा विधायक मनोज पांडेय के शासनकाल में बनी अवैध संपत्तियों के लिए 100 से अधिक बुलडोजर ऊंचाहार भेजेंगे.

यह भी पढ़ें : UP में तीसरे चरण की वोटिंग कल, 16 जिलों की इन सीटों पर टिकी नजरें

मौर्य ने कहा, हमारा बुलडोजर 10 मार्च से यूपी में फिर से अवैध रूप से हथियाई गई जमीन के एक-एक इंच को खाली करने के लिए चलेगा. मौर्य से जब अखिलेश के इस दावे के बारे में पूछा गया कि पहले दो चरणों में सपा-रालोद पहले ही शतक लगा चुकी है. इसके जवाब में केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, अखिलेश यादव वर्ष 2014 में कह रहे थे कि वह 70 सीटें जीत रहे हैं और उन्होंने कहा था कि या तो उनके पिता या वह पीएम बनेंगे. 2017 में अखिलेश ने कहा था कि वह 300 सीटों के साथ सत्ता में लौट रहे हैं. वर्ष 2019 में सपा-बसपा-कांग्रेस ने हाथ मिलाया और तब भी हमने 51 फीसदी वोट शेयर के साथ 64 सीटें जीती थीं.

क्या बीजेपी 250 सीटों से कम पर सिमटेगी?

मौर्य ने कहा, हम 300 से अधिक सीटें जीतेंगे. कई विरोधी उम्मीदवार अपनी जमानत खो देंगे. उन्होंने कहा, 10 मार्च के बाद समाजवादी पार्टी समाप्तवादी पार्टी होगी. अखिलेश यादव करहल सीट से हार रहे हैं. अखिलेश, मुलायम सिंह यादव और शिवपाल यादव ने गुरुवार को मैनपुरी में दुर्लभ नजारे में एक साथ प्रचार किया. आप उस स्थिति की कल्पना कर सकते हैं कि वे तीनों कल मैनपुरी में थे. अखिलेश ने पहले कहा था कि वह नामांकन के बाद प्रचार में नहीं लौटेंगे. अखिलेश अपने वृद्ध पिता को वहां ले गए, जिनकी पार्टी की अध्यक्षता उन्होंने छीन ली. वह अपने चाचा को वहां ले गए जिसे उन्होंने मंत्री पद से हटा दिया. जिसने अपने पिता या चाचा का सम्मान नहीं किया, लोग उसे कैसे स्वीकार करेंगे? इसलिए उन्हें 2014, 2017 और 2019 में लोगों ने खारिज कर दिया.


तीसरे चरण में यादव बाहुल्य सीटों का है दबदबा ?

यूपी के तीसरे चरण में जिन सीटों पर चुनाव होने हैं उन सभी सीटों पर सपा को मजबूत कहा जाता है, क्योंकि अधिकांश यादव बेल्ट हैं. हालांकि वर्ष 2017 में सपा को यहां से धक्का लगा था. इन सभी सीटें भाजपा के अभेद्य किले बन गए. उन्होंने कहा, 10 मार्च को आपको एहसास होगा कि मैनपुरी सपा के गुंडों की नहीं बल्कि आम लोगों की बीजेपी को वोट देने की मांद है. उन्होंने कहा कि सपा हर माफिया, भ्रष्ट और दंगाई का मुखिया है. उन्होंने कहा, वे इसे नया सपा कहते हैं. फिर उन्होंने माफिया और दंगा-आरोपियों को टिकट क्यों दिया है? नई सपा नहीं, ये वही सपा है. मौर्य ने कहा, लोग उनसे नाराज हैं और उन्हें वोट नहीं देंगे. मौर्य ने भाजपा को पसंद करने वाले मतदाताओं के लिए बिजली को एक प्रमुख कारण बताया. उन्होंने कहा, सपा के समय में बिजली आती नहीं थी, अब जाती नहीं है. मौर्य ने कहा, किसी भी गुंडे को इस भ्रम में नहीं रहना चाहिए कि अगर वह किसी पार्टी या विधायक या सांसद में पोस्ट-होल्डर है और उसने कोई अवैध जमीन हथिया ली है, तो वहां बुलडोजर नहीं चलेगा. मौर्य ने कहा, मैं ऐसे व्यक्ति को बताना चाहता हूं कि 10 मार्च के बाद फिर से बुलडोजर चलेगा और हम गरीबों और स्कूलों के लिए घर बनाने के लिए एक-एक इंच जमीन खाली करवा देंगे.