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यूपी चुनाव: अखिलेश यादव की प्रतिष्ठा दांव पर, करहल से ठोक रहे ताल

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के परिणाम 10 मार्च को सबके सामने होंगे. हालांकि एग्जिट पोल ने चुनाव परिणाम की धुंधली तस्वीर जरूर दिखा दी है, लेेकिन सटीक पिक्चर मतगणना के दिन ही दिखाई देगी.

Updated on: 08 Mar 2022, 10:55 PM

नई दिल्ली:

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के परिणाम 10 मार्च को सबके सामने होंगे. हालांकि एग्जिट पोल ने चुनाव परिणाम की धुंधली तस्वीर जरूर दिखा दी है, लेेकिन सटीक पिक्चर मतगणना के दिन ही दिखाई देगी. इस चुनाव में रानजीति के कई दिग्गजों की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी है, जिसमें एक हैं अखिलेश यादव. मैनपुरी की करहल सीट से ताल ठोंकने वाले अखिलेश यादव की टक्कर यहां बीजेपी सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे एसपी सिंह बघेल से मानी जा रही है.  अखिलेश यादव एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं जो उत्तर प्रदेश के सबसे युवा मुख्यमंत्री रह चुके हैं. इससे पूर्व वे लगातार तीन बार सांसद भी रह चुके हैं। समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के पुत्र अखिलेश ने 2012 के उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव में अपनी पार्टी का नेतृत्व किया. उनकी पार्टी को राज्य में स्पष्ट बहुमत मिलने के बाद, 15 मार्च 2012 को उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण की.

अखिलेश यादव का जन्म 1 जुलाई 1973 को इटावा जिले के सैफई गाँव में समाजवादी पार्टी के नेता मुलायम सिंह यादव की पहली पत्नी मालती देवी के यहाँ हुआ. अखिलेश शाकाहारी है. इनका विवाह डिम्पल यादव के साथ 24 नवंबर 1999 को हुआ था. अखिलेश तीन बच्चों के पिता हैं। इनकी पत्नी सांसद का चुनाव लडी हैं पर 2019 में हार गई हैं.अखिलेश ने मई 2009 के लोकसभा उप-चुनाव में फिरोजाबाद सीट से अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी एस०पी०एस० बघेल को 67,301 मतों से हराकर सफलता प्राप्त की. इसके अतिरिक्त वे कन्नौज से भी जीते. बाद में उन्होंने फिरोजाबाद सीट से त्यागपत्र दे दिया और कन्नौज सीट अपने पास रखी. मार्च 2012 के विधान सभा चुनाव में 224 सीटें जीतकर मात्र 38 वर्ष की आयु में ही वे उत्तर प्रदेश के 33वें मुख्यमन्त्री बन गये.