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लोकसभा चुनाव

यूपी चुनाव 2022: दलों के 25 फीसदी उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले

156 पर आपराधिक मामले हैं, जिनमें से 20 फीसदी पर गंभीर आपराधिक मामले हैं. सभी प्रत्याशियों में 48 फीसदी करोड़पति हैं.

Updated on: 03 Feb 2022, 08:54 AM

highlights

  • पहले चरण के 623 प्रत्याशियों में से 156 पर आपराधिक मामले
  • महिला उत्पीड़न के मुकदमों में फंसे नेताओं को भी बनाया प्रत्याशी
  • भाजपा के 57 उम्मीदवारों की औसत संपत्ति 12.01 करोड़

लखनऊ:

यूपी के पहले चरण का मतदान 10 फरवरी को होना है. इस चरण में कुल 623 प्रत्याशी मैदान में हैं. 623 प्रत्याशियों में से 25 फीसदी यानी 156 पर आपराधिक मामले हैं, जिनमें से 20 फीसदी पर गंभीर आपराधिक मामले हैं. सभी प्रत्याशियों में 48 फीसदी करोड़पति हैं. पहले चरण में चुनाव लड़ने वाले 623 में से 615 उम्मीदवारों के शपथपत्रों का विश्लेषण किया है, जो 58 निर्वाचन क्षेत्रों से चुनाव लड़ रहे हैं. इन 615 उम्मीदवारों में से 156 ने अपने ऊपर आपराधिक मामले घोषित किए हैं, जिसमें से 20 फीसदी पर गंभीर आपराधिक मामले हैं.

एक नजर आपराधिक मामलों वाले उम्मीदवारों की संख्या पर
एसोसिएशन फॉर डेमोकेट्रिक रिफॉर्म्स (एडीआर) यूपी इलेक्शन वॉच ने प्रत्याशियों के नामांकन पत्रों का विश्लेषण कर यह रिपोर्ट जारी की है. संस्था के राज्य संयोजक अनिल शर्मा व संतोष श्रीवास्तव तथा कोर टीम के सदस्य एवं पूर्व जिला जज शक्तिकांत श्रीवास्तव ने यह जानकारी दी. आपराधिक मामले घोषित करने वाले उम्मीदवारों का दलवार विवरण देखें तो समाजवादी पार्टी के 28 में से 21 (75 प्रतिशत), राष्ट्रीय लोकदल के 29 में से 17 (59 प्रतिशत), भाजपा के 57 में से 29 (51 प्रतिशत), कांग्रेस के 58 में से 21 (36 प्रतिशत), बसपा के 56 में से 19 (34 प्रतिशत), आम आदमी पार्टी (आप) के 52 में से 8 (15 प्रतिशत) हैं.

गंभीर आपराधिक मामलों में कई दल नहीं पीछे
गंभीर आपराधिक मामलों में की बात करें तो सपा के 61 प्रतिशत, रालोद के 52 प्रतिशत, भाजपा के 39 प्रतिशत, कांग्रेस के 19 प्रतिशत, बसपा के 29 प्रतिशत और आप के 10 प्रतिशत उम्मीदवार हैं. गौर करने वाली बात है कि महिला सशक्तिकरण और उनके हक की आवाज बुलंद करने वाले दलों ने उन दावेदारों को भी टिकट देने से परहेज नहीं किया, जो महिला उत्पीड़न के मुकदमों में फंसे हैं. महिलाओं पर अत्याचार से संबंधित मामले घोषित करने वाले उम्मीदवारों की संख्या 12 है, जबकि एक उम्मीदवार ने दुष्कर्म से संबंधित मामला घोषित किया है. इसी तरह हत्या से संबंधित मामले घोषित करने वाले उम्मीदवारों की संख्या छह है, जिन्होंने आईपीसी की धारा-302 से संबंधित मामले घोषित किए हैं.

48 फीसद करोड़पति उम्मीदवार
हत्या के प्रयास से संबंधित मामले घोषित करने वाले उम्मीदवारों की संख्या 30 है. पहले चरण में 58 में से 31 संवेदनशील निर्वाचन क्षेत्र हैं, जहां तीन या उससे अधिक उम्मीदवारों ने अपने ऊपर गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए हैं. एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार 615 उम्मीदवारों में से 280 (48 प्रतिशत) करोड़पति उम्मीदवार हैं. रालोद के 29 में से 28 (97 प्रतिशत), भाजपा के 57 में से 55 (97 प्रतिशत), बसपा के 56 में से 50 (89 प्रतिशत), सपा के 28 में से 23 (82 प्रतिशत), कांग्रेस के 58 में से 32 (55 प्रतिशत) और आप के 52 में से 22 (42 प्रतिशत) उम्मीदवार करोड़पति हैं. पहले चरण के उम्मीदवारों की औसत संपत्ति 3.72 करोड़ रुपये है. मुख्य दलों में सपा के 28 प्रत्याशियों की औसत संपत्ति 13.23 करोड़, भाजपा के 57 उम्मीदवारों की औसत संपत्ति 12.01 करोड़, रालोद के 29 उम्मीदवारों की औसत संपत्ति 8.32 करोड़, बसपा के 56 प्रत्याशियों की संपत्ति 7.71 करोड़, कांग्रेस के उम्मीदवारों की 3.08 करोड़ और आप के 52 उम्मीदवारों की संपत्ति 1.12 करोड़ रुपये है.