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उलूबेरिया पुरबा विधानसभा सीट का हाल( Photo Credit : न्यूज नेशन)
उलूबेरिया पुरबा विधानसभा सीट पश्चिम बंगाल के हावड़ा जिले में आती है. साल 2016 में उलूबेरिया पुरबा विधानसभा सीट पर कुल 83 फीसदी वोटिंग हुई थी. 2016 में ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस से हैदर अजीज सफ़वी ने सीपीएम के साबिरुद्दीन मोल्ला को 16,269 वोटों से शिकस्त दी थी. उलूबेरिया पुरबा विधानसभा सीट पश्चिम बंगाल की सबसे महत्वपूर्ण विधानसभा सीटों में से एक है. यह विधानसभा सीट पश्चिम बंगाल में हावड़ा के अंतर्गत आती है.
आपको बता दें कि साल 2016 में हुए उलूबेरिया पुरबा विधानसभा सीट पर हुए चुनाव में कुल दो लाख पांच हजार नौ सौ नवासी (205989) मतदाता थे. साल 2016 के विधानसभा चुनाव में उलूबेरिया पुरबा विधानसभा सीट से कुल एक लाख इकहत्तर हजार दो सौ तैंतालिस (171243) मतदाताओं ने अपने मत का प्रयोग किया था. पश्चिम बंगाल की इस विधानसभा सीट पर 52.32 फीसदी पुरुष मतदाता हैं, जबकि 47.68 फीसदी महिला मतदाता हैं.
उलूबेरिया पुरबा विधानसभा सीट मौजूदा समय सत्तारूढ़ दल टीएमसी के हाथों में है. हैदर अजीज सफ़वी ने पिछले विधानसभा चुनाव में बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए उलूबेरिया पुरबा विधानसभा सीट से अपने निकटतम प्रतिद्वंदी सीपीएम के साबिरुद्दीन मोल्ला को 16,269 वोटों से करारी शिकस्त दी थी. वहीं इस चुनाव में तीसरे नंबर पर बीजेपी के प्रत्याशी पॉपिया मंडल 28,229 वोटों के साथ रहे. वहीं इस विधानसभा सीट पर 5262 वोटों के साथ आईएनडी के इम्तियाज अहमद मोल्ला चौथे नंबर पर रहे.
साल 2016 में ऐसी रही वोटिंग
उलूबेरिया पुरबा विधानसभा सीट पर साल 2016 में में कुल 83 फीसदी मतदान हुआ था. 2016 में ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस से हैदर अजीज सफ़वी ने अपने निकटम प्रतिद्वंदी सीपीएम के साबिरुद्दीन मोल्ला को 16,269 वोटों से करारी शिकस्त दी थी. उलूबेरिया पुरबा विधानसभा सीट हावड़ा जिले के अंतर्गत आती है. इस संसदीय क्षेत्र से ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस के प्रसून बनर्जी सांसद हैं. उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के रंतिदेव सेन गुप्ता को 103695 से हराया था.
बीजेपी-टीएमसी के बीच सियासी घमासान
साल 2016 में हुए विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी का यहां पर दूर-दूर तक नाम-ओ-निशान नहीं था, लेकिन लोकसभा चुनाव  
2019 में अमित शाह की अगुवई में बीजेपी ने पश्चिम बंगाल में धमाकेदार प्रदर्शन किया और 18 सीटें जीतीं जिसके बाद अब यहां पर  
बीजेपी टीएमसी की सबसे निकटतम प्रतिद्वंदी दिखाई दे रही है. पश्चिम बंगाल के मौजूदा राजनीतिक हालात को देखते हुए कुछ भी  
कहना मुश्किल है. एक ओर बीजेपी ने पूरी टीएमसी को तोड़कर रख दिया है, मुकुल रॉय, शुभेन्दु अधिकारी सहित टीएमसी के कई दिग्गज नेता अब बीजेपी टीएमसी को छोड़कर बीजेपी का दामन थाम चुके हैं. इस लिहाज से अब जनता ही पश्चिम बंगाल की सियासत  
का परिणाम बताएगी. 
Source : News Nation Bureau
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