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BJP इसलिए बता रही दिल्ली के सभी Exit Poll को फेल?, कुछ ही देर में तस्वीर हो जाएगी साफ

दिल्ली विधानसभा चुनाव (Delhi Assembly Results 2020) में मतदान के बाद जारी सभी एक्जिट पोल (Exit Poll) ने केजरीवाल सरकार की सत्ता में वापसी की भविष्यवाणी कर दी, मगर भाजपा (BJP) नेता हैं कि मानते ही नहीं.

Updated on: 11 Feb 2020, 07:25 AM

highlights

  • सभी एक्जिट पोल ने केजरीवाल सरकार की वापसी की भविष्यवाणी कर दी.
  • सांसद प्रवेश वर्मा भी दिल्ली एग्जिट पोल से इत्तेफाक नहीं रखते.
  • मतदान की अंतिम उछाल चुनाव सर्वेक्षणों को गलत साबित कर सकती है.

नई दिल्ली:

दिल्ली विधानसभा चुनाव (Delhi Assembly Results 2020) में मतदान के बाद जारी सभी एक्जिट पोल (Exit Poll) ने केजरीवाल सरकार की सत्ता में वापसी की भविष्यवाणी कर दी, मगर भाजपा (BJP) नेता हैं कि मानते ही नहीं. उनका दावा है कि मंगलवार को जब ईवीएम (EVM) खुलेगी तो सारे एक्जिट पोल फेल हो जाएंगे और भाजपा सबको चौंकाते हुए बहुमत (Majority) से भी ज्यादा सीटें हासिल करेगी. मतदान (Delhi Assembley Voting) के दिन आखिरी घंटों में अचानक बढ़े वोट प्रतिशत को जहां भाजपा अपने लिए शुभ संकेत मान रही है, वहीं आम आदमी पार्टी (AAP) ईवीएम में खेल का भी अंदेशा जताने लगी है. हालांकि चुनाव आयोग ने साफ कर दिया है कि ईवीएम शक से परे है.

मनोज तिवारी ने किया था बड़ा दावा
भाजपा नेताओं द्वारा एग्जिट पोल को ठुकराए जाने की बात करें, तो प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी 2017 में पंजाब चुनाव के एक एग्जिट पोल का हवाला देते हुए दिल्ली के एग्जिट पोल के भी गलत साबित होने की बात कहते हैं. दरअसल, इस एग्जिट पोल में कहा गया था कि पंजाब में आम आदमी पार्टी 59 से 67 सीटें जीतकर सरकार बनाएगी, मगर वहां के नतीजों में कांग्रेस ने बाजी मारी थी. मनोज तिवारी ने ट्वीट कर कहा है, 'ये सभी एग्जिट पोल फेल होंगे. मेरा ट्वीट संभालकर रखिएगा. 48 सीटें लेकर भाजपा सरकार बनाएगी.'

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प्रवेश वर्मा भी कर रहे बहुमत का दावा
उधर, पश्चिमी दिल्ली के चर्चित सांसद प्रवेश वर्मा भी एग्जिट पोल से इत्तेफाक नहीं रखते. वह ट्वीट कर भाजपा के 50 सीटें जीतने का दावा कर चुके हैं. उन्होंने आम आदमी पार्टी के खाते में सिर्फ 16 और कांग्रेस के महज चार सीटें जीतने की भी बात कही है. भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने भी अपने कुछ ट्वीटों के जरिए कहा है कि 8 फरवरी को, मतदान के दिन आखिरी कुछ घंटों में मतदान प्रतिशत बढ़ने के कारण चौंकाने वाले नतीजे आएंगे. उनके मुताबिक, बढ़ा मतदान प्रतिशत भाजपा के लिए शुभ संकेत है. वह अचानक बढ़े मतदान प्रतिशत के पीछे भाजपा काडर और कार्यकर्ताओं की मेहनत को श्रेय देते हैं.

मतदान के आंकड़े रोचक
उन्होंने अपने एक ट्वीट में कहा, 'दिल्ली में 62.59 प्रतिशत मतदान होने की पुष्टि चुनाव आयोग ने की. यह 2019 के लोकसभा चुनाव से लगभग दो प्रतिशत अधिक है. इससे मामला और दिलचस्प हो जाता है.' इससे पहले के एक ट्वीट में अमित मालवीय ने कहा था, 'दोपहर तीन बजे 30.18 प्रतिशत मतदान हुआ, चुनाव आयोग ने रात में 11.30 बजे बताया कि 61.71 प्रतिशत हुआ है. देरी से हुई यह उछाल चुनाव सर्वेक्षणों को गलत साबित कर सकती है. मत भूलिए कि भाजपा ने अपने काडर और वॉलंटियर्स को वोट डालने के लिए निकाल दिया था. यह सुविधा दूसरों के पास नहीं है.'

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बीजेपी नहीं मानती एक्जिट पोल को अंतिम
भाजपा नेताओं की ओर से आखिर एग्जिट पोल को गलत क्यों ठहराया जा रहा है, इस आत्मविश्वास के पीछे की वजह क्या है? पार्टी सूत्रों का कहना है कि एग्जिट पोल अंतिम नतीजे नहीं होते. देश में हुए कई चुनावों के दौरान एग्जिट पोल गलत साबित हुए हैं. भाजपा से जुड़े सूत्रों का कहना है कि अगर एग्जिट पोल हमेशा सच होते तो फिर पंजाब में क्यों नहीं हुए, जहां आम आदमी पार्टी की सरकार बनने की भविष्यवाणी की गई थी. बिहार में भी एग्जिट पोल के दावे के मुताबिक भाजपा नहीं जीत सकी थी.

ये भी हैं उत्साह की वजहें
भाजपा प्रवक्ता अश्विनी उपाध्याय कहते हैं कि नुक्कड़ सभाओं के जरिए भाजपा गली से लेकर मुहल्ले के मतदाताओं से संवाद करने में सफल रही. दिल्ली का कोई ऐसा वार्ड नहीं था, जहां भाजपा के बड़े नेताओं ने सभाएं नहीं कीं. टीवी चैनलों ने एग्जिट पोल के आंकड़े चुनने के लिए शाम छह बजे तक यानी मतदान खत्म होने का इंतजार नहीं किया, बल्कि दो से लेकर तीन बजे तक के आंकड़ों के आधार पर एक्जिट पोल शाम को जारी किया, जिस कारण एग्जिट पोल से सही तस्वीर सामने नहीं आ सकी है.